मंत्रीद्वय डॉ. टेकाम और श्री अग्रवाल ने कोरबा में पूजा-अर्चना कर की गोधन न्याय योजना की शुरूआत की
कोरबा जिले के एक लाख 34 हजार से अधिक किसान होंगे लाभान्वित, 282 स्वसहायता समूहों को मिलेगा रोजगार
रायपुर, स्कूल शिक्षा एवं जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम और राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने आज कोरबा जिले के अमरपुर गौठान में हरेली पूजा के साथ राज्य सरकार की गोधन न्याय योजना का विधिवत शुभारंभ किया। मंत्री द्वय द्वारा अमरपुर गौठान में गोधन न्याय योजना की शुरूआत पर गोबर खरीदी केंद्र का भी शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्र में विजयपुर ग्राम पंचायत के लगभग दस गौ पालको से दो रूपए प्रति किलो कि दर से गोबर भी खरीदा गया। गोबर खरीदी केंद्र में वजन मशीन भी लगाई गई है। कार्यक्रम की शुरूआत में राजगीत अरपा पैरी के धार… भी गाया गया। इस दौरान मध्यक्षेत्र विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लाल जीत सिंह राठिया, कटघोरा विधायक पुरषोत्तम कंवर, पाली तानाखार विधायक मोहितराम केरकेट्टा एवं जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर, नगर पंचायत कटघोरा के अध्यक्ष श्री रतन मित्तल, नगर निगम कोरबा के महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद,जनपद अध्यक्ष कटघोरा श्रीमती लता कंवर और विजयपुर ग्राम पंचायत के सरपंच श्री विश्राम सिंह कंवर सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
दो रूपए किलो में गोबर खरीदी की योजना ग्र्रामीणों को फायदा पहुंचाने का सरकार का अभिनव प्रयास-
प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में शुरू की गई गोधन न्याय योजना राज्य के ग्रामीणो को फायदा पहुंचाने और गांव को अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का अभिनव प्रयास है। गोबर खरीदने की इस योजना से होने वाले फायदे पर देश विदेश सहित अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों की भी नजर है। डॉ. टेकाम ने कहा कि खेती किसानी से लेकर ग्रामीण लोगो के सामाजिक आर्थिक परिवेश में भी इस योजना से सकारात्मक बदलाव आयेगा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा राज्य के ग्रामीणों और किसानों की बेहतरी के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं।
डॉ. टेकाम ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की सिंचाई कर की भी माफी की गई है। राज्य में रोका-छेका अभियान की शुरूआत किए जाने की साथ ही खुली चराई प्रथा पर रोक लगाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने बताया कि गांव और किसानों की बेहतरी के लिए सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी के संवर्धन और संरक्षण के कार्य किए जा रहे हैं। गांव में वर्षा जल संरक्षण के लिए नरवा (नाला) का उपचार कराए जाने के साथ ही पशुओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौठानों का निर्माण कराया जा रहा है। गौठानों में किसानों एवं पशुपालकों पशुधन के रखरखाव एवं उनके चारे-पानी का बेहतर प्रबंध किए जाने के साथ ही महिला स्वसहायता समूह के माध्यम से विभिन्न आयमूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। घुरवा कार्यक्रम के तहत गांव में नाडेप एवं वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन की ओर ग्रामीणों एवं किसानों का रूझान बढ़ा है। राज्य में निर्मित गौठानों में बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन भी किया जा रहा है। बाड़ी विकास कार्यक्रम से गांव में सब्जी-भाजी के उत्पादन को बढ़ावा मिला है। महिला समूह अब सामूहिक रूप से सब्जी उत्पादन के कार्य से जुड़े हैं। इन योजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। राज्य में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य का सपना मूर्त रूप लेने लगा है।
कार्यक्रम को राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि गोधन न्याय योजना ग्रामीणों, किसानों एवं पशुपालकों को लाभ पहुंचाने की एक अभिनव योजना है। इस योजना के तहत किसानों एवं पशुपालकों से दो रूपए किलो की दर से गोबर की खरीदी की जाएगी, जिसके जरिए गौठानों में बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण एवं अन्य उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इससे गांव में लोगों को रोजगार एवं आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। मध्यक्षेत्र विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लालजीत सिंह राठिया, उपाध्यक्ष श्री पुरूषोत्तम कंवर ने भी संबोधित किया। कलेक्टर ने बताया कि जिले में 282 गौठान स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 210 गौठान पूरे हो चुके है। गौठान संचालन के लिए समितियों को 10-10 हजार रूपए प्रतिमाह उपलब्ध कराए जा रहे है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक आंकलन के अनुसार गोधन न्याय योजना से एकत्रित किए गए गोबर से जिले में चौदह हजार टन से अधिक जैविक खाद उत्पादन होगा। इस योजना से जिले में एक लाख चौतीस हजार से अधिक किसान लाभान्वित होंगे तथा लगभग 282 स्वसहायता समूहों को रोजगार मिलेगा।
कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण हितग्राहियों को बीज मिनी किट, मछली जाल, मुर्गी पालन के लिए चूजे भी वितरित किए गए। प्रभारी मंत्री ने इस दौरान धवईपुर क्लस्टर के महिला स्व-सहायता समूह द्वारा बनाई जा रही छत्तीसगढ़ थीम की राखियों के ब्रोशर उजियारा राखी का विमोचन किया। इस ब्रोशर में समूह द्वारा चावल, दाल, बांस, रेशम, कौड़ी, गेहूं जैसे स्थानीय चीजों से बनाई गई राखियों का सचित्र विवरण शामिल किया गया है। इस दौरान उद्यानिकी विभाग द्वारा अमरपुर, रंजना, ढेलवाडीह, ढपढप और भिलाईबाजार के महिला स्व-सहायता समूहों को वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन कर विक्रय करने पर लगभग चालीस हजार रूपए के चेक भी वितरित किए गए। सभी अतिथियों ने गौठान परिसर में वृक्षारोपण भी किया। मिनी किट, गोबर क्रय पत्रक मछली जाल हितग्राही मूलक योजनाओं के तहत कार्यक्रम की समाप्ति पर गोधन न्याय योजना से जुड़े समिति की सदस्यों को गोबर खरीदी पत्रक वितरित किया गया तथा स्व-सहायता समूहों को चेक वितरित किया गया।