नोटबंदी के एक वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस ने मनाया पूरे प्रदेश में काला दिवस
जोगी एक्सप्रेस
रायपुर/ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आव्ह्ान पर आज दिनांक 8 नवंबर को काला दिवस के रूप में पूरे देश में मनाया गया। आज से 1 वर्ष पूर्व 8 नवंबर के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी जैसे अव्यवहारिक एवं तुगलकी निर्णय लेकर पूरे देश को आफत में ला खड़ा कर दिया। जिसके चलते सैकड़ो लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी थी। नोटबंदी के कारण लाखों लोग बेरोजगार हो गये, हजारों फैक्टरियां एवं उद्योग धंधे बंद हो गये। पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरमा गई, आर्थिक बदहाली के कारण सैकड़ों किसानों को आत्महत्या करने को विवश होना पड़ा। भाजपा सरकार के इस दुखद कष्टदायी, अपरिपक्व फैसले से देश को सालो पीछे चला गया।
नोटबंदी से हुये इन्ही सब दुष्परिणामों के मद्देनजर नोटबंदी के निर्णय के एक वर्ष पूरा होने की तिथि 8 नवंबर को काला दिवस के रूप में मनाते हुये पूरे प्रदेश के नगर, जिला एवं ब्लाक मुख्यालयों में कांग्रेस द्वारा धरना, प्रदर्शन एवं सभा का आयोजन किया। साथ ही जिन देशवासियों को इस निर्णय के कारण अपनी जानो को गंवाना पड़ा उनको कैण्डल मार्च निकाल कर मुख्य चैराहो पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी। इसी तारतम्य में राजधानी रायपुर में गुढ़ियारी, पहाड़ी चैक तथा राजीव गांधी चैक बैरन बाजार पर सैकड़ों की संख्या में कांग्रेसजनों ने उपस्थित होकर धरना, प्रदर्शन एवं सभा का आयोजन कर मोदी सरकार के नोटबंदी के निर्णय को अपरिपक्व और केवल अपने नाकामियों को छिपाने के लिये आनन-फानन में लिये अव्यवहारिक बताते हुये जमकर कोसा।
राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ प्रभारी पी.एल. पुनिया, प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री चरणदास महंत, पूर्व अध्यक्ष धनेन्द्र साहू, पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा, राज्यसभा सदस्य छाया वर्मा, वरिष्ठ नेता राजेन्द्र तिवारी, अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष शिवकुमार डहरिया, महापौर प्रमोद दुबे, शहर अध्यक्ष विकास उपाध्याय सहित वरिष्ठ नेतागण कार्यक्रमों में उपस्थित हुये।
गुढ़ियारी की सभा को संबोधित करते हुये अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के छत्तीसगढ़ प्रभारी पी.एल. पुनिया ने नोटबंदी को मोदी सरकार द्वारा हताषा में लिये गये निर्णय करार देते हुये कहा कि इस निर्णय से पूरे देश को जिस ढंग से आघात लगा, लोगो को जिस ढंग से तकलीफ का सामना करना पड़ा, जिस ढंग से अपने नोट को बदलने के लिये कई दिनों तक गरीब लोगों को बैंको मे कतारों में भूखे प्यासे खड़ा होना पड़ा, जिसके चलते सैकड़ों लोगों को भूख, प्यास एवं सदमें के चलते मौत के मुंह में जाना पड़ा। ये सब देश के लिये बड़ा ही दुर्भाग्य एवं अफसोसजनक घटनायें थी। मोदी जी के इस अहंकार भरे निर्णय ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को चैपट करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ा। जिस बातों को लेकर मोदी जी ने 8 नवंबर को न्यूज चैनलों के माध्यम से देशवासियों को इस निर्णय को लेने का कारण बताया दुर्भाग्य से एक साल व्यतीत हो जाने के बावजूद चाहे कालधन वापसी का मामला हो, चाहे आतंकवादियों/नक्सलियों की कमर टूटने की बात हो, या फिर नकली नोटो