मरे सांप को दिखा कर तमाशा कर रहा कालरी प्रबंधन, दो बाबू निलंबित बड़े अधिकारियों को अभयदान

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आरोपियों पर हो देशद्रोह का मामला हो दर्ज बड़े अधिकारियों की भी हो जांच

इंट्रो
29 मई की सुबह से ही एसईसीएल में हड़कंप मचा हुआ है अनूपपुर पुलिस ने काले हीरे के काले खेल को उजागर किया एक ही नंबर का उपयोग कर आधा दर्जन से ज्यादा ट्रेलर कोयले की हेराफेरी करते रहे और यह सब तब हो रहा था जब सोहागपुर क्षेत्र के अधिकारी तीसरी आंख से निगरानी का दम भर रहे थे पुलिस ने खेल पकड़ा जिसके बाद सभी अधिकारियों ने अपने अपने उच्चाधिकारियों के पैर पकड़ लिए। मामले के खुलासे के साथ ही दो बाबू अजीत तिवारी और बृजेंद्र कांत द्विवेदी को निलंबित कर दिया गया सवाल यहां यह खड़ा होता है कि बगैर प्रबंधक उप क्षेत्रीय प्रबंधक और खदान के अंदर मौजूद नोडल अधिकारी के मिलीभगत के हर दिन इतना बड़ा खेल नहीं हो सकता काले प्रबंधन अपने अधिकारियों को बचाने के लिए छोटे कर्मचारियों को शहीद करके वाहवाही लूट रही है अनूपपुर पुलिस मैं अब सुहागपुर एरिया के महाप्रबंधक शंकर नागाचारी उप क्षेत्रीय महाप्रबंधक जे अब्राहम खदान के प्रबंधक विपिन कुमार को नोटिस जारी करते हुए तलब किया है वहीं पुलिस की दूसरी टीम खदान में दस्तावेजों को भी खंगाल रही है कालरी प्रबंधन ने 2 कर्मचारियों को निलंबित कर शेष सभी को क्लीन चिट दे दी है वही अब उम्मीद टिकी है अनूपपुर पुलिस अधीक्षक एम एल सोलंकी पर पुलिस की कार्यवाही में ही सफेद कालर वालों के काले खेल के उजागर होने की उम्मीद है

स्याह रात का खेल अधिकारी हुए पास बाबू फेल

धनपुरी, रात के अंधेरे का फायदा कोयला चोरों से बेहतर कौन समझता होगा, रात हो और एस ई सी एल के कर्मचारियों का साथ हो तो सब कुछ संभव हो जाता है। कोयला खदानों से चोरी की यह कोई पहली घटना तो नही है। लेकिन सब पर कोयले की मोटी परत चढ़ा कर दबा दिया जाता रहा है, जब चोर और कर्मचारियों की मिलीभगत उजागर हो तो वहाँ सीसीटीवी कैमरा और फुटेज से क्या हासिल होगा, लेकिन इन्ही सब की कलाई खोलने के लिए अनूपपुर पुलिस कप्तान अपने सभी थानों को हिदायत दे चुके है कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नही की जाएगी, बहरहाल चचाई पुलिस के इस साहसिक कार्यो की सभी लोग प्रसंशा कर रहे है।

क्या है मामला

बीती रात कोयले की नगरी में सब कुछ काला ही काला देखने को मिल रहा, लॉक डाउन का फायदा उठा कर कोयले की तस्करी करने वालो की चाँदी कट रही है। बीते दिनों चचाई पुलिस ऐसे ही एक मामले को जाँच के दौरान पकड़ा, सुबह लगभग 5 बजे धनपुरी की ओर से ट्रक क्रमांक CG- 10AV-9592 कोयला लोड ले कर आ रहा था, पुलिस ने जाँच के लिए जब गाड़ी को रुकवाया तो पुलिस का संदेह सच निकला एक गाड़ी को दो अलग अलग नंबर प्लेट के सहारे कोयला चोरी कर छत्तीसगढ़ ले जाया जा रहा था,

पुलिस द्वारा जारी प्रेसनोट में ये थी कहानी

चचाई,दिनांक 29 मई को रात्रि करीब 12 बजे मुखबिर सूचना मिली की धनपुरी ओ सी एम डी सेक्टर के बुम्म बेरियर से दो ट्रेलर जिनका नं.CGIOAV9592 अवैध रूप से कोयला लोड करके धनपुरी डी – सेक्टर से बिलासपुर तरफ जाने वाले हैं। मुखबिर द्वारा यह भी बताया गया कि ए.आर. कोल कंपनी के ट्रेलर क्र. CGIOAV9594 के सही नम्बर प्लेट पर कूट रचना करते हुए फर्जी नं. पीले रंग के प्लास्टिक में काले रंग के रेडियम स्टीकर से CG10AV9592 लिखा हुआ चिपकाकर लगाकर दोनों ट्रेलरो के नम्बर प्लेट में एक ही वाहन के नम्बर प्लेट लगे हैं उक्त ट्रेलर में अवैध रूप से कोयला लोड कर धनपुरी ओसीएम डी सेक्टर से बिलासपुर तरफ जायेगा। मुखबिर की सूचना पर रेड कार्यवाही किया गया दौरान रेड कार्यवाही उक्त फर्जी नं० के ट्रेलर में अवैध रूप से 32.770 टन कोयला कीमती 01 लाख बिना टीपी के व वाहन ट्रेलर कीमती 40 लाख, 01 पिकअप कीमती 04 लाख कुल 45 लाख रूपये का ट्रेलर व पिकअप वाहन चालक राजकुमार यादव पिता कमलेश यादव उम्र 20 साल निवासी बरहाटोला, संजय मिश्रा पिता बाबू लाल मिश्रा उम्र 46 साल निवासी पसान थाना भालूमाड़ा, यशचन्द्रा पिता मनोज चन्द्रा उम्र 21 साल निवासी बिलासपुर के कब्जे से जम किया जाकर गिरफ्तार किया गया है तथा आरोपी मैनेजर गज्जू सिंह उर्फ गजेन्द्र सिंह, ट्रेलर वाहन का मालिक (स्वामी), धनपुरी ओसीएम डी सेक्टर का बुम्म बैरियर का व्यक्ति, कांटा घर में कार्यरत कर्मचारी, टायरेक्स लोडिंग आपरेटर के खिलाफ थाना चचाई में अप) धारा 379,414,467, 468, 471, 120बी ताहिए एवं 4/21 खान खनिज अधि) कायम किया गया है। जो 05 व्यक्ति दस्तयाब नहीं हुए हैं। श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय अनूपपुर श्री एम. एल. सोलंकी (भा.पु.से), अति) पुलिस अधीक्षक महोदय श्री अभिषेक राजन के कुशल निर्देशन में एवं एसडीओ (पी) अनूपपुर कीर्ति सिंह बघेल के कुशल नेतृत्व में थाना प्रभारी निरीक्षक बी. एन. प्रजापति द्वारा गठित टीम उनि संजय खलखो, सउनि महिपाल प्रजापति, सउनि सुखीनंद यादव,  प्र.आर. विनय त्रिपाठी, आर० शेख रसीद के व्दारा उक्त कार्यवाही में सराहनीय योगदान रहा।

किसकी मिलीभगत

जब इस चोरी की घटना की जानकारी मीडिया में आई तो मीडियाकर्मियों ने पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त कालरी के बूम बैरियर, व वजन घर (कांटा घर) मे लगे सी सी टी वी औऱ बाबुओं के मिलीभगत व बिना गार्ड के कैसे संभव होगा?
लोग दबी जुबान से कह रहे कि रात में जब कांटे पर ब्रजेन्द्र द्विवेदी
व बूम बैरियल में अजीत तिवारी पदस्थ थे, तो फिर यह कैसे संभव हुआबहरहाल खबर लिखे जाने तक पुलिस इस मे संलिप्त लोगो की जाँच में जुटी है।

अधिकारियों की भूमिका से इंकार नही

ए आर कोल ट्रांसपोर्टर द्वारा की गई इस चोरी में बिना अधिकारियों के मिलीभगत के ये सब कैसे संभव है एस ई सी एल के कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध,नोडल अधिकारी ,अजीत तिवारी, फील्ड इंचार्ज एस के सिंह, व बुढार साइडिंग की मिलीभगत से यह खेल बीते माह से चल रहा था,जब पुलिस ने बीती रात इस कोयला चोरी के राज से पर्दा उठाया तो कई सफेदपोश कोयले की कालिख से बच न सके सूत्रों की माने तो विपिन कुमार खदान के प्रभारी है उनकी बगैर जानकारी के कोयला खदान से कैसे निकला? कांटा बाबू ब्रजेन्द्र कांत द्विवेदी,अभिषेक, कोयला खदान में प्रवेश से पहले अजीत तिवारी गाड़ी के सारे प्रमाणिक दस्तावेज की जांच करते है, फिर उसके बाद ट्रकों को अंदर जाने की परमिशन होती है, अब सवाल यह उठता है कि इस खेल के पीछे किनका हाँथ है यह पुलिस जाँच का विसय है।

जीपीआरएस से कर रहे थे गुमराह

जब इस बावत हमारे प्रतिनिधि ने जानकारी लेनी शुरू की तो पता चला ट्रक में उपयोग होने वाला जीपीआरएस ट्रकों की सही स्थिति को बताता है, बस यही से शुरू हुआ खेल, ट्रक का जीपीआरएस निकाल कर पिकअप में लगाया गया, ताकि लोगो को गुमराह किया जा सके, ट्रक कोयला लेकर छत्तीसगढ़ की सीमा पार करेगा लेकिन जी पी आर एस में कोयला लदा ट्रक बुढार साइडिंग में दिखाया जाएगा, शातिर और कूटनीति रचनाकार अंततः पुलिस की पैनी निगाहों से बच न सके, अभी तो बहुत सारे राज खुलने बाकी है।

राष्ट्र की समपत्ति चोरों के हाँथ

कोल इंडिया को महारत्न कंपनी का दर्जा प्राप्त है, मिनी रत्न कंपनी का दर्जा प्राप्त एसईसीएल में कॉलरी प्रबंधन ने चोरों के हाथ में देश की धरोहर को सौंप दिया है मामले के खुलासे के साथ ही दो बाबूओ को निलंबित कर दिया गया नाखून कटा कर शहादत देने जैसी कार्रवाई करके बड़े मगरमच्छों को बचाने की कोशिश की जा रही है बीते 1 महीने से चल रहे इस काले खेल में शामिल अधिकारियों को अभय दान दिया जा रहा है एक तरफ पुलिस की जांच तो दूसरी तरफ प्रबंधन भी जांच के दावे कर रही है अपनों को बचाने के लिए सारे हथकंडे भी अपनाए जा रहे हैं क्षेत्रीय प्रबंधक और खदान प्रबंधक को भी जांच के दायरे में लाकर दोषियों के विरुद्ध देशद्रोह का मामला भी पंजीबद्ध कराया जाए।

करोड़ो का हुआ कोयला पार

जब इस बावत पुलिस ने ट्रक चालक से पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि बीते एक माह से हर रात तीन से चार ट्रिप कोयला कालरी के कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत से प्रतिदिन छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा ले जाया जा रहा है
पकड़े गए कीमत की अनुमानित लागत लगभग एक लाख पचास हजार अंकित की गई है, मतलब करोड़ो रूपये का कोयला इस बीते माह सिर्फ धनपुरी ओ सी एम से ही पार करा दिया गया तो बाकी कोयला खदानों से न जाने कितना कोयला पार हो चुका होगा, बहरहाल मामला पुलिस के हाँथ में है जाँच के बाद ही इस कोयले की कालिख़ के राज खुलेंगे

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