छत्तीसगढ़ की हर महिला यहां की राज्यपाल : अनुसुइया उइके

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रायपुर: राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की हर महिला यहां की राज्यपाल है।सभी महिलाएं अपना आत्म विश्वास मजबूत रखें। साथ ही यह संकल्प लेते हुए अपने आप से कहें कि मैं हर कार्य करने सक्षम हूं और कुछ अच्छा कार्य करूंगी जिससे समाज को प्रेरणा मिलेगी। सुश्री उइके आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर रायपुर प्रेस क्लब एवं शुभम शिक्षण एवं कला संस्थान द्वारा ‘‘नारी शक्ति की समाज में भूमिका’’ विषय पर आयोजित परिचर्चा को संबोधित कर रही थीं। राज्यपाल ने महिला पत्रकारों की सराहना करते हुए कहा कि मैं उनके जज्बे को सैल्यूट करती हूं। जिस खूबी से वे अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करती हैं, वह काबिले तारीफ है। यह क्षेत्र उनके लिए कई बार जोखिम भरा भी होता है परंतु वे दिलेरी से अपना दायित्व निभाती हैं।

सुश्री उइके ने कहा कि छत्तीसगढ़ की राज्यपाल बनने के बाद रायपुर प्रेस क्लब में आयोजित इस कार्यक्रम में आने का पहली बार अवसर मिला। इसके लिए उन्होंने प्रेस क्लब के पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया। साथ ही उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार स्व. मधुकर खेर को नमन करते हुए कहा कि प्रेस क्लब वह स्थान है जहां पर समाज को जागरूक करने वाले, जनससमयाओं और सकारात्मक समाचारों को दुनिया के सामने लाने वाले प्रबुद्धजन विचार मंथन करते हैं। उन्होंने महिलाओं से कहा कि जीवन में कितनी भी चुनौतियां आयें, अपने आत्म विश्वास को बनाए रखें। हमेशा हौसला बनाएं रखें, आपको सफलता अवश्य मिलेगी।

राज्यपाल ने नक्सलवाद की समस्या पर चर्चा करते हुए कहा कि यह विडंबना है कि छत्तीसगढ़ का एक बड़ा हिस्सा इस जटिल समस्या से जुझ रहा हैं। मैंने राज्यपाल का दायित्व सम्हालते ही इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और वहां के निवासियों से मुलाकात कर इस समस्या को जानने का प्रयास किया। उनका कहना था कि यह समस्या सिर्फ आदिवासी क्षेत्रों में ही क्यों ज्यादा पनप रही है। इस समस्या के समाधान के लिए उस क्षेत्र के लोगों को विश्वास में लेकर बातचीत करना आवश्यक है। मैंने राज्यपाल के सम्मेलन में इस मुद्दे को उठाते हुए आवश्यक पहल करने का अनुरोध किया था।

राज्यपाल ने कहा कि आज जब हम महिला दिवस के अवसर पर इतने आयोजन कर रहे हैं तो पूरे समाज को इस बात का मंथन करना चाहिए। आज हमारे सामने तमाम सुविधाएं, शिक्षा, तकनीक के साधन हैं, फिर भी समय-समय पर महिला अपराध की खबरें क्यों आ रही हैं? यदि कोई बेटी आगे बढ़ती है तो समाज के कुछ तत्वों द्वारा क्यों प्रश्न चिन्ह उठाएं जाते हैं। वास्तव में यह हमारी सोच का परिणाम है, हमारे विचारों में आमूलचुल परिवर्तन लाना होगा। हमारे दृष्टिकोण में बदलाव लाना होगा। हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि यह बेटी है या बेटा। यह काम लड़कियां नहीं कर सकतीं। वे जहां भी जाना चाहें, उनका भरपूर उत्साहवर्धन करें, उन्हें हिम्मत दें।

वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर ने स्व. अर्जुन सिंह के पंजाब मेें राज्यपाल के कार्यकाल की घटना को याद करते हुए कहा कि जब मैंने प्रेस क्लब में प्रवेश किया तो पुलिस बैंड की धुन सुनकर उस समय की शहादत याद आ गई। आज छत्तीसगढ़ नक्सलवाद से जूझ रहा है। श्री नैयर ने राज्यपाल से इस समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार से आवश्यक पहल करने का आग्रह किया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार डॉ. रत्ना वर्मा, पद्मश्री श्रीमती फुलबासन यादव, खैरागढ़ विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती ममता चंद्राकर, अपर कलेक्टर श्रीमती पद्मिनी भोई, श्रीमती मंजूलता बरड़िया, श्रीमती उर्मिला देवी और डॉ. मोनिका अग्रवाल को सम्मानित किया गया। यह आयोजन रायपुर प्रेस क्लब एवं शुभम शिक्षण एवं कला संस्थान द्वारा किया गया।

इस अवसर पर राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास, राष्ट्रीय महिला आयोग की सलाहकार सदस्य श्रीमती हर्षिता पांडेय, शुभम शिक्षण एवं कला संस्थान की प्रमुख श्रीमती महुआ मजूमदार, प्रेस क्लब के अध्यक्ष दामु आंबेडारे, कोषाध्यक्ष सुश्री शगुफ्ता शीरीन सहित प्रेस क्लब के सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम संचालन रेडियो जॉकी नामित ने किया।

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