November 23, 2024

राज्य की 13 बंद पड़ी पत्थर खदानों में केज कल्चर के जरिए मछलीपालन शुरू

0

फ़ाइल फ़ोटो, क्रेडिट बाय, गूगल
रायपुर, मत्स्य विभाग ने राज्य में मत्स्योद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वृहद पैमाने पर केज कल्चर के माध्यम से मछलीपालन की शुरूआत कर दी है। राज्य की 13 बंद एवं अनुपयोगी पत्थर खदानों में केज की स्थापना कर मछलीपालन प्रारंभ किया गया है। इन 13 खदानों का जल क्षेत्र 78 हेक्टेयर है। यह जानकारी मछलीपालन विभाग के संचालक ने देते हुए बताया कि केज कल्चर मत्स्य पालन की एक नवीनतम तकनीक है। जिसे प्रदेश के मत्स्य पालक अपनाने लगे हैं। इसका उद्देश्य मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देना है। 
        संचालक मछलीपालन ने बताया कि राजनांदगांव जिले के ग्राम पंचायत मुढ़ीपार के ग्राम मनगटा की 3 पत्थर खदानों, मंदिर हसौद रायपुर की 9 तथा केनापारा सूरजपुर की एक खदान में केज स्थापित कर मछलीपालन शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में एक हजार केज की स्थापना की जा रही है। इससे उत्पादकता में वृद्धि होगी और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने बताया कि जलाशयों का जल क्षेत्र विस्तृत होने के कारण सघन मत्स्य पालन नहीं हो पाता है। जलाशयों की उत्पादकता ग्रामीण तालाबों के तुलना में कम होती है। जलाशयों में मत्स्य उत्पादन बढ़ाने के लिए केज कल्चर की नवीन तकनीक से मछलीपालन प्रारंभ किया गया है। उन्होंने बताया कि इससे पहले एनएमपीएस योजना के माध्यम से केज का निर्माण किया गया। राज्य में एचडीपीई एवं जीआई पाईप के केज स्थापित कर मछलीपालन किया जा रहा है। राज्य के 12 जलाशयों में 1428 केज स्थापित किए गए हैं। केज कल्चर के माध्यम से प्रदेश में ही सवंर्धित पंगेसियस एवं मानोसेक्स तिलापिया प्रजाति की मछली का पालन मछवा सहकारी समितियों को पट्टे पर देकर किया जा रहा है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *