November 23, 2024

लॉकडाउन में बिकी करोड़ों की सब्जियां उद्यानिकी विभाग के मैदानी अमले की मेहनत रंग लाई

0

 
रायपुर, 11 मई 2020/ कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रदेश में लॉकडाउन जारी है। लाकडाउन अवधि के प्रारंभ में किसानों को उद्यानिकी फसलों का विक्रय करना चुनौती बन गया था। ऐसी स्थिति में किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा था, किसानों को या तो औने पौने दाम पर फसलों के बेचने पर विवश होना पड़ रहा था या फिर किसानों ने तुड़ाई ही बंद कर दी थी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर इसके निराकरण के लिए कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे के मार्गदर्शन में कलेक्टर जगदलपुर, उद्यानिकी विभाग के उप संचालक जगदलपुर सहित मैदानी अमले ने किसानों से जा-जाकर सम्पर्क किया। विभाग के मैदानी अमले की मेहनत रंग लाई और लॉकडाउन में प्रदेश सहित महाराष्ट्र (नागपुर), तेलंगाना (हैदराबाद), उड़ीसा एवं मध्यप्रदेश में करोड़ों रूपए की सब्जियों की बिक्री हुई है। 
कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे के निर्देश पर उद्यान विभाग के अधिकारियों ने फसलों के विक्रय और परिवहन में आ रहीं दिक्कतों के समाधान के लिए जगदलपुर कलेक्टर से आग्रह किया। कलेक्टर द्वारा इसके तत्काल निराकरण के लिए सब्जियों के परिवहन का पास जारी करते हुए पुलिस विभाग को भी सहयोग करने निर्देशित किया गया। उप संचालक उद्यान, जगदलपुर द्वारा सब्जी के बड़े व्यापारियों से अधिक से अधिक सब्जियों की खरीदारी करने का निवेदन किया गया है। इन प्रयासों का नतीजा जल्दी मिलने लगा जहां लॉकडाउन के प्रारंभ में मिर्च का भाव 4 से 6 रूपए प्रतिकिलों मिल रहा था वो अब 11-13 रूपए प्रतिकिलो मिल रहा है। टमाटर का दर प्रतिकिलो 3-4 रूपए से बढ़कर 8-10 रूपए हो गया है। सबसे खराब स्थिति में खीरा की फसल थी तात्कालीक समय में 1-2 रूपए प्रतिकिलो की दर पर विक्रय हो रहा था अब खीरा का दाम किसानों को 5-7 रूपए प्रति किलो मिल रहा है। मिर्च, टमाटर एवं खीरा को बस्तर बकावण्ड, तोकामाल से रायपुर, भिलाई, महाराष्ट्र (नागपुर), तेलंगाना (हैदराबाद), उड़ीसा एवं मध्यप्रदेश भेजा गया। अब तक विभागीय प्रयास से लगभग 4500 मीट्रिक टन उद्यानिकी फसलों (3000 मीट्रिक टन मिर्च, 500 टन टमाटर एवं 100 टन खीरा) का विक्रय किया जा चुका है। मिर्च, टमाटर एवं खीरा के साथ-साथ बैंगन एवं करेला की बिक्री को भी सुनिश्चित किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *