रायपुर/ कांग्रेस ने कहा है कि प्रदेश की रमन सरकार अब पूरी तरह से आउट सोर्सिंग सरकार हो चुकी है। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया चेयरमैन ज्ञानेश शर्मा ने जारी बयान में कहा है कि स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभागों के पदों पर आउटसोर्सिंग से नियुक्ति करने वाली सरकार द्वारा अब स्वास्थ्य विभाग में भर्ती का काम भी आउटसोर्स कर एक प्राइवेट एजेंसी को दिया गया है। इसका अर्थ यह है कि सरकार को अपने ही एक अंग ‘व्यापमं’ पर भरोसा नहीं है। इस सरकार को छत्तीसगढ़ के निवासियों पर पहले ही भरोसा नहीं था इसलिए स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के रिक्त पदों पर आउट सोर्सिंग के माध्यम से नियुक्ति कर रही थी और अब उसे अपने ही अंग पर भी भरोसा नहीं इसलिए भर्ती का काम भी आउटसोर्स करने जा रही है।
उन्होंने कहा कि रमन सरकार को इस बार खास तौर से 2 बातों का स्पष्टीकरण छत्तीसगढ़ की जनता को देना चाहिए। पहला यह कि उसे छत्तीसगढ़ के निवासियों पर भरोसा क्यों नहीं है, जिसके चलते वह दो सालों से स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के पदों पर आउट सोर्सिंग के माध्यम से नियुक्ति कर रही है। दूसरा यह कि उसे राज्य शासन के ही एक अंग ‘व्यापमं’ पर क्यों भरोसा नहीं है, जो परीक्षाओं के माध्यम से सभी विभागों के लिए नियुक्ति करता है, जिसके चलते अब भर्ती का जिम्मा भी नोएडा की निजी एजेंसी को दिया गया है।
श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार के पास व्यापम और पीएससी जैसे शासकीय अंग है उसके बाद भी निजी एजेंसी की नियुक्ति किया जाना बताता है कि सारा खेल कुछ और कह रहा है। क्या मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह इतने भोले हैं कि उनके करीबी नौकरशाह जो कुछ भी योजना बनाते हैं, मुख्यमंत्री सिर्फ उस पर मुहर लगाने के लिए बैठे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को यह स्पष्टीकरण देना चाहिए कि क्या वे छत्तीसगढ़ के लोगों का हित करने के लिए हैं अथवा बाहर के लोगों का या इस मामले में भी सारा खेल कमीशनखोरी का ही है।
उन्होंने कहा कि पिछली बार स्वास्थ्य विभाग ने 750 नर्सों की नियुक्ति आउट सोर्सिंग के माध्यम से की थी, कांग्रेस ने आपत्ति की, प्रदर्शन किया तो राज्य सरकार को इस नियुक्ति को फरवरी 2016 में रद्द करना पड़ा लेकिन तब छत्तीसगढ़ की 350 मूल निवासी नर्सों को भी उनके साथ नौकरी से निकाल दिया गया था। आखिर रमन सरकार को छत्तीसगढ़ के निवासियों से क्या दुश्मनी है जो वे उन्हें नौकरी पर नहीं रखना चाहते अथवा निकाल देते हैं।
श्री शर्मा ने कहा कि इसी तरह बस्तर और सरगुजा में स्थानीय युवा जाना नहीं जाते का तर्क देते हुए राज्य सरकार आउट सोर्सिंग से पदों पर नियुक्ति करती है लेकिन चुने गए लोग वहां की स्थानीय बोली भाषा नहीं जानते तो वे पढ़ाएंगे क्या? ऐसे में शिक्षण की गुणवत्ता क्या रह जाएगी, इसी कारण छत्तीसगढ़ की शिक्षण गुणवत्ता पिछड़ते जा रही है। श्री शर्मा ने कहा कि क्या राज्य सरकार स्कूल शिक्षा मंत्री की तरह सभी को सुविधा देने की योजना भी बना रही है कि मूल परीक्षार्थी की जगह किसी और को बिठा कर परीक्षा पास कर ली जाए?
उन्होंने कहा कि कांग्रेस आउट सोर्सिंग के खिलाफ है और स्वास्थ्य विभाग में भर्ती का काम आउट सोर्सिंग कर किसी निजी एजेंसी को दिए जाने का विरोध करती है। अगर इसे रद्द नहीं किया गया तो कांग्रेस सड़कों पर उतर कर छत्तीसगढ़ के बेरोजगारों को उनका हक दिलाने लड़ाई लड़ेगी, जिसकी सारी जिम्मेदारी रमन सरकार की होगी।