ग्रामोद्योग उत्पादों की ई-कॉमर्स में बढ़ रही सहभागिता: मंत्री गुरु रूद्र कुमार
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने ट्राइफेड ई-मार्केट का किया ऑनलाइन शुभारंभ
रायपुर, 03 अक्टूबर 2020/ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्र कुमार की पहल पर ट्राईफेड से हस्तशिल्प विकास बोर्ड का एमओयू होने के पश्चात ग्रामोद्योग के उत्पादों की ई-कॉमर्स में सहभागिता बढ़ी है। उल्लेखनीय है महात्मा गांधी जी की 151वीं जयंती के अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा द्वारा ट्राईफेड ई- मार्केट का ऑनलाइन शुभारंभ किया गया। जिसमें छत्तीसगढ़ का विशेष प्रतिनिधित्व रहा। समारोह के दौरान बैनर में 3 चित्रों में से 2 चित्र छत्तीसगढ़ के बस्तर के ’तुंबा शिल्प’ और सुकमा का ’इमली चस्का’ नाम का स्थानीय उत्पाद रहा है।
इस अवसर पर ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रुद्रकुमार ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में ग्रामोंद्योग को बढ़ावा देने तथा इसे लोगों के स्वावलंबन से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसका बेहतर प्रतिसाद देखने को मिल रहा है। राज्य में बड़ी संख्या में ग्रामीण विशेषकर महिलाएं ग्रामोद्योग की गतिविधियों को अपनाकर आर्थिक रूप से समृद्ध हो रही हैं। छत्तीसगढ़ की शिल्पकला को देश-विदेश में सराहा जा रहा है। हमारे शिल्पी राज्य के गौरव है। छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री चंदन कश्यप तथा ग्रामोद्योग संचालक श्री सुधाकर खलखो ऑनलाइन कार्यक्रम में शामिल हुए।
ट्राईफेड का ऑनलाइन बाजार बढ़ते हुए ई-कॉमर्स में देसी उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा विशेष रूप से अनुसूचित जनजातियों वर्ग के शिल्पकार द्वारा निर्मित विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प कलाकृतियों एवं उपयोगी सामग्री को अब आसानी से बाजार उपलब्ध होगा। ग्रामोद्योग संचालक व प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड श्री सुधाकर खलखो ने बताया कि राज्य में हस्तशिल्प के क्षेत्र में लगभग 3000 अनुसूचित जनजाति के शिल्पकारों द्वारा हस्तशिल्प के क्षेत्र में कार्यरत हैं, जिसमें कुछ शिल्पकार वर्तमान ट्राईफेड से जुड़े हुए हैं। श्री खलखो ने बताया कि ट्राईफेड से बोर्ड का एमओयू होने के पश्चात इन शिल्पकारों को ई-कॉमर्स के बाजार से उनके उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा साथ ही सुकमा के विहान समूह के मसाले, इमली चस्का, कोरिया जिले के अनुसूचित जनजातियों द्वारा उत्पादित शहद, घी, हल्दी, लेमनग्रास, चावल, सरगुजा के मैनपाट से कालीन तथा अन्य जिलों से ढ़ोकरा और लौह शिल्प को अत्यधिक पसंद किया जा रहा है। ऑनलाइन ई-मार्केट के शुभारंभ के पश्चात छत्तीसगढ़ नवनिर्मित हस्तशिल्प के उत्पादों को भी ट्राईफेड के ऑनलाइन पोर्टल पर देशभर में खरीदी के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है।