November 23, 2024

ना फोर जी, ना इंटरनेट, सामान्य मोबाइल कॉल से जारी बच्चों को पढ़ाना…सिस्टम देख अचंभित हुये प्रमुख सचिव, नवाचार के लिये दी बधाई

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रायपुर, ना इंटरनेट, ना फोर जी, ना वीडियो व्हाट्सएप्प…। कोरबा जिले में हरदीबाजार संकुल के रैकी की शासकीय माध्यमिक शाला मंे शिक्षिका केवल सामान्य फोन कॉल से ही कई किलोेमीटर दूर बैठकर भी रोज विद्यार्थियों को पढ़ा रही हैं। शासकीय मिडिल स्कूल रैकी की शिक्षिका श्रीमती इंदू डहरिया आज जब बच्चों को अपने मोबाइल कॉल से सूर्य, ग्रह, आकाशगंगा का पाठ समझा रही थी, तभी स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला जिला कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के साथ रैकी पहुंच गये। उन्होने पहले तो बिना कुछ कहे चुपचाप बैठकर सिस्टम समझा पर, जब जिज्ञासा शांत नही हुई तो, समन्वयक श्री सेवनलाल राठौर को बुलाकर जानकारी ली।

डॉ. शुक्ला ने पूछा कि ना तो वीडियो कॉल है, ना यहां कोई प्रोजेक्टर लगा है, पर फिर भी इतने बेहतरीन तरीके से यहां पढ़ाई कैसे हो रही है..? प्रमुख सचिव को संकुल समन्वयक श्री सेवनलाल ने बताया कि सामान्य मोबाइल वॉइस कॉल से शिक्षिका श्रीमती इंदू डहरिया उरगा में बैठकर यहां मिडिल स्कूल रैकी में बैठे बच्चों को पढ़ा रहीं हैं। इस सिस्टम के बारे में प्रमुख सचिव को बताया गया कि डीईओ श्री सतीश पाण्डेय के प्रयास से स्कूल को एक ऐसा स्पीकर सिस्टम मिला है जिस पर मोबाइल को एक कनेक्टर से जोड़कर होने वाली बातचीत को तेज आवाज में कई लोग सुन सकते हैं और आपस में बात भी कर सकते हैं। डीईओ श्री सतीश पाण्डेय ने बताया कि इस स्पीकर सिस्टम को किसी भी स्कूल कर्मी या छात्र के परिजन के मोबाइल से जोड़कर रखा जाता है। शिक्षिका द्वारा तय समय पर स्कूल परिसर में विद्यार्थियों को बुलाकर कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुये मास्क लगाकर व सोशल डिस्टेेंसिंग से बैठाया जाता है। शिक्षिका दिये गये नम्बर पर सामान्य वॉइस कॉल करती है और कॉल कनेक्ट होने पर स्पीकर से उनकी तेज आवाज निकलती है। सभी बच्चे शिक्षिका द्वारा इस प्रकार पढ़ाये जा रहे पाठ को सुनते हैं तथा अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिये प्रश्न भी पूछ लेते हैं। यह पढ़ाई सामान्य मोबाइल वॉइस कॉल से होती है, इसीलिये स्मार्ट फोन या वीडियो कॉल की जरूरत नहीं होती और शिक्षिका-छात्रों का संवाद आपस में सामान्य कॉल की तरह होता है। इस पूरे सिस्टम को देखकर प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला अचंभित रह गये। उन्होंने इस नवाचार के लिये डीईओ सतीश पाण्डेय सहित पूरे शिक्षा विभाग की प्रशंसा की।

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