November 23, 2024

लॉकडाउन की अवधि में भी राज्य में दुग्ध उत्पादक किसानों को 10 करोड़ रूपए से अधिक का भुगतान

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दूध और दुग्ध पदार्थों के बिक्री में 50 फीसदी की कमी के बावजूद भी महासंघ रख रहा है दुग्ध उत्पाद किसानों के हितों का ख्याल
राज्य में प्रतिदिन 95 हजार लीटर दूध का संकलन

जारीरायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध मंहासंघ ने लॉकडाउन के दौरान भी राज्य के दुग्ध उत्पादक किसानों के हितों का ध्यान रखते हुए न सिर्फ उनके द्वारा उत्पादित दूध का संकलन कर रहा बल्कि दूध की खरीदी के एवज में महासंघ ने इस अवधि में 10 करोड़ रूपए से अधिक का भुगतान भी दुग्थ उत्पादक किसानों किया है। कोरोना संक्रमण की वजह से 23 मार्च से जारी लॉकडाउन के बावजूद भी दुग्ध महासंघ ने कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चैबे एवं अध्यक्ष श्री रसिक परमार के मार्गदर्शन में सुरक्षित तरीके से दुग्ध संकलन की बेहतर कार्य-योजना तैयार कर इसको सुचारू रूप से जारी भी रखा।  लॉकडाउन के चलते दूध और दुग्ध पदार्थों की बिक्री एवं खपत में लगभग 50 फीसदी की गिरावट के बावजूद भी दुग्ध महासंघ के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने कृषि उत्पादन आयुक्त एवं प्रमुख सचिव श्रीमती मनिन्दर कौर द्विवेदी एवं प्रबंध संचालक श्री नरेन्द्र कुमार दुग्गा के मार्गदर्शन में दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के किसानों के हितों का ध्यान रखते हुए उनसे दूध की खरीदी में किसी भी तरह की कमी नहीं आने दी है। दुग्ध महासंघ लॉकडाउन की शुरूआती दिन से लेकर आज तक की कठिन परिस्थिति में भी किसानों से रोजाना 95 हजार लीटर दूध क्रय करने के साथ ही समय-समय पर किसानों को उसके एवज में राशि का भुगतान भी कर रहा है।  यह गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण व्यापारिक प्रतिष्ठान, शासकीय-अर्द्धशासकीय कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान, होटल-ढाबे, चाय-ठेले पूरी तरह बंद है। जिसकी वजह से दूध और दुग्ध पदार्थों की बिक्री में 50 प्रतिशत की कमी हो गई है। दुग्ध उत्पादक किसानों से लॉकडाउन की अवधि में अन्य निजी संस्थाओं ने दूध लेना बंद करने के साथ ही औने-पौने दाम में उनसे दूध की खरीदी करनी शुरू कर दी थी। ऐसी स्थिति में दुग्ध महासंघ ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चैबे के निर्देशानुसार किसानों से निर्धारित मूल्य पर सभी दुग्ध उत्पादक किसानों से न सिर्फ निर्धारित मूल्य पर उनका दूध क्रय किया बल्कि समय-समय पर दुग्ध उत्पादक किसानों से क्रय किए गए दूध के एवज में पूरी राशि का भुगतान भी सुनिश्चित किया है। जिसकी वजह से दुग्ध उत्पादक किसानों का आर्थिक हित  संरक्षित हुआ है । दुग्ध महासंघ ने बाजार में दूध की खपत कम होने के कारण अतिशेष दूध का उपयोग दूध पाउडर (एस.एम.पी.),घी और मक्खन का निर्माण कर इसका निष्पादन सफलतापूर्वक कर रहा है। लॉकडाउन की अवधि में ही दुग्ध महासंघ के कई जिलों के शीत केन्द्रों में आयी खराबी को भी महासंघ के तकनीशियनों ने जद्दोजहद कर न सिर्फ इस तकनीकी खराबी को दूर किया, बल्कि दूध के संकलन को भी प्रभावित नहीं होने दिया। यह उल्लेखनीय है कि दुग्ध महासंघ के अधीन 999 दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां है, जिनसे 42 हजार 587 किसान जुड़े हुए है। लॉकडाउन से पहले दुग्ध महासंघ द्वारा संकलित किए जाने वाले दूध की खपत 80 से 90 हजार लीटर प्रतिदिन होती थी। लॉकडाउन के कारण खपत में 50 प्रतिशत की कमी आ गई है। वर्तमान समय में बमुश्किल 50 हजार लीटर दूध की बिक्री हो पा रही है।  प्रबंध संचालक श्री नरेन्द्र दुग्गा ने बताया कि लॉकडाउन के बावजूद भी दुग्ध महासंघ द्वारा उपभोक्ताओं को ‘देवभोग‘ दूध एवं दुग्ध पदार्थ बिना किसी व्यवधान के निरंतर उपलब्ध कराया जा रहा है। दुग्ध महासंघ द्वारा अपने मोबाइल मिल्क पार्लर द्वारा रायपुर एवं दुर्ग शहर की बड़ी रहवासी कॉलोनियों-अपार्टमेंटस में निरंतर दूध एवं दुग्ध पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। उपभोक्ताओं से महासंघ के वाट्सएप नम्बर 79827726833 पर प्राप्त मांग के आधार पर घर पहुंच सेवा जारी है। देवभोग दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थों को छत्तीसगढ़ शासन की (वेबसाईट बहींज.पद) सी.जी. हॉट एवं स्वीगी (होम डिलीवरी सिस्टम) के माध्यम से भी घर पहुंच सेवा प्रदाय की जा रही है। कोरोना संक्रमण के चलते दुग्ध महासंघ के संयंत्रों में दुग्ध पालकों, संकलन वाहनों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों की स्वच्छता के बारे में विशेष ध्यान रखा जा रहा है। संयंत्रों में प्रवेश करने वाले सभी दुग्ध संकलन एवं दुग्ध वितरण वाहनों के साथ-साथ कर्मचारियों एवं अधिकारियों को लाने ले जाने हेतु बस एवं वाहनों का सैनेटाइजेशन एवं फ्युमिगेशन भी किया जा रहा है। दुग्ध संकलन एवं विपणन वाहन चालकों एवं सहायकों को भी प्रवेश के पूर्व सेनेटाइज करते हुये उनकी थर्मल स्क्रीनिंग के पश्चात् ही अनुमति दी जा रही है। दुग्ध महासंघ आईएसओ 22000-2005 संस्था है। इस कारण संयंत्र में मास्क एवं बालों को टोपी से ढकना प्रत्येक कर्मचारी एवं अधिकारी के लिए अनिवार्य है। संयंत्र में सोशल डिस्टेंसिंग का भी कड़ाई से पालन किया जा रहा है। प्रबंध संचालक श्री दुग्गा लॉक डाउन के दौरान नियमित रूप से महासंघ के सयंत्र पहुंच कर वहां की व्यवस्था का मुआयना करने के साथ ही अधिकारियो- कर्मचारियों प्रोत्साहित करते है।  दुग्ध महासंघ कोविड-19 लॉकडाउन के कारण उत्पन्न विषम परिस्थितियों में किसानों, अधिकारियों-कर्मचारियों, उपभोक्ताओं एवं विक्रेताओं ने कोरोना वारियर्स के रूप में पूरी लगन  के साथ काम कर रहे है। दुग्ध महासंघ राज्य के दुग्ध उत्पादक कृषकों के हितों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।

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