छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता राज्य की जनता के साथ क्यों नहीं खड़े हैं: कांग्रेस
केंद्र सरकार कह रही है कि राज्य जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि लेने की बजाय रिज़र्व बैंक से कर्ज़ ले लें और भाजपा के नेता छाती पीट रहे हैं कि राज्य सरकार कर्ज़ लेती जा रही है
मोदी सरकार संसाधन उपलब्ध नहीं करवा रही है और भाजपा नेता राजनीति कर रहे हैं
केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के साथ अन्याय कर रही है और भाजपा नेता चुप हैं
रायपुर, 31 अगस्त, 2020। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, भाजपा के सारे सांसद और विधायक कोरोना संकट के समय छत्तीसगढ़ की जनता के साथ नहीं खड़े हुये और सिर्फ़ अपने आकाओं की हां में हां मिलाने में लगे हुए हैं. भाजपा नेताओं के मन में ज़रा सा भी दर्द है तो वे छत्तीसगढ़ की जनता के पक्ष में खड़े होकर करोना संकट को देखते।
उन्होंने कहा है कि यह बेहद दुखद है भाजपा नेताओं की वफादारी मोदी के प्रति तो दिखती है लेकिन छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ की जनता के हितों और हकों के प्रति नहीं। मोदी के प्रति वफादारी साबित करने के लिए इनने छत्तीसगढ़ की जनता की जरूरतों दुख दर्द और तकलीफ की अनदेखी की हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य की जनता भाजपा नेताओं के चाल और चरित्र दोनों को देख रही है और यह समझ भी रही है कि भाजपा नेताओं को छत्तीसगढ़ में कोरोना के नाम पर राजनीति करनी है लेकिन छत्तीसगढ़ के लोगों की किसी तरह की सहायता करने या करवाने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है.
कोरोना पर छत्तीसगढ़ को संसाधन मुहैया करवाने का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा है कि पहले तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम-केयर्स नाम की एक संस्था बनवा ली और फिर राज्य के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से भारी भरकम राशि उसके खाते में जमा करवा ली.
उन्होंने कहा है कि सच यह है कि भिलाई इस्पात संयंत्र, एसईसीएल, एनटीपीसी, बाल्को जैसे उपक्रम छत्तीसगढ़ से ही कमाई करते हैं लेकिन कोरोना से लड़ने के लिए इन उपक्रमों द्वारा राज्य को दी गई राशि नगण्य है. राज्य से चुने गए भाजपा के नौ लोकसभा और दो राज्यसभा सांसदों ने एमपी-लैड की राशि भी छत्तीसगढ़ को देने की बजाय पीएम-केयर्स में दे दी.
प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि पीएम-केयर्स में छत्तीसगढ़ से जो राशि जमा हुई है अगर उसकी आधी राशि भी छत्तीसगढ़ को वापस दे दी जाती तो छत्तीसगढ़ सरकार और ज़्यादा प्रभावी ढंग से कोरोना के संकटकाल में प्रबंधन कर पाती.
उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार को नियमानुसार जीएसटी की राशि राज्य को देनी है लेकिन पिछले चार महीनों से एक फूटी कौड़ी भी नहीं दी गई है और अब केंद्र की मोदी सरकार जीएसटी के पैसे न देने का बहाना बना रही है. राज्य के भाजपा नेता इस बात पर भी चुप्पी साधे हुए हैं. केंद्र सरकार कह रही है कि राज्य जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि लेने की बजाय रिज़र्व बैंक से कर्ज़ ले लें और भाजपा के नेता छाती पीट रहे हैं कि राज्यसरकार कर्ज़ लेती जा रही है. अगर छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं को राज्य की जनता की चिंता है तो वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहते कि राज्य पर कर्ज़ का बोझ न लादा जाए.
संचार विभाग के प्रमुख ने कहा है कि मनरेगा में कार्य दिवसों को 100 से बढ़ाकर 150 किए जाने के मामले में, धान के लिए किसानों को 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल देने पर छत्तीसगढ़ के किसानों के धान से बना चावल उपार्जित नहीं करने के केंद्र सरकार के आदेश पर छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं का यही छत्तीसगढ़ विरोधी रवैया सामने आ चुका है.
उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ को गरीब कल्याण योजना से बाहर रखे जाने पर भी एक भी भाजपा नेता का स्वर छत्तीसगढ़ के 7.30 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को इस योजना का लाभ दिए जाने की जरूरत पर नहीं फूटा.