राज्य में ई-लोक अदालत के माध्यम से 2270 मामलों का हुआ आपसी समझौते से निराकरण
43 करोड़ 72 लाख रूपए से अधिक की सेटलमेंट राशि पारित
रायपुर में सर्वाधिक 562 प्रकरणों का हुआ निराकरण
दुर्ग में 294 और बिलासपुर में 195 मामले हुए निराकृत
रायपुर, छत्तीसगढ़ राज्य में ई-लोक अदालत के माध्यम से आज 2270 प्रकरणों का निराकरण किए जाने के साथ ही 43 करोड़ 72 लाख 86 हजार 902 रूपए की सेटलमेंट राशि पारित की गई। यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां अदालतों में लंबित मामलों के निराकरण के लिए पहली बार ई-लोक अदालत का आयोजन हुआ है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश श्री पी.आर. रामचन्द्र मेनन ने आज ई-लोक अदालत का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस श्री प्रशांत मिश्रा, जस्टिस श्री मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव, जस्टिस श्री गौतम भादुड़ी एवं अन्य न्यायधीशगण, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल श्री नीलम चंद सांखला, रजिस्ट्रार सीपीसी श्री शहाबुद्दीन कुरैशी उपस्थित थे। पक्षकारों के मामलों की सुनवाई और उसका निराकरण वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया।
छत्तीसगढ़ राज्य में ई-लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण के लिए 23 जिलों में कुल 195 खंडपीठे स्थापित की गई थी। इन खंडपीठों के माध्यम से कुल 2270 प्रकरणों का आपसी समझौते से निराकरण हुआ और 43 करोड़ 72 लाख 75 हजार 902 रूपए की सेटलमेंट राशि पारित की गई। ई-लोक अदालत के माध्यम से बस्तर जिले में 15, बलौदाबाजार में 88, बलरामपुर में 04, बालोद में 179, बेमेतरा में 48, बिलासपुर में 195, धमतरी में 22, दुर्ग में 294, जांजगीर में 116, जशपुर में 42, कबीरधाम में 44, कांकेर में 23, कोण्डागांव में 11, कोरबा में 65, कोरिया में 49, महासमुंद में 99, मुंगेली में 24, रायगढ़ में 45, रायपुर में 562, राजनांदगांव में 150, सरगुजा में 22, सूरजपुर में 18 तथा हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति द्वारा 155 मामलों का निराकरण किया गया।