भाजपा को शिक्षक भर्ती में बोलने का नैतिक अधिकार नही -कांग्रेस
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के अभ्यर्थी हठधर्मिता छोड़ सरकार की मंशा समझे -कांग्रेस
रायपुर 7 सितम्बर 2020/कांग्रेस ने कहा कि शक्षको की भर्ती के मामले में भाजपा को बोलने का कोई नैतिक अधिकार नही है।शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में चयनित अभ्यर्थियों से हठधर्मिता नही करनी चाहिये।प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राज्य सरकार की नीयत युवाओं को रोजगार देने की है ।सरकार चाहती है कि राज्य में खाली पड़े शिक्षकों के पदों में भर्तियां हो इसी लिए सरकार ने 14500 शिक्षकों के भर्ती के लिए आवेदन मंगाए थे और चयन प्रक्रिया भी पूर्ण किया गया था ।भर्ती के लिए पात्र अभ्यर्थियों की सूची भी जारी की गई थी ।कोरोना के कारण चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति बिलम्बित है ।सरकार की मंशा साफ है इसीलिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चयनित अभ्यथियों की पात्र सूची की अवधि को एक साल के लिये बढ़ा दिया है ताकि जो पात्र है उनको नुकसान न हो उनकी नौकरियां सुनिश्चित रहे।
कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा नेता अभ्यर्थियों के पक्ष में घड़ियाली आंसू न बहाये। राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के समय सरकारी नौकरियों में भर्ती पर अघोधित रोक लगी हुई थी राज्य में शिक्षकों के 45000 से अधिक पद खाली पड़े हुए थे ।कांग्रेस सरकार ने भर्ती शुरू किया है ।वर्तमान परिपेक्ष्य में जब पहले से नियमित शिक्षकों से पठन पाठन का काम नही लिया जा पा रहा है ऐसे समय नए शिक्षकों की उपयोग किस प्रकार किया जाएगा ।ऐसे समय जब केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती कर रही है। जब केंद्र के रेल्वे जैसे संस्थानों में छटनी हो रही है ।सारी राज्य सरकार अपने कर्म कर्मचारियों के वेतन भत्तों में कटौती कर रही ऐसे समय भी छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने कर्मचारियों के साथ खड़े है ।छत्तीसगढ़ देश का अकेला राज्य है जहाँ कर्मचारियों के वेतन आदि में एक रु की कटौती नही हुई ।शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों को सरकार की मंशा समझनी चाहिये और कोरोनो के इस बुरे वक्त के बीतने के इंतजार करना चाहिये।