गर्भवती माताओं और एनिमिक महिलाओं मिल रहा है गरम और पौष्टिक भोजन
रायपुर, छत्तीसगढ़ शासन की मंशा के अनुरूप राज्य में कुपोषण को दूर करने के लिए गर्भवती माताओं एवं एनिमिक महिलाओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से गर्म और पौष्टिक भोजन दिए जाने का सिलसिला फिर से शुरू कर दिया गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि नोवल कोरोना वायरस संक्रमण के बचाव एवं नियंत्रण के लिए जिले में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों को माह मार्च से बंद कर दिया गया था। कोरोना काल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा घर-घर जाकर सूखा राशन का वितरण किया गया। राज्य शासन द्वारा कुपोषण की रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाते हुए पोषण स्तर को बनाये रखने कांकेर जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों को 07 सितम्बर से पुनः गरम एवं पौष्टिक भोजन दिया जाना प्रारंभ कर दिया गया है। जिले में 2108 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है, जिसमे राष्ट्रीय पोषण माह तथा मुख्यमंत्री सुपोषण कार्यक्रम के तहत् 03 से 06 वर्ष के 24155 बच्चे, 6390 गर्भवती माताएं और 8149 एनिमिक महिलाओं को गरम भोजन दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय पोषण माह योजनांतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से गरम भोजन की सेवाऐं प्रारंभ करने के लिए योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है, जिसके तहत् जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्र खोले गये हैं। कंटेनमेंट जोन में आने वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। आंगनबाड़ी केन्द्रों को संचालन करने के पूर्व सेनेटाईजेशन कर ब्लीचिंग पाउडर से सफाई की गई। आंगनबाड़ी केन्द्र में हितग्राहियों को प्रवेश करने के पूर्व साबुन से हाथ धुलाई तथा सेनेटाईज कराया जा रहा है। भोजन परोसते समय आवश्यकतानुसार पत्तल एवं केला पत्ता का उपयोग किया जा रहा है। गर्भवती एवं एनिमिक हितग्रहियों को आंगनबाड़ी केन्द्रों में अलग-अलग समय पर बुलाया जाता है, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि एक समय में 15 से अधिक हितग्राहियों को आंगनबाड़ी केन्द्र में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं नियंत्रण के सभी आवश्यक उपाय को अपनाते हुए आंगनबाड़ी केन्द्रों में गरम भोजन प्रदाय किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी एवं सेक्टर पर्यवेक्षकों के द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों का नियमित भ्रमण कर राष्ट्रीय पोषण माह एवं मुख्यमंत्री सुपोषण कार्यक्रम की सतत मानिटरिंग की जा रही है।