November 22, 2024

ख़ाकी ने समझा माँ का दर्द ,शिक्षाकर्मी बच्चो को ख़ाकी ने पढ़ाया मानवता का पाठ ,कोरिया पुलिस टीम को मिल रहा ग्रैंड सैलूट

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JOGI EXPRESS

कोरिया,जनकपुर ,जब सारी दुनिया के दुःख दर्द को अपने अंचल में समेटे अपने बच्चो को पालने वाली माँ पर जब मुसीबत आई तो बच्चो ने साथ छोड़ दिया ,तब कोरिया जिले की पुलिस मसीहा बन कर माँ की मदद करने सामने आई ,आश्चर्य होना भी लाज़िमी है ,कहा लट्ठ भाजने वाली पुलिस ,आज मानवत ममता का पाठ पढ़ा रही जी हा ये मामला कुछ उल्टा है लेकिन १००% कलयूग में सटीक बैठी माँ इस नाम के आने से ही मन में माँ की झलक ममता वाला दुलार बरबस ही स्मृतियों में आ जाता है ,घर में भाई बहन के वाद विवाद में सब को बराबर का दंड देने वाली माँ ,फिर प्यार से पुचकारने दुलार करने वाली माँ ,को भला कौन भूल सकता है ,लेकिन मायावी और कलयुगी दुनिया में कभी कभी कुछ असहज कर देने वाली घटनाये भी सामने आ ही जाते है ,जिस पर मन मस्तिस्क को झझकोर कर रख देती है,एक माँ ही है जो अपने बच्चो को पाल पोस कर बड़ा करने में कोई कोर कसर नहीं छोडती ,लेकिन कुछ बच्चे एक माँ को ही दर दर की ठोकरे खाने के लिए मजबूर कर रहे ऐसा ही एक ताजा मामला कोरिया के जनकपुर थाने का सामने आया है जहाँ एक विधवा माँ के तीन-तीन बेटे थे पर बेटे होने का दायित्व निभाने वाला इन तीनों में कोई नहीं था और पिछले 08 वर्षो से उनका भरण पोषण नही कर रहे थे। घर में मारने पीटने घर से भगा देने की धमकी दे रहे थे। जिस पर माँ थक हार के मामले की शिकायत स्थानीय थाना जनकपुर में की। पुलिस ने भी लड़कों को समझाया पर लड़कों की आदत में सुधार पुलिस समझाईस से भी नही हुआ। ऐसा ही एक ताजा मामला कोरिया के जनकपुर थाने का सामने आया है जहाँ एक विधवा माँ के तीन-तीन बेटे थे पर बेटे होने का दायित्व निभाने वाला इन तीनों में कोई नहीं था और पिछले 08 वर्षो से उनका भरण पोषण नही कर रहे थे। घर में मारने पीटने घर से भगा देने की धमकी दे रहे थे। जिस पर माँ थक हार के मामले की शिकायत स्थानीय थाना जनकपुर में की। पुलिस ने भी लड़कों को समझाया पर लड़कों की आदत में सुधार पुलिस समझाईस से भी नही हुआ।आपको बता दे कि यह मामला जनकपुर के ग्राम तिलौली गाँव के सत्तर वर्षीया संपतिया की है, जो अपने तीन बेटों के बुरे व्यवहार से काफी परेशान थी। पति रामपरित के गुज़र जाने के बाद तो हालत बेहद खराब हो गई थी। घर के तीन बेटे पुरुषोत्तम, रामफल और रामसूरत। तीनो बेटे शिक्षाकर्मी, लेकिन देखरेख करने में तीनों निकम्मे निकले। पुलिस समझाईस से बात नही बनी तो मामले में माँ संपतिया की ओर से रिपोर्ट दर्ज हुई और उसमें धारा लगाई गई..506, 336, 34 और माता पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण कल्याण अधिनियम की धारा 24 के तहत पंजीबद्ध कर तीनों आरोपी लड़कों के विरुद्ध कार्यवाही की है।पुलिस ने बताया कि कोरिया जिला में यह इस तरह का पहला मामला है।

शिक्षाकर्मी थे तीनों आरोपी – अब भला बताईए समाज का वो शिक्षित वर्ग जिन्हें गुरु का दर्जा प्राप्त है। माँ बाप के बाद हम औऱ आप सबसे उच्चा महत्व देते है वो है गुरुओं को। जब समाज को शिक्षित करने वाले गुरुजन ही ऐसा करेंगे तो बाकी का क्या?

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