प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ाने जल संवर्धन के कार्यों में गति : दंतेवाड़ा जिले में जल संरक्षण के अनेक कार्य प्रगति पर
रायपुर, राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ाने पर विशेष जोर दी जा रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी में से नरवा विकास के तहत नदी-नलों का संरक्षण, तालाबों का गहरीकरण, सिंचाई जलाशयों एवं नहरों की मरम्मत, एनीकटों का निर्माण सहित भू-जल स्तर बढ़ाने के कार्यो को प्राथमिकता दी गई है। इसी कड़ी में जलसंसाधन विभाग द्वारा दंतेवाड़ा जिले में 9 करोड़ 52 लाख रुपये की लागत से समलूर सिंचाई जलाशय बनाया जा रहा है। इस जलाशय का निर्माण आगामी 31 मार्च 2021 तक पूर्ण होने की संभावना है। इस जलाशय के निर्मित होने से 270 हेक्टेयर रकबा में सिंचाई होगी और समलूर गांव के करीब 350 से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा। इसी तरह जिले के कटेकल्याण विकासखण्ड में भूसारास में एक करोड़ 35 लाख रुपये की लागत से एनीकट का निर्माण किया जा रहा है। इस एनीकट से लगभग 50 हेक्टेयर रकबा में सिंचाई होगी और भू-जल स्तर में वृद्धि होेगी। इसके साथ ही जिले में पुराने तालाबों और जलाशयों के रखरखाव पर भी कार्य हो रहे हैं।
सिंचाई विस्तार के तहत दन्तेवाड़ा डायवर्सन के 10 किलोमीटर मुख्य नहर तथा 5 किलोमीटर माइनर नहर का सुधार किया जा रहा है। जिसमें से 7 किलोमीटर मुख्य नहर और 3 किलोमीटर माइनर नहर लाइनिंग कार्य पूरा हो चुका है। इस डायवर्सन के जरिये करीब 600 से अधिक किसान लाभान्वित होंगे। अभी इस डायवर्सन योजना से लगभग 250 किसान लाभान्वित हो रहे हैं। जिले में सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विभागीय बजट के साथ ही मनरेगा से भी काम किया जा रहा है। विभागीय मद के अंतर्गत जहां झिटकीपारा डायवर्सन तथा तोयलंका एनीकट निर्माण हेतु निविदा प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है, वहीं बड़ेकारली एनीकट निर्माण के लिए राज्य शासन को स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भेजा गया है।
इसके साथ ही मनरेगा के तहत भोगाम एवं बालूद उदवहन सिंचाई योजना के तहत नहर मरम्मत कार्य आरंभ किया जाना है। मनरेगा के तहत बालूद, फरसपाल, चित्तालूर, भैरमबन्द और डेगलरास सिंचाई तालाबों के गहरीकरण हेतु प्रस्ताव जिला पंचायत को भेजी गयी है। इसके साथ ही कारली एवं टेकनार सिंचाई तालाब के गहरीकरण हेतु प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इन सभी कार्यों के पूर्ण होने पर जिले में बड़े पैमाने पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी और खेती-किसानी को बढ़ावा मिलेगा।