कोरोना संकट के दौरान श्रमिकों को मिलेंगी सभी सुविधाएं
मुख्यमंत्री की पहल पर श्रम विभाग ने जारी किए विस्तृत दिशा-निर्देश
रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कोरोना संकट के दौरान श्रमिकों को किसी भी प्रकार से दिक्कत नहीं होनी चाहिए। श्रमिकों को सभी प्रकार की सुविधाएं मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर श्रम विभाग के सचिव श्री सोनमणि बोरा ने राज्य के सभी निजी संस्थानों, कारखानों, अस्पतालों, माॅल, रेस्टोरेंट आदि के नियोजकों से मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए श्रमिकों एवं कर्मचारियों की छंटनी नहीं किए जाने और कोरोना वायरस (कोविड-19) से पीड़ित होने या अन्य कारणों से बीमार होने पर संवैतनिक अवकाश प्रदान करने के साथ ही आवश्यकता पड़ने पर उनसे घरों से भी कार्य लिए जाने के निर्देश दिए हैं।
श्रम विभाग द्वारा वर्तमान में नोवल कोरोना वायरस की रोकथाम और इससे उत्पन्न होने वाले असाधारण परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए निजी संस्थानों, कारखानों, अस्पतालों आदि में कार्यरत, कर्मचारी और श्रमिकों (स्थाई, अस्थाई और ठेका) के लिए स्वास्थ्य, सुरक्षा, वेतन, भत्ता एवं अन्य सुविधाओं के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जारी निर्देश में कहा गया है कि निजी संस्थानों, कारखानों, अस्पताल संस्था के अधिनस्थ कार्यरत कर्मचारी, कर्मकार और श्रमिक आदि को सहूलियत के हिसाब से कार्य लिया जावें और आवश्यक होने पर उनके निवास से भी कार्य करने हेतु व्यवस्था की जाए।
इसी प्रकार संस्था के कर्मचारी, कर्मकार और श्रमिक आदि इस बीमारी से पीड़ित हो तो उसके स्वास्थ्य लाभ के लिए सम्पूर्ण सहयोग के साथ-साथ आवश्यक अनुसार संवैतनिक अवकाश प्रदान किया जावे। साथ ही किसी कर्मचारी, कर्मकार और श्रमिकों के परिवार के सदस्य यदि इस बीमारी से पीड़ित हों तो उनके परिवार के सदस्य के सहयोग-उपचार के लिए भी संबंधित श्रमिकों को आवश्यकतानुसार संवैतनिक अवकाश प्रदान किया जाए। किसी कर्मचारी, कर्मकार और श्रमिक आदि अन्य कारणों से बीमार हैं अथवा उनके परिवार के सदस्य बीमार हैं तो ऐसी परिस्थिति में भी उन्हें संवैतनिक अवकाश एवं अन्य सुविधाएं दी जाए।
श्रम विभाग द्वारा यह भी कहा गया है कि वर्तमान परिस्थिति में संस्थान में कार्यरत किसी भी कर्मचारी, कर्मकार और श्रमिक आदि की सेवाएं समाप्त, छटनी और सर्विस ब्रेक ना किया जाए और ना ही किसी के वेतन अथवा देय स्वत्वों में कोई कटौती की जाए। साथ ही साथ यदि किसी संस्थान, कारखाना और स्थापना को अपने सामान्य गतिविधि, कार्यक्रम, कार्य में बदलाव और स्थगित रखने के कारण (जैसे- हाॅस्पिटल, नर्सिंग होम में सर्जिकल-नाॅनसर्जिकल कार्य) किसी भी कर्मचारी, कर्मकार और श्रमिक आदि को न तो निकाला जाएगा और ना ही वेतन, भत्ते आदि में कटौती की जाए। उपरोक्त समस्त परिस्थितियों में संवैतनिक अवकाश दिया जाकर मानवीय दृष्टिकोण अपनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।