भारत और यूरोपीय संघ की भागीदारी विश्व में शांति और स्थायित्व के लिए महत्वपूर्ण : मोदी
नई दिल्ली : भारत और यूरोपीय संघ के बीच वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए 15वां शिखर सम्मेलन आज संपन्न हो गया। भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स माइकल और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लियन ने किया। शिखर सम्मेलन के संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों के नेताओं ने लोकतंत्र, स्वतंत्रता, विधि के शासन के साझा सिद्धांतों और मूल्यों पर आधारित भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक भागीदारी मजबूत करने का फैसला किया। दोनों पक्ष भारत और यूरोपीय संघ के लोगों को ठोस लाभ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मानवाधिकारों का सम्मान करने पर सहमत हुए। विश्व के दो सबसे बडे लोकतंत्र के रूप में भारत और यूरोपीय संघ ने संयुक्त राष्ट्र और विश्व व्यापार संगठन के साथ प्रभावी बहुराष्ट्रवाद और नियम आधारित बहुपक्षीय व्यवस्था को प्रोत्साहन देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। दोनों पक्ष अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ बनाने, वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के लिए तैयारियों को मजबूत करने, वैश्विक आर्थिक स्थिरता और समावेशी वृद्धि को प्रोत्साहन देने, सतत विकास लक्ष्य हासिल करने और जलवायु तथा पर्यावरण के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग बढाने पर सहमत हुए।
संयुक्त बयान में कहा गया है कि यूरोपीय संघ को 2022 में जी-20 में भारत की अध्यक्षता और 2021-22 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्यता की उत्सुकता से प्रतीक्षा है।
विश्व इस समय कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि इस महामारी के सामाजिक-आर्थिक दुष्प्रभावों के उन्मूलन तथा लोगों के जीवन की सुरक्षा के लिए वैश्विक सहयोग और एकजुटता आवश्यक है। स्वतंत्र, पारदर्शी ढंग से तत्काल सूचना के आदान-प्रदान और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया में सुधार से संबंधित तैयारियों और क्षमताओं को मजबूत करने के महत्व पर भी बल दिया गया।
दोनों पक्षों ने औषधियों और वैक्सीन के निर्माण, स्वास्थ्य संबंधी अनुसंधान, विकास, निदान और उपचार के क्षेत्र में साझा क्षमताओं और अनुभव के जरिए स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में आपसी सहयोग का उल्लेख किया। सम्मेलन में प्रभावी निदान, उपचार और वैक्सीन के विकास और उन्हें सबको किफायती कीमत पर उपलब्ध कराने के लिए वैश्विक सहयोग तथा आर्थिक सहायता की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने वैश्विक भलाई के लिए कोविड-19 वैक्सीन विकसित करने की अपील की।
दोनों पक्ष विशेष रूप से कोविड महामारी के उपरांत आर्थिक गतिविधियों में सुधार, सतत आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने तथा रोजगार को बढावा देने की पूर्ण क्षमता का लाभ उठाने के लिए व्यापार और निवेश संबंधों को प्रगाढ बनाने पर सहमत हुए। भारत और यूरोपीय संघ में समान अवसर उपलब्ध कराने, संतुलित, आकांक्षी और परस्पर लाभप्रद व्यापार और निवेश समझौतों तथा बाजारों को खोलने की दिशा में काम करने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की गई।
सम्मेलन में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों में मार्गदर्शन उपलब्ध कराने तथा आपसी हित के बहुपक्षीय मुद्दों को सुलझाने के लिए मंत्रिस्तरीय नियमित संवाद शुरू करने पर भी सहमति बनी। भारत और यूरोपीय संघ वैश्विक व्यापार प्रणाली को खुली रखने और नियम आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को प्रोत्साहन देने पर भी सहमत हुए।
दोनों पक्षों ने भारत में यूरोपीय निवेश बैंक की गतिविधि शुरू होने तथा पुणे और भोपाल मेट्रो रेल परियोजनाओं में 55 करोड यूरो के निवेश की योजना का स्वागत किया।
अगले पांच वर्ष में भारत और यूरोपीय संघ के बीच सहयोग का मार्गदर्शन करने के लिए भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक भागीदारी : 2025 के लिए रूपरेखा को भी स्वीकार किया गया। दोनों पक्षों ने परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के लिए अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में सहयोग के बारे में भारत-यूराटॉम समझौते पर हस्ताक्षर का स्वागत किया। इस दौरान संसाधन दक्षता और अर्थव्यवस्था पर संयुक्त घोषणा भी स्वीकार की गई। अगले पांच वर्ष के लिए भारत-यूरोपीय संघ विज्ञान और प्रौद्योगिकी समझौते के नवीकरण का भी स्वागत किया गया।