भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान‘ कोविड महामारी से प्रभावित नहीं होगा: डॉ. जितेंद्र सिंह
नई दिल्ली : केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां कहा कि भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान‘ की शुरुआत कोविड महामारी से प्रभावित नहीं होगी और तैयारियां सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं।
पिछले एक वर्ष के दौरान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एवं अंतरिक्ष विभाग की महत्वपूर्ण उपलब्धियों और भविष्य के लिए कुछ महत्वपूर्ण मिशनों के बारे में चर्चा करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भले ही कोविड-19 महामारी के कारण रूस में चार भारतीय अंतरिक्षयात्रियों का प्रशिक्षण बाधित हो गया था, फिर भी इसरो के अध्यक्ष एवं वैज्ञानिक टीम का विचार है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं लॉन्च की डेडलाइन दोनों में ही एक ‘ गुंजाइश’ रखी गई थी। उन्होंने कहा कि अंतरिक्षयात्रियों का प्रशिक्षण अब फिर से आरंभ हो गया है और जैसेकि योजना थी 2022 में भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ से पूर्व लॉन्च का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है।
इसरो की गतिवधियों में निजी क्षेत्र की सहभागिता को प्रोत्साहित करने के कैबिनेट के फैसले की व्याख्या करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि, भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्रमाणीकरण केंद्र (इन-स्पेस) नामक एक नियामकीय निकाय की स्थापना की जानी है। उन्होंने कहा कि यह निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए समान अवसर उपलब्ध कराएगा और उनकी सहभागिता को प्रोत्साहित करेगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमारे अंतरिक्ष मिशनों की क्षमता एवं संसाधनों को बढ़ाने के अतिरिक्त, निजी क्षेत्र की कंपनियों की बढ़ी हुई सहभागिता अंतरिक्ष वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों के ब्रेन ड्रेन को निरुत्साहित करेगी, जो अवसरों की तलाश में भारत से बाहर जाने लगे थे।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने चंद्रयान-3 लुनर मिशन के बारे में कहा कि अभी तक की योजना के अनुसार, इसे अगले वर्ष लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मिशन में मूव करने के लिए मोड्यूल्स को कैरी करने हेतु एक लैंडर, रोवर तथा एक प्रोपलसन प्रणाली शामिल होगी लेकिन इसमें आर्बिटर नहीं होगा क्योंकि पिछला आर्बिटर पूरी तरह प्रचालनगत है।