कुक्कुट पालकों का बर्ड फ्लू बीमारी की सतर्कता से संबंधित बैठक एवं प्रशिक्षण सम्पन्न
एहतियातन के तौर पर कुक्कुट पालकों को छ.ग. के बाहर के अण्डा एवं चूजे क्रय न करने की दी गई सलाह
सूरजपुर: कार्यालय उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं, जिला सूरजपुर छ.ग.में डा.नरेन्द्र सिंह की उपस्थिति में कुक्कुट पालको एवं फामर्स की बैठक आयोजित की गई। जिसमें जिले से कुक्कुट व्यवसाय से जुडे हुए 15 कुक्कुट पालक उपस्थित हुए। बैठक में जिले के वरिष्ठ पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ डाॅ. महेन्द्र पाण्डेय, पशु चिकित्सालय विश्रामपुर एवं डाॅ.ममता शर्मा, कार्यालय उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवायें सूरजपुर द्वारा बर्ड फ्लू से संबंधित बीमारी की जानकारी एवं फैलाव को रोकने के उपाय बताये गये। इसमें मुख्य रूप से पक्षियों के द्वारा लार, नाक, आंख के स्त्राव एवं बींट एवं रोगी पक्षी के सीधे सम्पर्क, आहार, पानी उपकरण, बीना उबले अण्डा एवं मांस का सेवन फैलने का मुख्य कारण है। बर्ड फ्लू में 70-80 प्रतिशत पक्षियों की मौत हो जाती है एवं यह बीमारी महामारी का रूप ले लेती है। जिसका मनुष्यों में भी फैलने की सम्भावना बनी रहेगी।
कुक्कुट पालकों को सलाह दी गई है कि छ.ग.के बाहर के अण्डा एवं चूजे क्रय न करें। बर्ड फ्लू मुख्यतः पक्षियों की बीमारी है। वर्तमान में छ.ग.में अभी तक बर्ड फ्लू की बीमारी की पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन एहतियातन तौर पर कुक्कुट पालको को प्रषिक्षित किया गया है। पशुधन विकास विभाग द्वारा रैपिट रिस्पोन्स टीम का गठन किया गया है। कुक्कुट पालक अथवा ग्रामीण आकस्मिक पक्षियों की मृत्यु की सूचना कार्यालय उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवायें सूरजपुर को देने कहा गया है। विभाग द्वारा सतर्कता के तौर पर वनमंडलाधिकारी सूरजपुर को पत्राचार के माध्यम से सूचित किया गया है कि वनक्षेत्रों में पक्षियों से संबंधित सतर्कता बरतने कहा गया हैं।