वन अधिकार पत्र बना हितग्राहियों का सहारा मुर्गीशेड एवं कूप निर्माण से हुआ आर्थिक सुधार
रायपुर, 26 जुलाई 2020/ छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना ’वन अधिकार अधिनियम 2006’ के तहत वर्ष 2005 से पहले काबिज वनभूमि पर जनजातियों या अन्य समुदाय को वन अधिकार पत्र वितरण किया गया। जनपद पंचायत सूरजपुर के ग्राम पंचायत सोनवाही में राज्य शासन के निर्देशानुसार वन अधिकार अधिनियम क्षेत्र का चयन किया गया। जिसमें ग्राम पंचायत सोनवाही के वनाधिकार क्षेत्र का क्षेत्रफल लगभग 43.00 एकड़ में फैला हुआ है जिसके अंतर्गत 21 वन अधिकार मान्यता पत्रधारी निवास करते हैै। इस क्षेत्र को विकास और आजीविका से जोड़ने के लिए मनरेगा योजना अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है।
’वन अधिकार अधिनियम 2006’ के तहत ग्राम पंचायत सोनवाही में हमर जंगल हमर आजीविका के तहत् श्री सोमारसाय को मुर्गी शेड निर्माण के लिए प्रति नग 2 लाख 20 हजार की दर से मुर्गी शेड निर्माण का कार्य स्वीकृत कर निर्माण कराया गया। पशुपालन विभाग द्वारा मुर्गी पालन के लिए चूजें उपलब्ध कराए गए। मुर्गी पालन से हितग्राही को प्रतिमाह 3600 रूपए की आय हो रही है। अतिरिक्त आय होने से उनकी आर्थिक स्थिति सशक्त हुई है। श्री सोमारसाय के लिए मुर्गीशेड निर्माण एक वरदान साबित हुआ है। पशु चिकित्सा विभाग से शेड में 130 चूजे प्रदाय किए गए। इसमें कड़कनाथ, बटेर, एवं अन्य ब्रीड के चूजे दिए गए। इससे किसान की आय में वृद्धि और आर्थिक स्थिति मे सुधार आ रहा हैं।
श्री सोमारसाय ने बताया कि मनरेगा योजनांतर्गत कूप कुआं निर्माण के लिए 4 लाख 50 हजार रूपए और सिंचाई के लिए क्रेडा विभाग से 3 एच.पी. का सोलर पंप प्रदाय किया गया। उन्होंने तीन एकड़ भूमि को सिंचित कर 2 एकड़ में धान, गेहूं, दलहन और उद्यानिकी विभाग से बाड़ी का विकास किया। वर्तमान में 2 हजार वर्ग मीटर की बाड़ी में बरबट्टी, बैंगन, टमाटर, भिन्डी, करेला, लौकी, नेनुआ, सब्जी वर्गीय फसल उत्पादन कर अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही हैं। उनकी आय में तीन गुना तक वृद्धि हुई है।
यह योजना उनके परिवार के आर्थिक समृद्धि का आधार भी बन गयी है। उनके पास आय के लिए तीन तरह के स्त्रोत उपलब्ध हो गए है। अब परिवार के भरण पोषण के लिए उचित मात्रा में अनाज उपलब्ध होने के साथ फसलों की ब्रिकी से भी आर्थिक लाभ हो रहा है। अब वे अपने परिवार का उचित रूप से देखभाल कर पा रहे हैं और साथ ही अपने बच्चों को अच्छे विद्यालय में शिक्षा उपलब्ध करा रहे है। उन्होंने इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन को धन्यवाद दिया है।