मोदी सरकार ने धान खरीदी को प्रभावित करने मांगी गई 3 लाख 50 हजार बोरा गठानो में की कटौती
मोदी भाजपा का किसान विरोधी चेहरा एक बार और उजागर
रायपुर/06 नवम्बर 2020। मोदी सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के लिए मांगी गई बोरा गठानो की संख्या में की गई कटौती का कांग्रेस ने विरोध किया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी भाजपा की सरकार निरंतर छत्तीसगढ़ के किसानों के धान खरीदी पर व्यवधान उत्पन्न कर रही है। चालू खरीफ वर्ष में राज्य में 20 लाख से अधिक किसानों से प्रति एकड़ 15 किवंटल धान की खरीदी करने 4 लाख 75 हजार गठान बोरा की आवश्यकता है। जिसकी पूर्ति के लिए राज्य सरकार ने 3 लाख 50 हजार गठान जुट कमिश्नर कोलकाता से मांगे थे एवं शेष 1 लाख 25 हजार गठान पुराना बोरा मिलर्स एवं पीडीएस का उपयोग करने की योजना बनाई गई। लेकिन मोदी भाजपा की सरकार ने माँगी गई गठानों की संख्या में कटौती कर छत्तीसगढ़ को मात्र 1 लाख 43 हजार गठान बोरा ही देने का आदेश 9 अक्टूबर 2020 को जारी किया है। यह पूरी तरीके से अनुचित है छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ अन्याय है।प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि यह पहला अवसर नहीं है जब मोदी भाजपा की सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों के धान खरीदी पर व्यवधान उत्पन्न किया हो। इसके पहले भी किसानों के धान को 2500 रू. क्विंटल के दाम से खरीदी करने पर रोक लगाया गया। छत्तीसगढ़ से सेंट्रल पूल में चावल लेने की लिमिट कम कर दी थी। किसानों को समर्थन मूल्य से अतिरिक्त राशि देने पर सेंट्रल पूल में चावल नहीं लेने की चेतावनी भी दी गई थी। अब किसानों के धान खरीदी पर व्यवधान उत्पन्न करने के लिए मांगी गई बोरा गठानों की संख्या में कटौती कर एक बार और मोदी भाजपा की सरकार ने अपने किसान विरोधी कृत्य को ही आगे बढ़ाने का काम किया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार अपने किसान विरोधी तीन काला कानून को लागू करने के लिए किसानों के धान खरीदी पर अड़ंगा लगाने अनेक प्रकार से षड्यंत्र रच रही है। मोदी भाजपा चाहती है कि किसानों को धान की कीमत 2500 रू. ना मिले। छत्तीसगढ़ में किसानों से धान खरीदी आसानी से ना हो, छत्तीसगढ़ के 20 लाख किसान धान बेचने से वंचित रहे। इस प्रकार की साजिश और षड्यंत्र मोदी भाजपा की सरकार कर रही है। मोदी भाजपा चाहती है कि किसान अपने धान को पूंजीपतियों को औने-पौने दाम में बेचने के लिए मजबूर हो जाए।