November 23, 2024

पैकेज का मतलब तत्काल राहत होता है….. भविष्य की योजना नहीं…. : वर्ल्यानी

0

राहत पंहुचाने के नाम पर पीड़ितों की आंखों में धूल झोंकने का काम बंद करें मोदी सरकार

रायपुर । 15 मई 2020 । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज ली गई तीसरी पत्रकार वार्ता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ और वरिष्ठ प्रवक्ता रमेश वर्ल्यानी ने कहा है कि राहत पैकेज का मतलब भविष्य की योजना या बजट प्रावधान दोहराना नहीं राहत पंहुचाने के उपायों की घोषणा होता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाओं में बस राहत ही नदारद है। आर्थिक पैकेज का मतलब होता है कि सरकार देश के किसान मजदूर छोटे उद्योग धंधे वालों फुटकर व्यापारियों को सीधे क्या आर्थिक राहत पहुंचा रही है ? आज वित्त मंत्री की तीसरी पत्रकार वार्ता में भी किसी भी राहत की कोई घोषणा नहीं की गई।

वर्ल्यानी ने कहा है कि कृषि एवं संबद्ध कृषि आधारित उद्योगों के लिए जिनमें डेयरी पशुपालन मत्स्य पालन मधुमक्खी पालन आदि है इनके आधारभूत ढांचे की दीर्घकालीन योजनाओं की बजट घोषणा को आज की पत्रकार वार्ता में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दोहराया मात्र है।

वर्लयानी ने पूछा है कि बजट में पहले से प्रावधानित राशि राहत पैकेज का हिस्सा कैसे हो सकती है ?

आज किसानों को तत्काल राहत मिलना चाहिए। आज खेती को लाभकारी बनाने के लिये जरूरी है कि किसानों को बीज खाद कृषि उपकरण सस्ती दरों पर मिले और किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिले । प्रधानमंत्री मोदी की बोली और कर्म में कोई संबंध ही नहीं है । छत्तीसगढ़ के किसानों से धान खरीदी कांग्रेस सरकार ₹2500 में करके किसानों को राहत दे रही थी तो उसमें भी केंद्र सरकार ने बाधा डाली और मोदी सरकार ने किसानों को धान का दाम ₹2500 प्रति क्विन्टल नहीं देने का निर्देश दिया । आर्थिक पैकेज के नाम पर मोदी सरकार लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है । आज किसान प्रवासी मजदूर छोटे व्यापारी ठेले खोमचे रेडी वाले पर्यटन होटल उद्योग में काम करने वाले कामगारों छोटे व्यापारियों उद्योगपति इन सबको करोना लॉकडॉउन के कारण जो नुकसान उठाना पड़ा है उन्हें तत्काल आर्थिक अनुदान देना समय की मांग है इनको डायरेक्ट कैश बेनिफिट दिया जाना चाहिए तभी बाजार में मांग बढ़ेगी ।

वर्ल्यानी ने कहा है कि सरकार लोन नहीं अनुदान दे तभी यह राहत पैकेज कहलाएगा अन्यथा यह केवल और केवल आंकड़ों की बाजीगरी मात्र है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *