थावरचंद गहलोत ने मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास हेल्पलाइन किरन की शुरूआत की
नई दिल्ली : केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने आज वर्चुअल मोड वेबकास्ट के माध्यम से सातों दिन चौबीसों घंटे टोल-फ्री मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास हेल्पलाइन किरन- (1800-599-0019) की शुरूआत की। यह हेल्पलाइन मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों को राहत और मदद उपलब्ध कराएगी। इस हेल्पलाइन को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगताग्रस्त व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग ने विशेषरूप से कोविड-19 महामारी के कारण बढ़ती हुई मानसिक बीमारी की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए शुरू किया है। श्री गहलोत ने इस हेल्पलाइन के बारे में पोस्टर, ब्रोशर और संसाधन पुस्तिका भी जारी की। दिव्यांगताग्रस्त व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग की सचिव श्रीमती शकुंतला डी. गामलिन भी इस अवसर पर उपस्थित थीं। संयुक्त सचिव श्री प्रबोध सेठ ने इस हेल्पलाइन के बारे में एक विस्तृत पीपीटी प्रस्तुत की।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि श्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि किरन हेल्पलाइन जल्दी जांच, प्राथमिक चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक सहायता, संकट प्रबंधन, मानसिक भलाई, सकारात्मक व्यवहार को बढ़ावा देने, मनोवैज्ञानिक संकट प्रबंधन आदि के उद्देश्य से मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास सेवाएं उपलब्ध कराएगी। इसका उद्देश्य तनाव, चिंता, अवसाद, डर के झटके, समायोजन विकार, पोस्ट-ट्रोमेटिक तनाव विकार, नशीले पदार्थों का सेवन, आत्मघाती विचार, महामारी से प्रेरित मनोवैज्ञानिक मुद्दों और मानसिक स्वास्थ्य की आपात स्थितियों का अनुभव करने वाले व्यक्तियों की सेवा करना है। यह पूरे देश में व्यक्तियों, परिवारों, गैर सरकारी संगठनों, मूल संघों, व्यावसायिक संघों, पुनर्वास संस्थानों, अस्पतालों और किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को 13 भाषाओं में पहले चरण की सलाह, परामर्श और संदर्भ उपलब्ध कराने वाली जीवन रेखा के रूप में काम करेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह हेल्पलाइन मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों के लिए भी बहुत उपयोगी होगी। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि यह हेल्पलाइन बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों के लिए भी बहुत लाभकारी सिद्ध होगी।
यह टोल फ्री हेल्पलाइन सप्ताह के सभी दिन चौबीसों घंटे, बीएसएनएल के तकनीकी समन्वय के साथ संचालित होगी। आठ राष्ट्रीय संस्थानों सहित 25 संस्थान इस हेल्पलाइन में शामिल हैं। इसे 660 नैदानिक/पुनर्वास मनोवैज्ञानिकों और 668 मनोचिकित्सकों की सहायता प्राप्त है। इस हेल्पलाइन में 13 भाषाएं- हिंदी, असमिया, तमिल, मराठी, ओडिया, तेलुगु, मलयालम, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, बंगाली, उर्दू और अंग्रेजी शामिल हैं।
यह हेल्पलाइन इस प्रकार कार्य करती है- भारत के किसी भी हिस्से से किसी भी मोबाइल या किसी टेलीकॉम नेटवर्क के लैंड लाइन से टोल फ्री नंबर 1800-599-0019 डॉयल करें। स्वागत संदेश के बाद, सही बटन दबाकर अपनी भाषा का चयन करें; भाषा चयन के बाद, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश का चयन करें, आप अपने मूल या वांछित राज्य के हेल्पलाइन केंद्र से जुड़ जाएंगे, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ आपके मुद्दे को हल करने या बाहरी मदद (नैदानिक मनोवैज्ञानिक/पुनर्वास मनोवैज्ञानिक/मनोचिकित्सक) से आपको जोड़ने में मदद करेंगे।
इस हेल्पलाइन का उद्देश्य जल्द जांच- प्राथमिक चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक सहायता; संकट प्रबंधन, मानसिक भलाई, विचलित व्यवहारों की रोकथाम, मनोवैज्ञानिक संकट प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों को रेफरल संबंधी मदद करना है।
यह हेल्पलाइन व्यग्रता, जुनूनी बाध्यकारी विकार (ओसीडी), आत्महत्या, अवसाद, पैनिक अटैक समायोजन विकार, पोस्ट-ट्रोमेटिक (अभिघातजन्य) तनाव विकार और नशीले पदार्थो के सेवन से संबंधित मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों के समाधान के लिए समर्पित है। यह हेल्पलाइन-परेशानी, महामारी से प्रेरित मनोवैज्ञानिक मुद्दों और मानसिक स्वास्थ्य की आकस्मिकता को दूर करने में मदद करेगी।
इस हेल्पलाइन के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर द एम्पावरमेंट ऑफ पर्सन्स फॉर मल्टीपल डिसएबिलिटीज (एनआईईपीएमडी), चेन्नई और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ रिहैबिलिटेशन (एनआईएमएचआर), सीहोर समन्वय कर रहे हैं। इस हेल्पलाइन के लिए व्यावसायिक सहायता इंडियन एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट (आईएसीपी), इंडियन साइकियाट्रिस्ट एसोसिएशन (आईपीए) और इंडियन साइकिएट्रिक सोशल वर्कर्स एसोसिएशन (आईपीएसडब्ल्यूए) द्वारा प्रदान की जा रही है।
राष्ट्रीय संस्थान- एनआईएमएचआर, सीहोर; पीडीयू-एनआईपीपीडी, दिल्ली; एनआईईपीएमडी, चेन्नई; एनआईयूईपीआईईडी, सिकंदराबाद; एनआईईपीवीडी, देहरादून; एवाईजे-एनआईएसएचडी, मुंबई; एसवी-एनआईआरटीएआर, कटक और एनआईएलडी, कोलकाता; और क्षेत्रीय केंद्र: एनआईईपीआईडी, आरसी- नोएडा, एनआईईपीआईडी, आरसी-नवी मुंबई एनआईईपीआईडी; और आरसी-कोलकाता इस हेल्पलाइन में सहायता केन्द्र के रूप में शामिल हैं।
सीआरसी-अहमदाबाद; सीआरसी सुंदरनगर; सीआरसी गुवाहाटी; सीआरसी दावनगेरे; सीआरसी नेल्लौर; सीआरसी राजनंदगांव; सीआरसी-श्रीनगर; सीआरसी कोझिकोड; सीआरसी-अंडमान और निकोबार द्वीप समूह; सीआरसी भोपाल; सीआरसी त्रिपुरा; सीआरसी नागपुर; सीआरसी-गोरखपुर और सीआरसी-लखनऊ सहायता केन्द्रों के रूप में समग्र क्षेत्रीय केंद्रों (सीआरसी) में शामिल हैं।