November 23, 2024

राजनांदगांव : यह वक्त है करूणा एवं मानवीय संवेदना को समझने का

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राजनांदगांव :कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण ने आज विश्व भर में लोगों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। इस बीमारी से हुई मृत्यु से विश्व ने गंभीर पीड़ा के दर्द को महसूस किया है। संक्रमण के दुष्प्रभाव को समझकर हमारे देश को लॉकडाउन किया गया है। छत्तीसगढ़ में इस महामारी से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कारगर कदम उठाए गए हैं। यह वक्त है करूणा एवं मानवीय संवेदना को समझने का।

राजनांदगांव में प्रशासन लॉकडाउन में फंसे हुए मजदूरों के लिए सुरक्षा एवं सहायता पहुंचाने का कार्य कर रही है। सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए नागरिकों को मदद पहुंचाना और उन्हें इस बीमारी से बचाने के लिए जतन करना चुनौतीपूर्ण कार्य है। अन्य राज्यों से आए हुए श्रमिक जिले की अर्थव्यवस्था का हिस्सा रहे हैं और उन्होंने यहां सेवा का कार्य किया है। उनके लिए यहां आवास एवं भोजन की व्यवस्था की जा रही है। प्रशासन ने बागनदी की सीमा में बने सड़क चिरचारी राहत कैम्प में अन्य राज्यों से आये मजदूरों एवं व्यक्तियों की रूकने की व्यवस्था की है और उनके भोजन एवं आवास की व्यवस्था की गई है। प्रशासन की ओर से गरीब, निराश्रित, बुजुर्ग, महिलाओं एवं जरूरतमंदों के लिए नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था की जा रही है। इसी कड़ी में 1690 जरूरतमंद लोगों को राशन किट देने के लिए चिन्हांकित किया गया है। सिविल एवं पुलिस प्रशासन सेवा एवं कर्तव्यनिष्ठा के साथ कार्य कर रही है।

जिले में कोरोना वायरस से प्रभावित मरीजों की सेवा एवं उपचार के लिए आईसोलेशन बेड के साथ अन्य व्यवस्थाएं की गई है। डॉक्टर एवं उनकी टीम की द्वारा लगातार 24 घंटे सेवाएं दी जा रही हंै। 100 से अधिक संख्या में जिले में विदेशों से नागरिक आए थे, जिनको क्वारेनटाइन किया गया था और होम आईसोलेशन में रहने की सलाह दी गई। ज्यादातर श्रमिक मुंबई, पुणा, हैदराबाद जैसे कोरोना प्रभावित क्षेत्रों से आए थे ऐसे में सुरक्षा एवं सावधानी का ध्यान रखना जरूरी था। यह एक ऐसा समय है जहां हर नागरिक को जागरूक नागरिक होने का दायित्व निभाना है। इसके लिए नागरिकों को समय-समय पर निरंतर सजग किया गया है और उन्हें मास्क, सेनेटाईजर, हैण्डवास जैसे सुरक्षा उपायों को अपनाने के लिए सजग किया गया है। यह समय है आत्मसंयम, आत्मचेतना के साथ रहने का।

जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं सक्रियता और निष्ठापूर्वक मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत सूखा राशन का वितरण कर रही है वहीं टेक होम राशन के अंतर्गत गंभीर कुपोषित बच्चों एवं एनीमिक महिलाओं को घर-घर जाकर सूखा राशन दिया जा रहा है। मनरेगा की मजदूरी 178 रूपए से बढ़ाकर 190 रूपए कर दी गई है। प्रतिदिन लगभग डेढ़ लाख लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। पीडीएस योजना के तहत हितग्राहियों को राशन दिया जा रहा है।

संकट के इस दौरा में जिले में स्वयं सेवी संस्थाएं एवं नागरिक एक-दूसरे की मदद करने के लिए आगे आए। नागरिक दान देने के लिए एवं सेवा कार्यों कर रहे हैं। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सभी एकजुट होकर कार्य कर रहे हैं।

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