जन्मदिन पर 9 साल के रिदान ने किया जब अन्नदान तो : कलेक्टर, सीईओ ने भी किया उसके भावना का सम्मान
रायपुर :किसी भी छोटे बच्चों के लिए उसका अपना जन्मदिन बहुत खास होता है। वह अपने पापा-मम्मी से अपने जन्मदिन के लिए तरह -तरह के उपहारों की फरमाइश भी पहले से कर के रखते है। बर्थडे केक काटने के साथ ही सबसे गिफ्ट भी स्वीकार करता है। यही शायद 9 साल का रिदान भी करता ! लेकिन , अभी जबकि देश में कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन है,ऐसे में रिदान ने अपना बर्थडे को कुछ अलग ही अंदाज में मनाने की जिद अपने माता-पिता से की । उन्होंने लॉक डाउन में विपरीत परिस्थितियों में रह रहे गरीब परिवारों, बेसहारों और जरूरतमंदों को अन्नदान करने की भावना व्यक्त की ।
अपने माता पिता को बोलकर रिदान ने जिला प्रशासन के ‘डोनेशन ऑफ व्हील्स’ को 125 किलों आटा, 25 किलो चावल और 15 लीटर तेल दान किया। इस नन्हें बालक द्वारा अपने जन्मदिन के अवसर पर दिए गए दान और छोटे से बच्चे की भावना को कलेक्टर डाॅ. एस भारतीदासन सहित जिला पंचायत के सीईओ डॉ गौरव कुमार सिंग और अन्य अधिकारियों ने सराहा साथ ही जन्मदिन की बधाई भी दी।
गौरतलब है कि कलेक्टर की अपील पर शुरू किए गए “डोनेशन आॅन व्हील्स” कार्यक्रम को शहरवासियों का पूरा सहयोग मिल रहा है। सभी अपने-अपने स्तर पर सहयोग कर रहे हैं। खास बात यह भी है कि इस पहल में बड़ों के साथ बच्चे भी भागीदार बन रहे हैं।
इस अभियान का नेतृत्व कर रहे नोडल अधिकारी डॉ गौरव कुमार सिंह ने बताया कि कैसे लोग दूसरों की तकलीफ को दूर करने बढ-चढ़ कर हिस्सा ले रहे है। इसका एक बड़ा उदाहरण शनिवार को सामने आया। अमलीडीह के गोल्डन टावर में रहने वाला रघुवंशी परिवार का छोटा बेटा रिदान अपने जन्मदिन को नए तरके से मनाने का फैसला लिया।उनके माता-पिता रिदान के फैसले को सुनकर गदगद हो गए और उसकी इच्छा को पूरा किया ।
कक्षा चौथी में पढ़ने वाले बच्चे में मदद की इस तरह भावना पैदा होना उसके परवरिश को दर्शाता है। इस छोटी से उम्र में दूसरों के दर्द को अपना समझने की भावना और जज्बे को सलाम है।
रिदान ने बताया कि वह अपने परिवार के बड़े-बुजुर्गो द्वारा दी जाने वाली नसीहतो को पूर्णता अमल करने की कोशिश करता है। उसका कहना है कि असहाय, बेसहारा लोग को दो जून की रोटी ठीक से नसीब नहीं होती है। मैं अपने जन्मदिन पर पार्टी कर जितना पैसा कुछ समय में खत्म कर देता, उतने पैसों में न जाने कितनों को मदद किया जा सकता है। इसलिए मैंने अपने जन्मदिन पर अन्नदान करने का फैसला लिया और जिला प्रशासन को अपना सहयोग दिया है।