2025 तक प्रति वर्ष सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों आधी हो जाएँगी : गडकरी
नई दिल्ली : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने 2030 के तय लक्ष्य से पहले 2025 तक ही सड़क दुर्घटनाओं पर प्रति वर्ष होने वाली लगभग 1.5 लाख मौतों को रोक कर आधा कर लेने का भरोसा जताया है। आज सड़क सुरक्षा पर आयोजित वेबिनार में उन्होंने कहा कि हम सभी हितधारकों विशेषकर राज्य सरकारों के सहयोग से इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं।
गडकरी ने बताया कि उनके मंत्रालय ने देश में कुशल परिवहन प्रणाली सहित सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए बहुत सारी पहल की हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्गों से दुर्घटना वाली जगहों पर दुर्घटना के कारणों को दूर करने के लिए विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) दोनों 7000-7000 करोड़ रुपये प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमने राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटना वाली जगहों पर दुर्घटना के कारणों की पहले ही पहचान कर ली है। उन कारणों को दूर करने में भारत पहले ही 20,000 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है। इस संबंध में तात्कालिक उपाय करने पर जोर देते हुए उन्होने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली लगभग डेढ़ लाख मौतों में से 53,000 मौतें राजमार्गों पर होती हैं। श्री गडकरी ने यह भी बताया कि तमिलनाडु राज्य ने विश्व बैंक की सहायता से एक परियोजना को लागू करके सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को 25 प्रतिशत तक कम कर दिया है।
गडकरी ने विभिन्न हितधारकों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए कहा कि हमें उनके सहयोग की आवश्यकता है विशेष रूप से विश्वविद्यालयों,शैक्षिक संस्थानों,गैर सरकारी संगठनों,राज्य सरकारों आदि से। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सरकार ने इन सभी हितधारकों के लिए एक बड़ी भूमिका तैयार की है।
गडकरी ने जिला सड़क समितियों की अध्यक्षता कर रहे संसद सदस्यों से सड़कों पर दुर्घटना की वजहों का पता लगाने और उनका निवारण करने में लगे रहने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य और नगर निगम की सड़कों पर दुर्घटना वाली जगहों की वजह को पहचानने की जरूरत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस काम में जनता,राज्य सरकारों,विधायकों,सांसदों आदि का सहयोग सर्वोपरि है।
गडकरी ने देश में सामाजिक जागरूकता और शिक्षा,आपातकालीन सेवाओं में सुधार, चिकित्सा सुविधाओं के लिए दबाव बढ़ाने जैसे कदमों के जरिए जन आंदोलन का आह्वान किया। उन्होंने सड़क सुरक्षा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वाहन उद्योग के सहयोग की भी मांग की। उन्होंने एमवी अधिनियम 2019 का उल्लेख किया,जो भारत में परिवहन क्षेत्र के सभी पहलुओं पर एक व्यापक कानून है।
कोविड महामारी की वजह से उत्पन्न हालात को देखते हुए श्री गड़करी ने पीपीपी मोड पर देश में कुशल सड़क परिवहन बुनियादी ढांचे के निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि वे पीपीपी मोड के माध्यम से नगरपालिका,प्रांतीय और राष्ट्रीय स्तर पर कुशल परिवहन प्रणाली विकसित करने हेतु नीति और निविदा मॉडल तैयार करने के लिए निर्देश जारी कर रहे हैं। इस उद्देश्य के लिए उन्होंने सभी हितधारकों के सुझाव आमंत्रित किए है ताकि देश में एक ऐसी प्रणाली स्थापित किया जा सके जिसमें विश्व के सर्वोत्तम उपाय लागू किए गए हों।