गांव में गरीबों के पक्के मकान का सपना होने लगे साकार

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JOGI EXPRESS

अम्बिकापुर – किसी भी व्यक्ति के जीवन में रोटी, कपड़ा और मकान मूलभूत आवष्यकताएं होती है। प्रायः लोग भोजन और कपड़े की व्यवस्था तो कर ही लेते हैं, किन्तु कुछ लोगों के लिए खुद के मकान का सपना जीवन भर एक सपना ही बनकर रह जाता था। आदिवासी बाहुल्य सरगुजा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग डेढ़ दषक पहले अधिकांष खपरैल वाले कच्चे मकान हुआ करते थे, लेकिन अब सरकार की जनहितकारी योजनाओं के कारण सरगुजा के गांवों में भी गरीबों के पक्के मकान नजर आने लगे हैं।

 खपरैल वाले मकान होने के कारण ग्रामीणों को प्रत्येक वर्ष बारिष आने के पहले छप्पर की मरम्मत करनी पड़ती थी तथा आवष्यकतानुसार खपरे भी बदले जाते हैं। बंदरों के छप्पर पर चढ़ जाने अथवा आंधी-तूफान के कारण मिट्टी से बने खपरे टूट-फूट जाते हैं और गरीबी के कारण आवष्यक सुधार नहीं होने पर बरसात के दिनों में छप्पर से पानी रिसने लगता था तथा फर्ष और दीवार मिट्टी से बने होने के कारण घर में सीलन आ जाता था, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होता था। इन परिस्थितियों के कारण बरसात के दिनों में कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में बुखार, मलेरिया और पीलिया आदि बीमारियां पैर पसारने लगती थी। 
वर्षो पहले प्रायः गांवों में पक्के मकानों की संख्या एक-दो हुआ करते थे। पक्के मकान नहीं बना पाने का मुख्य कारण गरीबी ही रही है। कुछ परिवार तो आजीवन मकान नहीं बना पाते थे और पुस्तैनी पुराने मकान में ही रहकर मजदूरी करते हुए अपना पूरा जीवन गुजार देते थे। उसका एक कारण गावों में पर्याप्त मात्रा में मजदूरी उपलब्ध नहीं होना भी था, सिर्फ कृषि कार्यो के समय ही लोगों को मजदूरी प्राप्त होती थी। गरीब आदमी तो पक्के मकान का सपना भी नहीं देख पाता था।  
यूं तो केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा गरीबों के हित में अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जाती हैं, किन्तु गरीबों के पक्के मकान का सपना पूरा करने में प्रधानमंत्री आवास योजना कारगर साबित हो रही है। ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांष गरीब परिवार के लोग जो कभी सपने में भी स्वंय के पक्के मकान के बारे में नहीं सोचते थे, आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उनके पक्के मकान बन रहे हैं और कई हितग्राहियों के पक्के मकान बन चुके हैं, जो उन पक्के मकानों में मूलभूत सुविधाओं सहित सुकून भरी जिन्दगी गुजार रहे हैं।            
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरगुजा जिले में अब तक 25254 आवास स्वीकृत किये गये हैं और इनमें से 5734 आवास निर्माण का कार्य पूर्ण भी हो चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत आवास निर्माण के हितग्राही पूरी तल्लीनता के साथ अपना पक्का घर बनाने में जुटे हैं। इसे लिए उन्हें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूरी भी दी जा रही है। इन आवासों को बिजली, पानी और शौचालय की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे आस-पास के वातावरण को स्वच्छ बनाये रखने में मदद मिल रही है। इसके साथ ही अब ग्रामीणों को रात्रि में शौच के लिए बाहर जाते समय सांप, बिच्छू या जंगली जानवरों के भय से मुक्ति मिल रही है।  
 सरगुजा जैसे हाथी प्रभावित क्षेत्र में पक्के मकानों की विषेष आवष्यकता है, क्योंकि हाथी पक्के मकानों को क्षति नहीं पहुंचाते हैं। इसी बात को दृष्टिगत रखकर जिला प्रषासन द्वारा मैनपाट, उदयपुर एवं लखनपुर जनपद के क्षेत्रों में पक्के मकान बनवाए जा रहे हैं। 
सकालो में नरेन्द्रनगर कॉलोनी का विकास         
     प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र हितग्राहियों का चयन कर उनके लिए एक ही स्थान पर आवास निर्माण कर कॉलोनी के रूप में विकसित किया जा रहा है। सरगुजा जिले के जनपद पंचायत अम्बिकापुर के ग्राम पंचायत सकालो में नरेन्द्रनगर कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है। प्रथम चरण के तहत यहां शासकीय भूमि में 22 हितग्राहियों के लिए पक्के आवास का निर्माण जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जानी है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बोनस तिहार कार्यक्रम के दौरान इस कॉलोनी का षिलान्यास कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर नरेन्द्रनगर रखा गया है। इस कॉलोनी के विकसित होने पर यहां के लोगों को गांवों में ही शहरी परिवेष के साथ ही साथ अन्य सुविधाएं मुहैया हो सकेगी।       
हाथी प्रभावितों के लिए कण्डराजा में 50 पक्के मकानों का निर्माण
सरगुजा जिले के मैनपाट जनपद पंचायत अंतर्गत सबसे अधिक हाथी प्रभावित ग्राम कण्डराजा में प्रभावित परिवारों के लिए 50 पक्के मकानों का निर्माण कलेक्टर श्रीमती किरण कौषल के मार्गदर्षन में कराया जा रहा है। इसके तहत प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत 6 पक्के मकान और हाथियों द्वारा  पूर्णतः तोड़े गए मकानों के निर्माण के लिए वन विभाग द्वारा प्रति आवास के मान से दी गई 1 लाख 1 हजार 900 रूपए की सहायता राषि से बैगापारा में 28 एवं पटेलपारा में 16, कुल 44 मकानों का निर्माण तीव्र गति से कराया जा रहा है। हाथी प्रभावितों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक ही स्थान पर आवास उपलब्ध कराने जिला प्रषासन की यह अभिनव पहल है। इन मकानों के बन जाने पर हाथी प्रभावित गावों के ग्रामीणजन अपने पक्के मकानों में बगैर किसी डर भय के निषि्ंचत रह सकेंगे।

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