से देश को निजात दिलाने की बात हो, या फिर देश मे भ्रष्टाचार समाप्त करने की कही गयी बात हो, एक भी उद्देश्य की पूर्ति इस नोटबंदी से होते हुये आज तक लोगों को महसूस नहीं हुआ, न ही अब तक होता दिखाई दे रहा है। बल्कि इस निर्णय का असर उल्टा हुआ दिखाई पड़ा। इतने बड़े निर्णय लेने में प्रधानमंत्री ने न तो वित्त मंत्री को, रिजर्व बैंक को और न ही अपने आर्थिक सलाहकार को विश्वास में लिया, बल्कि केबिनेट में भी इतने बड़े निर्णय को लेने से पूर्व मंजूरी लेना उचित नहीं समझा, एक प्रकार से अपने पूरे मंत्रिमंडल पर मोदी जी ने अविश्वास व्यक्त किया। उन्होने भाजपा पर यह आरोप लगाया कि नोटबंदी निर्णय के पूर्व, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के भाजपा के खाते में करोड़ों रूपया जमा कराया गया। अमितशाह और भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष गोपीनाथ मुंडे की पुत्री पंकजा मुंडे द्वारा संचालित बैंको में कई सौ करोड़ रू. 500-1000 रू. के जमा कराये गये, जो इस बात को बताता है कि मोदी के द्वारा लिया गया निर्णय देशहित में नहीं बल्कि उस समय के कुछ राज्यों के होने वाले चुनावो में सत्ता हासिल करने के लिये भाजपा का एक बहुत बड़ा सुनियोजित षड़यंत्र था।
श्री पुनिया जी ने राजीव गांधी चैक बैरन बाजार में आयोजित सभा में भाजपा सरकार को कोसते हुये कहा कि आधी-अधूरी तैयारी से लिये नोटबंदी के निर्णय ने देश को काफी पीछे धकेल दिया। मोदी जी ने अपने लोगों को इस निर्णय को पहले से बता दिया था, यही कारण है कि भाजपा ने इस कालेधन को पूरे हिन्दुस्तान में पार्टी कार्यालय बनाने के लिये, जमीन खरीदने एवं भवन बनाने के लिये खर्च किया। अंबानी और अडानी जो मोदी और भाजपा के खास है, उन्हीं के पास कालाधन है। डाॅ. रमन सिंह सहित सभी भाजपा मुख्यमंत्रियो के पास कालाधन जमा है। जिस पर सरकार कार्यवाही क्यो नहीं करती? पनामा और पैराडाइज पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री के बेटे अभिषेक सिंह का नाम आ चुका है। इसी से पता चलता है कि देश का कालाधन भाजपा के मुख्यमंत्रियों एवं मंत्रियो के पास सबसे ज्यादा है, इस पर कार्यवाही करने की हिम्मत मोदी जी में नहीं है।
इंदिरा जी देश और देशवासियों के हितो की चिंता करती थी, यही कारण है कि ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लेती थी, जिससे देश कठिनाई में पड़ जाये देश और देशवासियों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी या तकलीफ न पहुंचे, उनके मन में कोई भी निर्णय लेने के पहले इस बात की चिंता रहती थी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने नोटबंदी को देश के लिये बड़े ही दुर्भाग्यशाली निर्णय बताते हुये उन्होने नोटबंदी के निर्णय को भाजपा की एक सुनियोजित लूट की संज्ञा दी। नोटबंदी से छत्तीसगढ़ के कई कल कारखानो मे ताला लग गया, हजारो लोग बेरोजगार हो गये, घर की महिलाओं को अपने घर के जरूरतो के लिये सालो से जमा की गयी पूंजी से इस निर्णय के चलते एक झटके में वंचित होना पड़ा, राज्य के किसानों को बदहाली के दौर से गुजरना पड़ा, उन्हें अपने उत्पादन का लागत मूल्य भी नहीं मिल पाने के कारण अपने उत्पाद को सड़कों में आकर फेकना पड़ा, राज्य के कई किसानो को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा, हालात यहां तक आ गयी कि सैकड़ों की संख्या में उन्हे हताषा और निराशा में आत्महत्या करने को विवश होना पड़ा। लेकिन वाह रे छत्तीसगढ़ की रमन सरकार तकलीफ एवं