November 23, 2024

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रदाय की जाने वाली खाद्य सामग्रियों का सेम्पल रखना जरूरी

0

रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष श्री गुरप्रीत सिंह बाबरा ने आज बस्तर संभाग के सातों जिलों में पीडीएस सिस्टम की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। अध्यक्ष श्री बाबरा ने अधिकारियों से कहा कि नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा साार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रदाय की जाने वाली खाद्य सामग्रियों का नमूना रखना जरूरी है। प्रदेश की जनता को गुणवत्ता पूर्ण खाद्य सामग्री मिले इसके लिए खाद्य सामग्रियों की जांच जरूरी है। उन्होंने बस्तर अंचल में अपने मूल पंचायतों में संचालित नहीं होने वाली लगभग 130 उचित मूल्य की दुकानों को उनके मूल पंचायतों में संचालित कराने को कहा है। श्री बाबरा ने बस्तर संभाग के 120 पहुंचविहीन उचित मूल्य की दुकानों के लिए सुगम पहुंच मार्ग बनाने के निर्देश दिए।

अध्यक्ष श्री बाबरा ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य आयोग का कार्य राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरित की जाने वाली खाद्य सामग्रियों की निगरानी, गुणवत्ता की जांच के साथ ही जिला शिकायत निवारण अधिकारियों के आदेशों के विरूद्ध अपीलों की सुनवाई करना और राज्य सरकार के खाद्य सुरक्षा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु राज्य सरकार को आवश्यक सुझाव देना है। कोई भी व्यक्ति संबंधित जिलों के अलावा सीधे आयोग में भी अपनी समस्या रख सकता है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा दी जाने वाली सुविधा का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। श्री बाबरा ने आमजनों से काल सेंटर में प्राप्त शिकायतों का तत्काल निराकरण कर प्रतिवेदन देने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में नोडल अधिकारी नियुक्त करें और पात्रता का उल्लंघन हो रहा है तो जिला शिकायत निवारण अधिकारी को सूचित करें। शिकायतों को दर्ज करने के लिए कॉल सेंटर या हेल्पलाइन हो, ताकि नियत समय में निपटारा हो सके। जिस जिले में जितनी दुकानें है वहां पर उतना ही सर्तकता समिति गठित होना चाहिए। राशनकार्डधारियों में से ही सर्तकता समिति के सदस्य नियुक्त किया जा सकता है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में छत्तीसगढ़ खाद्य आयोग के सदस्य श्री अशोक सोनवानी अम्बिकापुर से, जांजगीर से श्री विद्याजगत एवं दुर्ग से पार्वती ढीढी सहित आयोग के सदस्य सचिव श्री राजीव कुमार जायसवाल और बस्तर संभाग के सभी जिलों के जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, महिला बाल विकास, स्कूल शिक्षा, खाद्य और आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारी शामिल हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *