November 22, 2024

राज्य के हजारों शिक्षकों ने सीखी कहानी लेखन की तकनीकस्टोरीवीवर गोंडी, हिन्दी और संथाली सहित 280 भाषाओं में 27 हजार से अधिक लायसेंस प्राप्त कहानियों का डिजिटल मंच

0

रायपुर, 21 नवम्बर 2020/ विश्व बाल दिवस के अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग के समग्र शिक्षा और स्टोरीवीवर (प्रथम पुस्तक की एक पहल, नॉट फॉर प्रॉफिट चिल्ड्रन बुक पब्लिशर) के संयुक्त तत्वाधान में कहानी लेखन की तकनीक विषय पर वेबीनार के माध्यम से प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य से बड़ी संख्या में शिक्षक ऑनलाइन प्रशिक्षण में शामिल हुए। 
वेबीनार प्रशिक्षण के दौरान इसमें बच्चों के कल्याण को बढ़ावा देने के साथ कोविड-19 महामारी और पढ़ने का संकट पर विशेष रूप से चर्चा की गई। बच्चे स्कूल से दूर होने के बावजूद भी पढ़ना सीखते रहें इसके लिए प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षकों का राज्यव्यापी अध्ययन-अध्ययापन कार्यक्रम के लिए स्टोरीबुक का उपयोग करने और छत्तीसगढ़ की स्थानीय भाषाओं में स्टोरीबुक का निर्माण और अनुवाद करने हेतु स्टोरीवीवर का उपयोग करने प्रोत्साहित किया गया। संपूर्ण शिक्षक समुदाय तक पहुंचने के लिए वेबीनार का यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीम भी किया गया। वेबीनार के माध्यम से छत्तीसगढ़ के शिक्षकों ने कहानीकार मंच का उपयोग करके कहानी लेखन की तकनीक सीखी।
वेबीनार में बताया गया कि स्टोरीवीवर storyweaver.org.in गोंडी, हिन्दी और संथाली सहित 280 भाषाओं में 27 हजार से अधिक लाइसंेस प्राप्त कहानियों का खुले तौर पर एक डिजिटल मंच है। स्टोरी वीवर में ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ने, बनाने, अनुवाद करने और डाऊनलोड करने के लिए निःशुल्क आसान उपकरण हैं। कोरोना के कारण स्कूल बंद होने से बच्चें घर पर रहने से स्टोरी वीवर ने एक विशाल स्पाइक का उपयोग किया है। यह शिक्षा प्रणाली वर्तमान समय में दूरस्थ शिक्षा के लिए एक समाधान के रूप में अनुकूल है। स्टोरी वीवर का व्यापक रूप से उपयोग उच्च गुणवत्ता, क्यूरेटेड सामग्री के बड़े भंडार के लिए खुली पहुंच प्रदान कर रहा है। 
राज्य में समग्र शिक्षा और स्टोरीवीवर ने कोरोना के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान शिक्षकों और छात्रों की मदद के लिए कई पहल की है। छत्तीसगढ़ में ’कहानी दिवस’ वर्तमान में एक राज्यव्यापी पठन कार्यक्रम है। हर सप्ताह स्टोरीवीवर राज्य के शिक्षकों को वाट्सअप जैसे डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से छात्रों के बीच प्रचारित और प्रसारित करने के लिए स्टोरी बुक और गतिविधियां प्रदान करता है। यह कार्यक्रम छात्रों को गुणवत्तापूर्ण पठन सामग्री प्रदान करने के साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि इस दौरान बच्चों के पठन कौशल का क्षरण न हो। छत्तीसगढ़ में यह कार्यक्रम 30 हजार 500 स्कूलों के लगभग 17 लाख बच्चों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। शिक्षण-प्रशिक्षण वेबीनार में पढ़ने के कार्यक्रम के महत्व पर ध्यान केन्द्रित किया और शिक्षकों को दिखाया कि स्टोरीव्यू के टूल का छत्तीसगढ़ की स्थानीय भाषाओं में बनाने और अनुवाद करने के लिए उपयोग किया जाए। जिससे छात्रों को अपनी भाषा में स्टोरी बुक तक पहुंच आसान हो सके। 
स्टोरीवीवर की निदेशक सुश्री पूर्वी शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में समग्र शिक्षा के साथ साझेदारी करके शिक्षकों का अपने छात्रों के साथ स्टोरी बुक साझा करने और विशेष रूप से कोरोना के कठिन समय के दौरान मातृभाषा में पठन सामग्री बनाने के लिए खुशी हो रही है। हल्बी, कुड़ुक, साद्री जैसी स्थानीय बोलियों में बच्चों के लिए साहित्य का अनुवाद करने हेतु शिक्षकों को तैयार करने से सतत् शिक्षा को बढ़ावा देने से संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। इससे बच्चों को स्टोरीबुक पढ़ने में ज्यादा रूचि होगी और उन्हें अपनी बोली-भाषा में समझने में भी आसानी होगी। 
स्कूल शिक्षा विभाग के तकनीकी सलाहकार श्री सत्यराज अय्यर ने राज्य में शिक्षकों द्वारा नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग और शिक्षकों की क्षमता निर्माण के अनुभवों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहानीकारों द्वारा साझा प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कहानियों का संग्रह करने और इसे पुस्तक के रूप में विकसित करने पर ध्यान केन्द्रित पर जोर दिया। समग्र शिक्षा के सहायक संचालक डॉ. एम. सुधीश ने कहा कि छत्तीसगढ़ के शिक्षक अपने दायित्यों के प्रति सजग और संवदेनशाल हैं। शिक्षा के नवाचार को सीखने और अपनाने में शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी निभाई है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *