खादी कारीगरों और जनजातीय आबादी को सशक्त करने के लिए समझौता ज्ञापन
नई दिल्ली : खादी और ग्रामोद्योग आयोग और जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने आदिवासी छात्रों के लिए खादी वस्त्रों की खरीद के लिए आज दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम को लागू करने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग को एक एजेंसी के रूप में जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने अपना भागीदार बनाया है । सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री नितिन गडकरी और जनजातीय मामलों के मंत्री श्री अर्जुन मुंडा की उपस्थिति में समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
इस अवसर पर श्री गडकरी ने कहा कि मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे एकलव्य आवासीय विद्यालयों में छात्रों के लिए आदिवासी मामलों का मंत्रालय 2020-21 में 14.77 करोड़ रुपये के खादी कपड़े (6 लाख मीटर से अधिक) की खरीद करेगा। उन्होंने कहा कि हर साल एकलव्य स्कूलों की संख्या में वृद्धि के साथ खादी कपड़े की खरीद की मात्रा भी आनुपातिक रूप से बढ़ेगी।
जनजातीय मामलों के मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि भारत में आदिवासियों के आर्थिक विकास के लिए काम करने वाली जनजातीय मामलों के मंत्रालय की एक एजेंसी राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त विकास निगम (एनएसटीएफडीसी) को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना को लागू करने के लिए एक भागीदार के रूप में शामिल किया जाएगा। एनएसटीएफडीसी अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के इच्छुक उद्यमों को खड़ा करने के लिए रियायती ऋण योजनाएं प्रदान करता है। इस प्रकार समझौता ज्ञापन से आदिवासियों को विभिन्न उत्पादन गतिविधियों से जुड़ेगें और स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे। एनएसटीएफडीसी और केवीआईसी के साथ आने से अनुसूचित जनजातियों के बीच रोजगार सृजन योजना के कवरेज में भी वृद्धि होगी।
ये समझौता ज्ञापन प्रधान मंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए आह्वान के अनुरूप हैं क्योंकि इनका उद्देश्य देश भर में खादी कारीगरों और आदिवासी आबादी के एक बड़े हिस्से को मजबूत करके स्थानीय रोजगार का निर्माण करना है।