करोना से लड़ाई की इस संकट की घड़ी में केंद्र सरकार की प्राथमिकता में 50 बैंक घोटाले बाजों का 68 हजार करोड़ माफ करना ही क्यों है ?
रायपुर। 29 अप्रैल 2020। करोना महामारी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्यों के मुख्यमंत्रियों से हुई बातचीत में राज्यों ने 1 लाख करोड रुपए की राशि की मांग करोना से निपटने के लिए की है। ना तो राज्यों को अभी तक यह राशि दी गई है और ना ही इसे दिए जाने के बारे में मोदी सरकार ने अभी तक कोई बात कही है। 50 बैंक घोटाले बाजों के 68000 करोड रुपए नहीं राइट ऑफ किए जाते तो कम से कम राज्यों की जरूरतों की राशि का एक बड़ा हिस्सा इससे ही पूरा किया जा सकता था। केंद्र सरकार के पास 113 लाख सरकारी कर्मचारियों सैनिकों और पेंशनरों को महंगाई भत्ते की राशि देने के लिए 38 हजार करोड़ नहीं है और करोना के नाम पर यह राशि देने से मना कर दिया गया है। 113 लाख हितग्राहियों के लिए 38 हजार करोड़ नहीं है लेकिन 50 बैंक डिफाल्टर घोटाले बाजों की ऋण की राशि राइट ऑफ करने के लिए 68 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि सरकारी और निजी क्षेत्र में नौकरी करने वाले छोटे छोटे दुकानदार व्यवसाई गरीब मजदूर किसान को मदद करना जरूरी है।देश के राज्य करोना से लड़ने के लिए केंद्र सरकार से एक लाख करोड़ की आर्थिक मदद मांग रहे हैं। करोना से लड़ने के लिए लोगों और राज्यों के लिये राशि की व्यवस्था के बजाय मोदी सरकार की प्राथमिकता इन 50 बैंक घोटालेबाज के 68 हजार करोड़ की ऋणमाफी ही क्यों है और कैसे हैं यह भाजपा की केंद्र सरकार को बताना चाहिये ?
कांग्रेश संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जिन 50 लोगों का लोन माफ किया गया है तो इसे माफ करने का कारण क्या है और इन लोगों के साथ भाजपा का क्या संबंध है इसका कोई खुलासा ना सरकार ने किया और ना ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने किया है।
कांग्रेसी संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने भाजपा शासनकाल में ₹ 510014 करोड़ की राशि राइट ऑफ किए जाने की जानकारी देते हुए बताया है की मोदी जी की सरकार बनने के बाद देश में बैंक घोटालों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है और 2014 से 2020 तक 32868 बैंक घोटाले के मामलों में ₹ 270500 13.49 करोड़ की राशि गबन की जा चुकी है। बैंक लोन की राशि राइट ऑफ किए जाने और बैंक घोटालों के प्रकरणों और राशि कि वर्ष वार तालिका से स्पष्ट है कि मोदी सरकार ने किस तरह से आम जनता के गाढ़े खून पसीने की कमाई को घोटाले बाजों पर लुटाया है। तालिकायें विज्ञप्ति के साथ संलग्न है।
केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लगातार जनता की गाड़ी खून पसीने की कमाई को भगोड़ा और बैंकों के बकायेदारों पर लुटाए जाने की कड़ी निंदा करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 24 अप्रैल 2020 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा आरटीआई के जवाब से खुलासा हुया है कि मेहुल चौकसे नीरव मोदी विजय माल्या और अन्य बकायादारों भगोड़ों के 68000 करोड़ रुपये राइट आफ किये जा चुके हैं। 16 मार्च, 2020 को भी राहुल गांधी जी ने ये लिस्ट लोकसभा में सवाल लगाकर मांगी थी।Copy Enclosed तब सरकार ने ये लिस्ट और इन नामों का खुलासा करने से इंकार कर दिया था।कारण क्या था, यह लिस्ट से बहुत साफ हो गया है। क्योंकि पहला नाम ही मेहुल चौकसी का है जिन्हें हमारेबप्रधानमंत्री जी हमारे मेहुल भाई कहते थे। नीरव मोदी और विजय माल्या भी इसी सूची में शामिल हैं।