पं. दीनदयाल उपाध्याय के चित्र का ‘‘लोगो’’ के समान शासकीय इस्तेमाल गैरवाजिब-रिजवी
JOGI EXPRESS
रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मीडिया विभाग के चेयरमेन एवं वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने केन्द्र सरकार से लेकर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों का ध्यान आकर्षित करते हुये कहा है कि भाजपा के सम्माननीय नेता स्व. पं. दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी पूरे देश में बड़े जोर-शोर से भाजपा द्वारा मनाई जा रही है तथा उन्होंने कहा है कि ऐसे समारोह मनाने का पूरा अधिकार भाजपा संगठन को है। परन्तु केन्द्र सरकार एवं भाजपा शासित राज्यों में केन्द्र एवं राज्यों के प्रतीक चिन्ह का प्रशासनिक स्तर पर सरकारों के विभिन्न विभागों एवं एजेंसियों द्वारा केन्द्र एवं राज्य के स्थापित प्रतीक चिन्ह के साथ-साथ उसी चिन्ह के साथ पं. दीनदयाल उपाध्याय जी का चित्र ‘‘लोगो’’ के समान इस्तेमाल किया जा रहा है जो गैरवाजिब एवं अनुचित है। देश भर में केन्द्र एवं भाजपा शासित राज्यों के प्रशासनिक तंत्र एवं एजेंसियों द्वारा समस्त पत्राचार में भी राज्य एवं केन्द्र के प्रतीक चिन्ह के समान उपाध्याय जी के चित्र का उपयोग किया जा रहा है जो गैरवाजिब है तथा स्टेट ऐम्ब्लेम आफ इंडिया ‘‘प्राॅहीबीशन आफ इमप्रापर यूज़’’एक्ट सन् 2005 के स्थापित नियम के विपरीत है।
रिजवी ने बताया कि उन्होंने देश के राष्ट्रपति महामहिम श्री रामनाथ कोविंद को प्रदेश के राज्यपाल महोदय के माध्यम से एक प्रतिवेदन दिनांक 04/09/2017 को राजभवन, रायपुर में प्रस्तुत किया था तथा राजभवन से दिनांक 11/09/2017 को राज्यपाल के अवर सचिव द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव को राज्य के प्रतीक चिन्ह के अनुचित उपयोग के संदर्भ में आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किया था,जिसका उत्तर आज दिनांक तक अप्राप्त है। रिजवी ने कहा है कि उनके द्वारा लिखित पत्र एवं संलग्न प्रपत्र महामहिम राष्ट्रपति महोदय के समक्ष राज्यपाल महोदय प्रस्तुत करने का कष्ट करें ताकि महामहिम राष्ट्रपति उस प्रतिवेदन पर समुचित संज्ञान ले सकें। उन्होंने आगे कहा है कि कोई भी दल अपने पूर्वज एवं वर्तमान नेता को दलीय संगठन स्तर पर महिमामंडित यदि करता है तो उस पर किसी को भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करने का कोई अधिकार नहीं है परन्तु केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा प्रतीक चिन्ह एवं ‘‘लोगो’’ के रूप में शासकीय स्तर पर पं. उपाध्याय जी के चित्र का इस्तेमाल करना उचित नही है। एक्ट के मुताबिक भी अनुचित एवं गैरवाजिब है। केन्द्र एवं भाजपा शासित राज्य इस विषय पर तत्काल संज्ञान लेते हुये शासकीय पत्राचार एवं विज्ञापन में ‘‘लोगो’’ के रूप में पं. उपाध्याय जी के चित्र का इस्तेमाल बंद करे।