परेशानी मे पड़े लोगो को सहयोग की बात तो दूर, मृतक परिवारों को फौरी आर्थिक सहयोग की बात तो दूर, संवेदना के दो शब्द भी नहीं कह पाये। उल्टे हुये मौत को अन्य कारण बताते हुये नोटबंदी की बखान करते नहीं थके। ऐसी असंवेदनशील केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकार की जितनी भी निंदा की जाये वह कम है। दुर्भाग्य से उन्हें अपने इस लिये गलत निर्णय एवं कृत्यों का पश्चाताप करने के बजाय आज के दिन को उत्सव दिवस के रूप में मनाकर निरलतता का परिचय देने में लगी है। निश्चित रूप से जनता नोटबंदी के चलते हुये परेशानी, तकलीफों एवं दुखों को सहने के लिये सरकार की हठधर्मिता के चलते ही मजबूर हुयी है किन्तु भूली बिल्कुल नहीं है, समय आने पर इस असंवेदनशील सरकार को जनता जरूर सबक सिखायेगी।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री डाॅ. चरणदास महंत ने भी सभा को संबोधित करते हुये कहा कि नोटबंदी से सबसे ज्यादा देश में प्रभावित हुई है तो वह हमारी माताएं, बहने, गृहणी है क्योंकि उनके पास रखे गए रुपए परिवार में आए आपत्ति पर किए जाने वाले खर्च के लिए होते हैं उन रुपय को भी नहीं छोड़ा देश के प्रधानमंत्री ने।
पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा ने सभा को संबोधित करते हुये कहा कि नोटबन्दी देश का सबसे बड़ा घोटाला है जिससे देश की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ आमजनो को सीधा नुकसान उठाना पड़ा है। जिस कालेधन की बात कहते रहे आज वही कालाधन दिखाई नही दे रहा है, न ही हिंसा, आतंकवाद, नक्सलवाद समाप्त हो पाया है।
शाम को राजीव गांधी चैक में हजारो की संख्या में जबर्दस्त सभा का आयोजन कर नोटबंदी के निर्णय की जमकर आलोचना की गयी। सभा के अंत में कैण्डल जलाकर पैदल मार्च करते हुये अंबेडकर चैक पहुंचकर इस दुखद त्रासदी से हुये मौत के शिकार देशवासियों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी। कैण्डल मार्च का नेतृत्व छत्तीसगढ़ प्रभारी पी.एल. पुनिया, प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री चरणदास महंत, पूर्व अध्यक्ष धनेन्द्र साहू, पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा, राज्यसभा सदस्य छाया वर्मा, वरिष्ठ नेता राजेन्द्र तिवारी, अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष शिवकुमार डहरिया, महापौर प्रमोद दुबे, कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, प्रभारी महामंत्री गिरीश देवांगन, महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी, सुभाष शर्मा, मीडिया अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा, मीडिया संयोजक आर.पी. सिंह, मीडिया सचिव सुशील आनंद शुक्ला, प्रवक्ता महेन्द्र छाबड़ा, घनश्याम राजू तिवारी, विकास तिवारी, मनीष दयाल, आनंद मिश्रा, मो. असलम, एम.ए. इकबाल, कुलदीप जुनेजा, शहर अध्यक्ष विकास उपाध्याय, एजाज ढेबर, शिवसिंह ठाकुर, अजय साहू, संजय पाठक, सूर्यमणी मिश्रा, सुरेश ठाकुर, प्रमोद चैबे, गिरीश दुबे, सलाम रिजवी, समीम अख्तर, मो. अमजद, निवेदिता चटर्जी, आशा चैहान, सुनीता शर्मा, वंदना राजपूत, पिंकी बाघ, रेणु मिश्रा सहित वरिष्ठ नेतागण कार्यक्रम में उपस्थित थे।
पूरे प्रदेश के ब्लाक, नगर तथा जिले मुख्यालय में भारी संख्या में कांग्रेसजनों ने धरना प्रदर्शन कर काला दिवस के रूप में मनाने के समाचार प्राप्त हुये है एवं अंत में कैण्डल मार्च निकाल कर नोटबंदी के चलते हुये काल के शिकार हुये लोगों को श्रद्धांजलि दी गयी।