प्रदूषण नियंत्रण के लिए उपायों पर प्रभावी अमल हो: प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह : प्रदूषण पर शासन का जीरो टॉलरेंस
JOGI EXPRESS
नियमों के पालन में गड़बड़ी पर होगी कड़ी कार्रवाई
रायपुर, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अध्यक्ष और आवास एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये प्रदेश के विभिन्न जिलों के कलेक्टरों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर प्रदूषण नियंत्रण के उपायों की समीक्षा की। उन्होंने कहा – ’प्रिवेन्शन इज बैटर दैन क्योर’ के आधार पर हमें ठण्ड में प्रदूषण का स्तर मापदण्डों के अनुरूप रखने के लिये अभी से एकजुट होकर पर्यावरण सुधार के प्रयास शुरू कर देने चाहिये। यदि प्रदूषण नियंत्रण के लिये कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, स्थानीय निकाय, परिवहन विभाग तथा पर्यावरण मण्डल एक साथ काम करें तो निश्चित ही प्रदूषण को और कम किया जा सकता है। राज्य में चार प्रमुख कारणों उद्योगों, वाहनों, निर्माण गतिविधियों एवं बायोमास को जलाने से प्रदूषण हो रहा है। यदि इन चारों क्षेत्रों में सक्रियता से काम किया जाये तो प्रदूषण का स्तर काफी कम हो सकता है।
प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह ने आज राजधानी के सिविल लाईन स्थित छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसायटी (चिप्स) में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में राज्य के छह प्रमुख शहरों – रायपुर, दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, रायगढ़ और कोरबा के जिला प्रशासन के अधिकारियों और मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक ली। उन्होंने कहा – सभी संबंधित विभागों को यह समझ लेना चाहिये कि छत्तीसगढ शासन की प्रदूषण पर जीरो टॉलरेंस की नीति है। अतः जिला प्रशासन एवं पर्यावरण मण्डल मिल-जुल कर प्रदूषण को कम करने के सभी संभव उपाय करें। श्री सिंह ने निर्माण परियोजनाओं से हो रहे प्रदूषण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि निर्माण स्थलों पर नियमानुसार नेट लगाये जाने चाहिये। निर्माण सामग्री इधर-उधर न पड़ी रहे तथा इनका परिवहन भी ढंक कर हो यह सुनिश्चित किया जाये। इनमें नियमों का पालन न किये जाने पर निर्माण एजेंसियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाये। श्री सिंह ने कहा कि विभिन्न निर्माण परियोजनाओं में लगी शासन की एजेंसियों की यह अहम जिम्मेदारी है कि वे नियमों का पालन करें।
श्री अमन कुमार सिंह ने कहा कि शहरों के झुग्गी क्षेत्रों में कोयले अथवा लकड़ी के उपयोग के स्थान पर उज्जवला योजना का प्रचार प्रसार किया जाये। ठण्ड में अलाव के स्थान पर क्रेडा के उन्नत चूल्हों का प्रयोग किया जाये। इसके लिये क्रेडा को अतिरिक्त चूल्हों की व्यवस्था भी करनी होगी। सभी ढाबों में लकड़ी एवं कोयले का उपयोग प्रतिबंधित करते हुए वहां पर कॉमर्शियल सिलेंडर का उपयोग सुनिश्चित किया जाये। श्री अमन कुमार सिंह ने निर्देशित किया कि ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के लिये कड़ाई से कार्रवाई की जाये। सचिव, पर्यावरण विभाग ने जानकारी दी कि सभी जिलों में ध्वनि प्रदूषण मापक उपकरण उपलब्ध है अतः जिला प्रशासन को कार्रवाई कर इसकी रिपोर्ट पर्यावरण मण्डल को भेजी जानी चाहिये। श्री अमन कुमार सिंह ने पी.यू.सी. के सेंटर बढाते हुए वाहनों से हो रहे प्रदूषण पर भी कठोर कार्रवाई के निर्देश दिये तथा कहा कि सभी सरकारी गाडियों पर पी.यू.सी. प्रमाण-पत्र अनिवार्य रूप से लगाया जाये।
बैठक में श्री अमन कुमार सिंह ने निर्देश दिये कि खुले में कचरा एवं सालिड वेस्ट जलाया जाना प्रतिबंधित होने के कारण नगर निगम प्रतिबंधित कार्रवाई करे। श्री सिंह ने एक एप बनाये जाने एवं कॉल सेंटर शुरू किये जाने के निर्देश दिये। श्री सिंह ने विशेष रूप से शादी घरों से निकलने वाले अपशिष्टों की उचित व्यवस्था समय पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। फसल अपशिष्टों को जलाये जाने पर भी चिंता व्यक्त करते हुए श्री सिंह ने कड़ी कार्यवाही करते हुए इस पर जन जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिये।
औद्योगिक प्रदूषण पर चर्चा करते हुए श्री सिंह ने निर्देश दिये कि उद्योगों में एस.ओ.पी. के अनुसार कार्रवाई की जाये तथा प्रदूषण करते पाये जाने पर उनके विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाये। श्री सिंह ने कहा कि ऑनलाईन सिस्टम के कारण प्रदूषण की 24 घण्टे निगरानी हो रही है। देश के अन्य स्थानों से राज्य में प्रदूषण का स्तर कम है। लेकिन हमें और प्रयास कर एक्यूआई 50 से नीचे लाना है। यह सभी विभागों के सामंजस्य एवं जनता की भागीदारी से ही संभव है। बैठक में श्री अमन कुमार सिंह ने ठोस अपशिष्टों, निर्माण सामग्री, आयरन ओर तथा कोयले आदि को बंद गाड़ियों में परिवहन किये जाने के निर्देश दिये। श्री सिंह ने जिला कलेक्टर्स को कहा कि वे समय समय पर औद्योगिक प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा भी करते रहे जिससे की जिले में औद्योगिक प्रदूषण की स्थिति निर्मित न हो। आवास एवं पर्यावरण विभाग के सचिव श्री संजय शुक्ला ने सिग्नल्स पर वाहनों के प्रदूषण को कम करने हेतु टाईमर लगाने एवं सभी सिग्नल्स में तारतम्यता हो इसके निर्देश दिये, जिससे कि वाहनों का आवागमन सुगमता से हो सके। बैठक में पर्यावरण संरक्षण मंडल के सदस्य सचिव श्री देवेन्द्र सिंह, अतिरिक्त सचिव श्री अरूण प्रसाद, रायपुर कलेक्टर श्री ओ.पी. चौधरी सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।