उत्तर प्रदेश : प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण के अंतर्गत 6 लाख से अधिक लाभार्थियों के लिये वित्तीय सहायता जारी
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में आज 6 लाख से अधिक लाभार्थियों को वित्तीय सहायता जारी की। उन्होंने लाभार्थियों से बातचीत भी की। इस अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने प्रकाश परब के अवसर पर लाभार्थियों को शुभकामनाएं दीं। श्री मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह जी को उनके प्रकाश परब पर नमन किया। उन्होंने इस शुभ अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि गुरु साहिब उनके प्रति बहुत दयालु रहे हैं और उन्हें उनकी सेवा करने का पर्याप्त अवसर दिया है। गुरु साहिब का जीवन और संदेश हमें सेवा और सच्चाई के मार्ग पर चलते हुए चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि शक्ति और साहस का यह स्तर सेवा और सच्चाई की भावना से निकलता है और देश गुरु गोबिंद सिंह जी के दिखाए इस पथ पर आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों, वंचितों और शोषितों के जीवन में बदलाव लाने की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किया जा रहा है। उन्होंने पांच साल पहले आगरा से प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत करने के पल को याद किया। इस योजना ने भारतीय गांवों का चेहरा बदलना शुरू कर दिया है। यह योजना लाखों लोगों की आशाओं से जुड़ी हुई है और गरीबों को यह विश्वास दिलाया है कि वह भी मकान मालिक हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने खुशी व्यक्त की कि उत्तर प्रदेश उन राज्यों में से है जो गरीबों के लिए घर बनाने के काम में सबसे तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि आज, राज्य के 6 लाख परिवारों को उनके बैंक खाते में कुल 2600 करोड़ रुपये से अधिक की राशि पहुंच जायेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन 6 लाख परिवारों में से, 5 लाख को पहली किस्त मिलेगी, जिसका अर्थ है कि 5 लाख परिवारों के लिए, उनके जीवन का इंतजार समाप्त हो गया है। इसी तरह, 80 हजार परिवारों को उनकी दूसरी किस्त मिली, जिसका मतलब है कि अगली सर्दियों तक उनका अपना घर होगा।
प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि आत्मनिर्भर भारत, देश के नागरिकों के आत्म-विश्वास से सीधे जुड़ा हुआ है और स्वयं का एक घर इस आत्मविश्वास को कई गुना बढ़ा देता है। एक स्व-स्वामित्व वाला घर जीवन में भरोसा दिलाता है और गरीबी से बाहर आने की आशा भी रखता है।
प्रधान मंत्री ने याद किया कि पिछली सरकारों के समय में, गरीबों को यह भरोसा नहीं था कि सरकार उनके घर का निर्माण करवाने में मदद कर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि पहले की योजना में बने मकानों की गुणवत्ता भी उचित नहीं होती थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों को गलत नीतियों का नुकसान उठाना पड़ा है। इस दुर्दशा को ध्यान में रखते हुए, आजादी के 75 साल पूरे होने से पहले हर गरीब परिवार को घर मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की गई थी। ग्रामीण क्षेत्रों में हाल के वर्षों में 2 करोड़ आवास इकाइयों का निर्माण किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 1.25 करोड़ इकाइयों का निर्माण किया गया है। इन आवास इकाइयो के निर्माण में केंद्र सरकार का योगदान लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का है। प्रधानमंत्री ने राज्य में पिछली सरकारों द्वारा किये गये कार्यो में रह गई कमी को भी याद किया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में 22 लाख ग्रामीण अवासो का निर्माण किया जाना है, जिसमें से 21.5 लाख मकानो के निर्माण के लिए स्वीकृत दी जा चुकी है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान 14.5 लाख परिवारों को अपना घर मिल चुका है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि, अतीत के बुरे अनुभवों पर गौर करते हुए, कुछ बातों को ध्यान में रखा गया है जैसे कि उन गरीब परिवारों को जिनके पास घर बनाने की सम्भावना समाप्त हो गई है, उन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए। दूसरा, आवंटन में