रायपुर,राज्य शासन के निर्देश पर सरकारी आवास को तोड़कर छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल द्वारा प्रदेश के आम नागरिकों एवं निवासरत कर्मचारियों के लिए आवास री डेवलपमेंट योजना तैयार की गई थी, जिसके विरूद्ध छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में याचिका क्रमांक रिट पिटीशन क्रमांक WPPIL no. 65 of 2020 दायर कर तोड़फोड़ रोकने की मांग की गई थी। दिनांक 22.07.2020 को सुनवाई के बाद माननीय न्यायालय द्वारा तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ की याचिका को खारिज कर दिया गया है। राज्य शासन की मंशानुसार छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल द्वारा तैयार री डेवलपमेंट योजना के क्रियान्वयन में अब कोई रूकावट नही रह गई है एवं कई अधिकारियों द्वारा आवास खाली किये जा चुके है एवं कई अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा जल्द खाली किये जा रहे है। माननीय न्यायालय द्वारा याचिका खारिज किये जाने की स्थिति में कार्य में किसी भी प्रकार की रूकावट नही रह गई है एवं जल्द ही निर्माण कार्य प्रारंभ हो सकेगा। इस योजना से प्रदेश के आम नागरिकों को शहर मेे आवास प्राप्त होने का अवसर प्राप्त हो सकेगा। राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता श्री एस.सी.वर्मा जी एवं छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल के अधिवक्ता अनूप मजूमदार द्वारा अपनी दलील प्रस्तुत की गई। मुख्य न्यायाधीश श्री पी.आर.रामचन्द्र मेनोन एवं न्यायाधीश श्री पार्थ प्रतीम साहू जी के खण्ड पीठ द्वारा यह निर्णय लिया गया है।