बलरामपुर : कठिन समय में वनोपज संग्रहण की अनुमति लाखों वनवासियों के लिए हो रहा वरदान सिद्ध
विभिन्न वनोपजों की खरीदी कर संग्राहकों को 06 लाख 24 हजार का भुगतान
बलरामपुर :छत्तीसगढ़ के सूदूर उत्तरपूर्वी क्षेत्र में पाट प्रदेश तथा सेमरसोत अभ्यारण्य के बीच स्थित जिला बलरामपुर वनीय सघनता तथा उपादेयता के लिए भी प्रसिद्ध है। वन संसाधनों की प्रचुरता के कारण यहां वनांचलों के लोग बड़ी मात्रा में वनोपजों का संग्रहण करते है। इस मौसम में वनोपजों का संग्रहण तथा विक्रय इनका प्रमुख व्यवसाय एवं आजीविका का स्रोत भी है।
राज्य में कोरोना वायरस के नियंत्रण तथा प्रसार में आई कमी को देखते हुए शासन ने वनोपजों के संग्रहण की सशर्त अनुमति प्रदान की है। वनांचलों के लोगों ने इस फैसले के प्रति आभार जताते हुए शासन को सहृदय धन्यवाद दिया है। जिले में निवासरत जनजातीय समुदाय वनोपज संग्रहण का कार्य करते हैं, जिनमें महिलाएं प्रमुख भूमिका निभाती हैं। ऐसे कठिन समय में वनोपजों के संग्रहण की अनुमति लाखों वनवासियों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है। शासन का यह निर्णय मानवीय मूल्यों की रक्षा के प्रति संवेदनशीलता तथा गंभीरता का सशक्त उदाहरण है।
कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा ने बताया कि वनधन योजना के अंतर्गत वनोपज संग्रहणकर्ता सामाजिक दूरी तथा कोरोना से बचाव का उपाय अपनाते हुए वनोपजों का संग्रहण कर रहे हैं। इस कठिन समय में संग्राहकों की सुविधा के लिए वनोपज समितियों के सहयोग से स्व-सहायता समूह की महिलाएं घर-घर जाकर वनोपज क्रय कर उन्हें नगद राशि का भुगतान भी कर रही हैं। संग्रहणकर्ता अपने नजदीकी वन-धन केन्द्र से भी संपर्क कर वनोपजों का विक्रय कर सकते हैं। पूर्व में लघु वनोपजों के विक्रय में कोचिए एवं बिचैलियों की सक्रियता से संग्राहकों को बहुत नुकसान होता था, किंतु प्रशासन के प्रयास से अब इनका हस्तक्षेप शून्य है। समूह के लोग शासन द्वारा निर्धारित दरों पर ही वनोपजों को खरीद रहे हैं और शत-प्रतिशत राशि का समय पर भुगतान भी किया जा रहा है। वनमंडलाधिकारी बलरामपुर श्री प्रणय मिश्रा के निर्देश में विभाग की पूरी टीम वनोपजों की खरीदी प्रक्रिया को गति दे रहे हैं, साथ ही कोरोना से बचाव के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
बलरामपुर के वनों से वनोपज संग्रहणकर्ता मुख्य रूप से हर्रा-बहेड़ा, नागरमोथा, धवई फूल, बहेड़ा कचरिया, महुआ, कुसमी लाख जैसे वनोपजों का संग्रहण करते हैं। इनमें से कई वनोपज अपने औषधीय गुणों के कारण बहुत महत्वपूर्ण हैं तथा इनकी बाजार में मांग भी अधिक है। वनमण्डलाधिकारी बलरामपुर श्री प्रणय मिश्रा ने बताया है कि बलरामपुर वनमण्डल के अन्तर्गत 44 लघु वनोपज समितियां हैं तथा संग्रहण करने वाली लघु वनोपज समितियों की संख्या 39 है। ग्राम स्तर पर 30 संग्रहण केन्द्र, 30 हाट-बाजार संग्रहण केन्द्र और 08 वनधन केन्द्र हैं। स्थितियां सामान्य होने पर आगामी दिवस में इन समितियों एवं संग्रहण केन्द्रों से वृहद रूप से वनोपज की खरीदी की जावेगी। बलरामपुर वनमंडल में अब तक 302.05 क्विंटल विभिन्न वनोपजों की खरीदी कर संग्राहकों को 624272 रुपए का भुगतान किया गया है ।