November 23, 2024

वरदान साबित हो रही हैं कोरबा जिले की बैंक सखियां

0

8470 खाते, साढ़े तीन करोड़ रूपये का लेनदेन, 63 बैंक सखियॉं

कोरबा में घर-घर पहुॅंच रही बैंकिंग सुविधायें, घर बैठे मिल रही पेंषन-मजदूरी की राषि

कोरबा, कोरबा जिले में गांव-गांव तक बैंकिंग सेवाओं को पहुॅंचाने के लिये 63 बैंक सखियों द्वारा लगातार काम किया जा रहा है। घर-घर पहुॅंचकर लेपटॉप या छोटी सी हाथ से चलने वाली कियोस्क टाइप मषीन से यह बैंक सखियॉं किसी महिला को वृद्धावस्था पेंषन की राषि दे रही हैं, तो किसी ग्रामीण को मनरेगा की मजदूरी का भुगतान भी कर रही हैं। बैंकों में जमा ग्रामीणों के रूपये उनके घर में पहुॅंचकर उन्हें आसानी से मिल जा रहे हैं। कोरबा जिले में वर्तमान में पॉंच बैंकों की 63 बैंक सखियॉं ग्रामीणों को नगद राषि निकालने, जमा करने, एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर करने जैसी सेवायें घर पहुॅंचकर दे रही हैं। इन बैंक सखियांे द्वारा ग्रामीण क्षेत्रांे में लोगों के नये खाते खोलने और उनके खाते में बचत राषि की जानकारी भी तत्काल दी जा रही है। जिले में अब तक इन बैंक सखियांे द्वारा 8470 लोगों के बैंक खातों का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। जिनसे अब तक साढ़े तीन करोड़ रूपये का लेनदेन हो चुका है।
किसी बीमार के ईलाज के लिये तत्काल राषि उपलब्ध कराना हो तो बैंक सखी अपने लेपटॉप और मॉरफो डिवाईस या पॉस मषीन लेकर सीधे अस्पताल में भर्ती मरीज तक पहुॅंच जाती है और उसके अंगूठे के निषान से ही जरूरत की राषि उसके खाते से निकालकर तत्काल उपलब्ध करा देती है। जिले में वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की 52, भारतीय स्टेट बैंक की 5, पंजाब नेषनल बैंक की 3 और यूनियन बैंक की एक और ओरिएन्टल बैंक ऑफ कॉमर्स की 2 बैंक सखियॉं कार्यरत् हैं। हर एक बैंक सखी का कार्यक्षेत्र तीन से पॉंच ग्राम पंचायतों को मिलाकर निर्धारित किया गया है। ग्राम पंचायतों में निर्धारित जगहों पर भी उपस्थित रहकर यह बैंक सखियॉं लोगों को मनरेगा मजदूरी भुगतान, छात्रवृत्ति भुगतान, सामाजिक सुरक्षा पेंषनों का वितरण और अपने बैंक खातों में जमा रूपयों के लेनदेन-नगद निकासी-जमा की सुविधा उपलब्ध करा रही हैं।
विकासखण्ड करतला के ग्राम पंचायत कलगामार में बैंक सखी के रूप में श्रीमती षिवकुमारी राठिया कार्यरत् हैं। षिव-षक्ति महिला स्व सहायता समूह की सदस्य श्रीमती राठिया ओरिएन्टल बैंक ऑफ कॉमर्स की बैंक सखी हैं। वे सितम्बर 2019 से बैंक सखी के रूप में काम कर रही हैं और कलगामार सहित आसपास की ग्राम पंचायतों के 1156 बैंक खातों की देखरेख और उनसे रूपयों का लेनदेन की पूरी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभा रही हैं। श्रीमती राठिया बताती हैं कि उन्होंने अभी तक लगभग 28 लाख रूपयों का लेनदेन बैंक सखी के रूप में कर दिया है। वे बताती हैं कि बुजुर्ग, दिव्यंाग, बीमार, विद्यार्थियों सहित जरूरतमंद लोगों को समय पर उनकी बैंकों में जमा राषि घर पहुॅंचाकर मिल जाने से लोग उन्हें बहुत धन्यवाद और दुआयें देते हैं। इससे उन्हें हर महीने चार हजार रूपये का कमीषन बैंक की तरफ से मिल जाता है और डेढ़ हजार रूपये का मानदेय बिहान योजना से मिलता है। श्रीमती राठिया बताती हैं कि हर महीने निष्चित आमदनी से अपने और अपने परिवार का भरण-पोषण करने में उन्हें बहुत सहुलियत मिल रही है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर घर में नई वस्तुयें खरीदने तक की योजना अब वे बिना किसी चिन्ता के बनाकर पूरी कर भी लेती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *