फ़िल्मी हीरो बनने की चाह में मुम्बई भागे बालक को पुलिस ने वापस परिजनो से मिलाया
बलौदाबाजार/भाटापारा :- घर से सोना चांदी मोबाईल लेकर भागे बालक को पलारी पुलिस ने साइबर सेल की मदद से मुम्बई से पकड़कर कर वापस परिजनो को सौप दिया है।पुलिस के मुताबिक बालक फ़िल्म में काम मिलने की लालच में मुम्बई पहुँच गया था।बालक के वापसी आने पर परिजनो ने ख़ुशी जाहिर की है।
उपरोक्त सम्बन्ध में जानकारी देते हुए पलारी थाना प्रभारी सी आर चंद्रा ने बताया की प्रार्थी मनहरण भारद्वाज निवासी अमेरा ने अपने भतीजा लक्ष्मीनारायण भारद्वाज उम्र 16 वर्ष के गुमशुदा होने के रिपोर्ट दर्ज कराया था तथा बताया कि घर का सोना चांदी और मोबाईल भी गायब है तथा उसका मोबाईल बंद है । जिस पर कुछ अनहोनी की आशंका से तथा नाबालिक पाये जाने से तत्काल गुम बालक के अपहरण की आशंका पर अप क्र 381/20 धारा 363 भादवि अपहरण का मामला दर्ज कर त्वरित पतासाजी करते हुए सायबरसेल बलौदाबाजार के मदद से उसका मोबाईल का अंतिम लोकेशन देखा गया जो बलौदाबाजार में बंद हुआ था, तथा सभी रिस्तेदारों में पतासाजी किये बालक नहीं मिला, और गुमशुदा होने के तीसरे दिन अचानक बालक ने एक मोबाईल नंबर से काल करके मुम्बई में होने की बात बताया, जिसका करेंट लोकेशन सायबर सेल से लेने पर मुम्बई में होना पता चला, तब मुम्बई के चाईल्ड हेल्प लाईन 1098 की मदद से बालक को ट्रेस करने लगे तब उक्त् नंबर भी बंद था। फिर चौथे दिन एक अन्य नंबर से बालक अपने घर में फोन कर दादर स्टेशन मे होने की बात बताया, तब मदद के लिये फोन करने वाले व्यक्ति से बालक को अपने साथ रखने बोलकर तुरंत चाईल्ड हेल्प लाईन एवं ग्राम अमेरा के एक व्यक्ति जो मुम्बई के पनवेल में काम करने गया है, उनको दादर स्टैशन भेजकर गुमबालक को बरामद किया गया तथा लाकडॉउन के कारण रेल्वे एवं बस सेवा बंद होने से मामले की गंभीरता को देखकर पुलिस आई के ऐलिसेला, अति0 पुलिस अधीक्षक निवेदिता पाल, उप पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बघेल के निर्देशन में तत्काल बालक की दस्तयाबी हेतु फ्लाईट से मुम्बई जाकर बालक को लाया गया, और पुछताछ करने पर बालक लक्ष्मीनारायण ने फिल्मी हीरो बनने की चाह में घर का सोना चांदी बेच कर मुम्बई चले जाना बताया तथा मुम्बई में पुरा पैसा खर्च हो जाने बाद काफी परेशान होकर डर के वजह से घर में फोन लगाकर वापस ले जाने के लिये बताया था । बालक के गुमशुदा होने बाद तत्काल पलारी पुलिस पतासाजी करते हुए बालक को दस्तायाब कर उसके परिजनों को सुपुर्द किया जिससे बालक के पिता देवेन्द्र भारद्वाज ने काफी प्रसन्नता व्यक्त् किया ।