November 23, 2024

सुपोषण, वन-धन आजीविका, मलेरिया मुक्ति से बनेगी कोण्डागांव जिले की नई पहचान : बस्तर में नक्सलवाद से बड़ी चुनौती है कुपोषण

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मलेरिया मुक्ति का एकमात्र विकल्प मच्छरदानी – मुख्य सचिव श्री मण्डल
मुख्य सचिव ने कोण्डागांव-नारायणपुर जिले के अधिकारियों की ली संयुक्त बैठक

कोण्डागांव, कोण्डागांव जिले में विगत दो वर्षो में विकास की नई ईबारत लिख रहा है और यह पूरे राष्ट्रीय परिदृष्य में साबित भी हो चुका है बस इसकी निरंतरता को एक जनआंदोलन का स्वरुप देना है ताकि यह जिला न केवल प्रदेष बल्कि संपूर्ण राष्ट्र में एक रोल मॉडल बनकर उभरे।‘‘ उक्त आषय के विचार मुख्य सचिव श्री आरपी मण्डल ने विगत दिनांक 18 मार्च को जिला कार्यालय के सभागार में व्यक्त किए। उन्होंने ने आगे कहा कि चाहे वह मयूरडोंगर या चारगांव क्लस्टर के विकास कार्य हो या फिर एनआरएलएम की महिला स्व-सहायता समूह को रोजगार के नए क्षेत्रो से जोड़ना हो जिस तरह से यहां कलेक्टर के नेतृत्य में प्रषासनिक टीम ने कार्य किया है वह विषेष रुप से सराहनीय है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गरीबी को समाप्त करने के साथ ही मलेरिया उन्मूलन, सुपोषण, वन-धन आजीविका योजनाओं का सफल क्रियान्वयन राज्य शासन का मुख्य लक्ष्य है। इसके अलावा राज्य शासन के महात्वाकांक्षी कार्यक्रम राम वन गमन पथ को विकसित करने की कार्ययोजना को अमलीजामा पहुंचाने में कोण्डागांव जिले को भी शामिल किया जायेगा। इसके लिए माकड़ी ब्लॉक के आस-पास के क्षेत्रों को पर्यटन हब के रुप में विकसित करने के साथ ही अन्य पर्यटन क्षमताओं को सर्वांगीण विकास होगा।
बैठक में मुख्य सचिव श्री आरपी मण्डल ने कहा कि वर्तमान में राज्य शासन का मुख्य फोकस चार बिन्दुओं में समाहित नजर आ रहा है। जिनमें राज्य को कुपोषण से मुक्ति, वनवासियों की आय में वन-धन योजना द्वारा वृद्धि के साथ उन्हें कौषल विकास से जोड़ना, मलेरिया के खिलाफ जनआंदोलन के द्वारा इस अभिषाप से मुक्ति दिलाना। इस दौरान उन्होंने राम वन गमन मार्ग के 75 स्थलो में शामिल कोण्डागांव के माकड़ी के आस-पास के क्षेत्रों का पर्यटन हब के रुप में विकसित किए जाने एवं जिले के अन्य पर्यटन क्षमताओं का सर्वांगीण विकास किए जाने को प्रेरित किया।

कुपोषण मुक्ति का एक मात्र रामबाण उपाय है ‘गर्म पौष्टिक भोजन‘

सुपोषण अभियान पर प्रकाष डालते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री सिदार्थ कोमल परदेशी ने कहा कि यूनिसेफ एवं डब्ल्यू एचओ की रिपोर्ट अनुसार नवजात षिषु के जन्म से प्रारंभिक एक हजार दिन कुपोषण मुक्ति हेतु महत्वपूर्ण होते है इस दौरान बच्चों का संपूर्ण ध्यान रखा जाना आवष्यक है इसके लिए संपूर्ण स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास अमले को संयुक्त रुप से कार्य करना आवष्यक है। आंगनबाड़ियों में सुपोषण वाटिका के साथ ग्राम स्तर पर सुपोषण पंचायते आयोजित करने पर बल दिया जाना चाहिए। जिले में अंडे के वितरण से स्कूलो में बढ़ती उपस्थिति पर हर्ष व्यक्त करते हुए उन्होंने जिलो में आजीविका के माध्यम से ही अंडो के उत्पादन एवं वितरण को प्रोत्साहित करने के निर्देष संबंधित अधिकारियों को दिए साथ ही बताया कि बच्चों को आंगनबाड़ियों एवं स्कूलों में गर्म भोजन खिलाया जा रहा है परन्तु इस छह घंटो की अवधि के पश्चात घर पर भी उन्हें रेडी-टू-ईट भोजन कराया जाना एवं सुबह नास्ते पर भी गर्म भोजन कराना सुनिष्चित किया जाना चाहिए।

जिले में सर्वाधिक वनोपज का हो रहा है उत्पादन: वन धन योजना से बदलेगी जिले की तस्वीर
 बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी ने कहा कि कोण्डागांव प्राकृतिक वन सम्पदा से समृद्धि जिला है और यह गौरव का विषय है कि संपूर्ण प्रदेष में यहां सर्वाधिक वनोपज की प्राप्ति होती है। अब यहीं वनोपज स्थानीय ग्रामीणों की सम्पन्नता का आधार बनेंगे। इसके लिए वन विभाग द्वारा महिला स्व-सहायता समूह को वनोपज खरीदी से जोड़कर उन्हें नगद भुगतान करने की व्यवस्था भी की जायेगी और इसके लिए शासन द्वारा हर संभव प्रयास किया जायेगा। इस दौरान मुख्य सचिव द्वारा कोण्डागांव जिले के 80 हॉट-बाजारो में 333 स्व-सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे वनोपज संग्रहण पर खुषी जाहिर की साथ ही आगामी वर्ष में लघु वनोपज संग्रहण को 26 करोड़ रुपये के बेंच मार्क खरीदी करने का लक्ष्य दिया एवं इसके माध्यम से 50 हजार लोगो को जोड़कर अब तक किए जा रहे संग्रहण को लघु स्तर से उठाकर वृहद स्तर पर ले जाने को कहा। इसके लिए देष एवं राज्य स्तर पर इसकी मार्केटिंग राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराने की बात भी कही साथ ही उन्होंने कोण्डागांव एवं नारायणपुर जिले में प्राप्त होने वाली विष्व स्तरीय गुणवत्ता की ईमली हेतु परिवहन एवं स्व-सहायता समूहों के प्रषिक्षण को प्रोत्साहन देने के लिए कलेक्टरो को निर्देष भी दिए।
    
बस्तर को मलेरिया मुक्त करना शासन की अब पहली प्राथमिकता

उक्त बैठक में खनिज एवं संस्कृति विभाग के सचिव श्री पी अन्बलगन ने कहा कि चूंकि बस्तर क्षेत्र में मलेरिया के प्रकोप की अधिकता है अतः शासन ने यहां मलेरिया उन्मूलन को पहली प्राथमिकता देते हुए यहां विषेष अभियान चलाने की योजना बनाई है इसके लिए अब हर परिवार को मेडिकेटेड मच्छरदानियाँ प्रदाय की जायेंगी साथ ही गांव-गांव में मच्छरदानी के उपयोग की महत्ता बताते हुए मलेरिया के दुष्प्रभाव के बारे में भी जागरुक किया जायेगा। इस अवसर पर मुख्य सचिव द्वारा कोण्डागांव में एपीआई इंडेक्स 3.4 होने पर खुषी जाहिर की गई। ज्ञातव्य है कि यह राज्य के औसत एपीआई से भी कम है। बैठक के समापन पर उन्होंने दोनो जिलो के विभागीय अधिकारियों के कार्यो की समीक्षा भी की।

स्व-सहायता समूहो द्वारा निर्मित उत्पादो को प्रोत्साहन देने में कलेक्टर की हुई विषेष सराहना

    अपने प्रवास में मुख्य सचिव ने कोण्डागांव जिले में निर्मित समस्त प्रकार के स्व-सहायता समूह द्वारा निर्मित उत्पादो के कलेक्ट्रेट परिसर में लगाये गए प्रदर्षन पटल की विषेष रुप से प्रषंसा की एवं इस प्रकार के प्रदर्षन पटल समग्र प्रदेष में एवं राज्य मुख्यालयों में भी लगाये जाने की ईच्छा जाहिर की  साथ ही इन उत्पादों के मूल्य एवं गुणवत्ता की उत्तमता को जानकर उन्होंने इन प्रयासो के द्वारा जिले में रोजगार के नवीन अवसर युवाओं को प्रदान करने के लिए जिले के कलेक्टर की तत्परता की भी सराहना की।
 बैठक में प्रबन्ध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ श्री संजय शुक्ला, कमिश्नर बस्तर संभाग श्री अमृत कुमार खलखो, सहित कलेक्टर कोण्डागांव श्री नीलकंठ टीकाम, कलेक्टर नारायणपुर पी.एस.एल्मा सहित दोनो जिलो के पुलिस अधीक्षक, डीएफओ, सीईओ जिला पंचायत तथा विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

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