बैलाडिला के पहाडियों में छिपी है प्राकृतिक सुंदरता के साथ अपार खनिजों का भण्डार
दंतेवाड़ा, 30 दिसम्बर 2020। दंतेवाड़ा जिला को विविध खनिज पदार्थों का वरदान प्राप्त है। यहा विभिन्न प्रकार की खनिजों का भंडारण है। बैलाडीला विश्व के सबसे बड़े लौह अयस्क के निक्षेप में से एक है। इस लौह अयस्क में आयरन की मात्रा 68 प्रतिशत है, जो इसे विश्व का सबसे उम्दा आयरन ओर बनता है। इसी तरह यूरेनियम, ग्रेनाइट, ग्रेफाइट, चूना पत्थर तथा संगमरमर के निक्षेप भी जिले में हैं।
खनिज एक सीमित एवं गैर-अक्षय प्राकृतिक संसाधन है। यह अत्यंत आवश्यक है कि इनका दोहान एवं उपयोग श्रेष्ठतम तरीके से किया जाए। यह हमारे खजाने का स्रोत है और हमारे औद्योगिक विकास की रीढ़ है। प्रदेश की औद्योगिक विकास में खनिज साधनों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। खनिज साधन विभाग द्वारा खनिजों के संरक्षण, अन्वेषण एवं विधिमान्यक नियमों के अंतर्गत खनिजों के दौरान पर सतत् निगरानी रखते हुए निरंतर कार्यवाही की जा रही है। विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई से प्रदेश के राजकोषीय आय में निरंतर वृद्धि तथा नए खनिज भंडारों की खोज का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।
उदार प्रकृति ने छत्तीसगढ़ को सभी आवश्यक खनिजों के वृहद भंडारों का वरदान दिया है। दंतेवाड़ा जिला में भी प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विविधता के साथ-साथ प्राकृतिक खनिजों संसाधनों की प्रचुरता है। जिले में लौह अयस्क, टिन अयस्क, साधारण पत्थर (गिट्टी) के साथ-साथ रेत एवं मुरूम भी मिलता है। शासन द्वारा दंतेवाड़ा जिले में खनिज राजस्व का निर्धारित लक्ष्य में वित्तीय वर्ष 2019-20 में लक्ष्य 150285 लाख रुपए के विरुद्ध 201582 लाख का 134 प्रतिशत की वसूली की गई है। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 150414 लाख रुपए लक्ष्य के विरुद्ध में दिसंबर 2020 तक 64263 लाख राशि वसूली की गई है। जबकि वित्तीय वर्ष 2018-19 में निर्धारित लक्ष 140108 लाख के विरूद्ध में 100 प्रतिशत की वसूली की गई थी। इसके अलावा विगत 2 वर्षों अवैध खनिज परिवहन के प्रकरणों से 63 में आरोपित अर्थदंड की 853604 रुपए और अवैध रेत खनिज भंडारण के प्रकरणों से 09 में आरोपित राशि 558300 रुपए का अर्थदंड राशि शासन के पक्ष में जमा किया गया है। खनिज विभाग द्वारा दंतेवाड़ा जिले में गौण खनिज रेत हेतु 08 समूह में समाहित 14 रेत खदानों को आवंटित किया गया है। इसी प्रकार 14 स्थानों में खनिज पट्टा और 18 स्थानों पर उत्खनिन पट्टा स्वीकृत किया गया है। शासन प्रशासन के मंशा अनुसार पर्यावरण की रक्षा हेतु खनिज विभाग द्वारा वृक्षारोपण एवं सतत् निगरानी की जा रही है।