सरोज पांडेय जी,एक राखी मोदी जी को भी भेजिए और जनता को उपहार मे उनसे ,महगाई कम करने, युवाओं को रोजगार,कालेधन लाकर 15 लाख देने वाले वादे पूरा करने को कहिए, कांग्रेस प्रदेश सचिव राजेन्द्र बंजारे
रायपुर,छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवम पूर्व जनपद अध्यक्ष राजेंद्र पप्पू बंजारे ने सांसद सरोज पांडेय के द्वारा मुख्यमंत्री भुपेश बघेल जी को राखी भेजकर लिखी गई चिट्ठी पर प्रतिक्रिया ब्यक्त करते हुए कहा कि सरोज जी जरा एक राखी मोदी जी को भेजिए और उपहार में उनके द्वारा जनता से किये वादे पूरा करने कहिए। श्री बंजारे ने मोदी सरकार के सिलसिलेवार वादे को याद दिलाया कि महंगाई पर अंकुश की बात मोदी जी ने घोसणा पत्र में कहा था कि सरकार बनने के बाद वह महंगाई पर नियंत्रण करेगी. बीजेपी ने कहा था कि जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने के लिए विशेष अदालतों का गठन किया जायेगा। न, विशेष अदालतों का गठन हो पाया है न ही महगाई कम हुई
2 करोड़ युवाओं को रोजगार का मामला
बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में 2 करोड युवाओं को बड़े पैमाने पर प्रति वर्ष रोजगार देने का वादा किया था. बीजेपी ने कहा था कि श्रम आधारित मैन्युफैक्चरिंग और टूरिज्म को बढ़ावा देकर रोजगार बढ़ाने की कोशिश की जाएगी. एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंजों को रोजगार केंद्रों में बदलने की बात कही गई थी. स्टार्ट अप इंडिया, मुद्रा लोन, स्किल इंडिया जैसी योजनाये टॉय टॉय फीस हो गई. न युवाओं को रोजगार मिला न नॉकरी
कालाधन वापस लाकर जनता को 15 लाख देने का वादा
बीजेपी ने वादा किया था कि देश में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और काले धन को वापस लाया जाएगा. और कहा था कालेधन आने से लोगो को 15, 15 लाख यू ही मिल जाएंगे बीजेपी ने ऐसा तंत्र बनाने का वादा किया था, जिससे भ्रष्टाचार करने की गुंजाइश ही न रहे. बीजेपी ने कहा था कि वह विदेशी बैंको में जमा काला धन वापस लाने के लिए वह प्रतिबद्ध है और इसे प्रतिबद्धता के आधार पर किया जाएगा. काला धन वापस लाने के लिए एक टास्क फोर्स बनाने का वादा किया गया था. ऑपरेशन क्लीन मनी, नोटबंदी, बेनामी कानून में बदलाव आदि से देश में काले धन पर अंकुश के लिए सरकार के तमाम प्रयास असफल रहे हैं. लेकिन विदेश से काला धन लाने में अभी तक कोई सफलता नहीं मिली न ही भारत के प्रत्येक नागरिकों को 15 लाख मिला।
बैको के एनपीए का मामला
साल 2014 के अपने घोषणापत्र में बीजेपी ने कहा था कि वह ऐसे कदम उठाएगी जिससे बैंकों के एनपीए में कमी आए. लेकिन इस मोर्चे पर सरकार को विफल हुई ।. बैंकों का एनपीए लगातार बढ़ रहा है. साल 2014 में देश में बैंकों का कुल एनपीए 2.92 लाख करोड़ रुपये का था. सितंबर 2016 में सभी बैंको का कुल एनपीए 7.07 लाख करोड़ रुपये था. मार्च 2018 तक देश के सभी बैंकों का कुल एनपीए 10 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया था.अब तो बीजेपी की हद हो गई कि बड़े बड़े उद्योगपतियों का कर्ज राइट ऑफ कर एक तरह से कर्ज माफी कर दिया जिसमें रामदेव बाबा,मेहुल चौकसी, नीरव मोदी का कर्ज माफ कर दिए।