पारदर्शिता, तीसरा, मकान का स्वामित्व महिलाओं को प्राथमिकता के रूप में मिलना चाहिये, चौथा, प्रौद्योगिकी के माध्यम से निगरानी करना और अंत में मकान सभी बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित होना चाहिए। आवास इकाइयां उन गरीब परिवारों को लाभान्वित कर रही हैं, जो कच्चे मकानों में रह रहे थे। स्थानीय श्रमिक, छोटे किसान और भूमिहीन मजदूरों के पास घर बनाने की कोई उम्मीद नहीं थी। श्री मोदी ने योजना में महिला सशक्तिकरण के पहलू को रेखांकित किया क्योंकि ये इकाइयाँ ज्यादातर परिवार की महिलाओं के नाम पर हैं। भूमिहीन परिवारों को जमीन के दस्तावेज़ मिल रहे हैं और किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रदान की जाने वाली धनराशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित की जा रही है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनका प्रयास ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्राप्त सुविधाओं के बीच की खाई को कम करना है। उन्होने कहा कि इसका उद्देश्य ग्रामीण लोगों के लिए शहरी लोगो को प्राप्त सुविधाएँ उपलब्ध करवा कर उनके जीवन को आसान बनाना है। इसलिए, प्रधानमंत्री आवास योजना में शौचालय, प्रकाश, पानी और गैस कनेक्शन जैसी बुनियादी सुविधाओं को भी जोड़ा जाता है। इसका उद्देश्य यह है कि एक गरीब व्यक्ति को मूलभूत सुविधाओं के लिए इधर-उधर भागना न पड़े।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाने में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना से बहुत बडा बदलाव देखने को मिलेगा। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश उन अग्रणी राज्यों में से एक है जहां इसे लागू किया गया है। इस योजना के तहत, ग्रामीणों को घर के स्वामित्व के कागज़ात के साथ उनकी जमीन मिलेगी। उत्तर प्रदेश के हजारों गांवों में सर्वेक्षण के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। ज़मीन की मैपिंग की जा रही है ताकि लोगों की संपत्ति सरकार के पास पंजीकृत रहे और भूमि विवाद समाप्त हो जाये। उन्होंने कहा कि इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि ग्रामीण इन घरों को गिरवी रखकर बैंक से ऋण ले सकेंगे। इससे ग्रामीण संपत्ति की कीमतों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह काम राज्य के 8.5 हजार गांवों में समाप्त हो गया है और लोगों को सर्वेक्षण के बाद डिजिटल सर्टिफिकेट मिल रहे हैं, जिसे स्थानीय स्तर पर ‘घरौनी’ कहा जाता है। प्रधानमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पहले ही 51 हजार से अधिक ऐसे प्रमाण पत्र वितरित किए जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब इतनी सारी योजनाएं गांवों तक पहुंच रही हैं, तो न केवल गावों में सुविधाएं बढ़ रही हैं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी गति पकड़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई गई सड़कें गांव के लोगों के जीवन को आसान बना रही हैं। उन्होंने कहा कि ऑप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से 6 लाख से अधिक गांवों में तेजी से इंटरनेट सेवा प्रदान करने के लिए काम चल रहा है। यह परियोजना ग्रामीणों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना अवधि के दौरान वापस आने वाले प्रवासी मजदूरों को सहायता देने के लिए गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के माध्यम से 10 करोड़ रोजगार पैदा करके उत्तर प्रदेश को देश में पहला स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना, राष्ट्रीय पोषण मिशन, उजाला योजना जैसे जीवन को सुगम बनाने के लिए विभिन्न पहलों को सूचीबद्ध किया, जिसने उत्तर प्रदेश को एक नई पहचान दी है। उन्होंने एक्सप्रेसवे और अखिल भारतीय आयुर्विग्यान संस्थान-एम्स जैसे बुनियादी ढाँचागत परियोजनाओं को सूचीबद्ध करते हुए कहा कि इससे उत्तर प्रदेश में विकास की गति को तेज करने में मदद मिलेगी। उन्होंने इस बात का हवाला दिया कि आज उत्तर प्रदेश में कई बड़ी कंपनियां निवेश के लिए क्यों आ रही हैं। उन्होंने कहा कि ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ यानी एक जनपद, एक उत्पाद के जरिए छोटी कंपनियों के लिए भी रास्ते खुले हैं, जहां स्थानीय कारीगर लाभान्वित हो रहे हैं।