रंगो के साथ सुरक्षा वाली होली कैसे मनाए,छालीवुड स्टार अखिलेश पांडे के होली टिप्स
रायपुर, होली मनाने और रंगोत्सव के इस त्योहार को कुछ खास अंदाज में मनाते है छत्तीसगढ़ फिल्मों के स्टार अखिलेश पांडे, उनसे जुड़ी कुछ अनसुनी बाते कुछ सीख जो आज उन्होंने साझा की आइए बताते है कैसे रहती है उनकी होली और होली के हंगामे
श्री पांडे ने बताया कि इस साल होली के रंग रूप में कोई कमियां नहीं है लेकिन हम सबको करोना वायरस से लड़ने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत है।अपने आसपास साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा लोगों से मिलने जुलने में कोई गुरेज नहीं है परंतु सावधानी बरतें,इस भावना को सजग होकर ही संभव किया जा सकता है होली के पर्व में आप सभी यह प्रण लें की हम अपने आसपास गंदगी कचरे वह बीमारी फैलाने वाले स्थानों पर ध्यान दें और नियत समय पर नगर निगम को की सूचना दें प्रशासन ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कमर कस रखी है हमें भी प्रदेश सरकार के कंधे से कंधे मिलाकर चलना होगा वाह समय रहते ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में सहायता हेतु जाना होगा तभी हम करोना पर विजय प्राप्त कर सकते हैं , क्योंकि यह वायरस काफी लोगों की जानें ले चुका है इसके लिए हमें सावधानी की जरूरत है जैसे दिन में कम से कम 10 से 12 बार अल्कोहल युक्त साबुन सैनिटाइजर से हाथ धोना छींक आने व खांसी आने पर मुंह पर रुमाल या टिशू पेपर का इस्तेमाल करें सर्दी खांसी बुखार आने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाएं थोड़ी सी भी लापरवाही जानलेवा हो सकती है इस
होली में रंगों के साथ साथ एक दूसरे का सहयोग अवश्य करें और लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करें यह बीमारी असाध्य नहीं है और छत्तीसगढ़ सरकार ने इसके लिए अलग से इंतजाम भी किए हुए हैं, सिर्फ़ गुलाल अबीर ही लगाने का प्रयास करे, किसी पर जबदस्ती रंग न लगाए, सेंसटिव जगहों पर यदि रंग चला जाए तो तुरंत पानी से धो ले या आवश्यक हो तो डॉक्टर की सलाह ले, साथ ही साथ अखिलेश ने अपने बचपन ए को याद करते हुए बताया कि उस समय समाज में किसी भी प्रकार के भेदभाव नहीं होते थे और हम सब दोस्त चाहे वह हिंदू हो मुस्लिम हो सिख हो इसाई हो मिलकर होली खेलते थे और खूब मस्ती किया करते थे कभी भी मन में किसी के लिए किसी भी प्रकार का द्वेष नहीं हुआ करता था उन्होंने कहा की अभी भी हम सबको मिलकर आपसी द्वेष को भूलाकर रंगों के इस त्यौहार को मनाना चाहिए क्योंकि हमारा यह भारत देश ही दुनिया में एक ऐसा देश है जहां सभी लोग बड़े सद्भाव से एक दूसरे के त्योहारों में शामिल होते हैं और उस त्योहार को बड़े धूमधाम के साथ सभी लोग मिलकर मनाते हैं सभी धर्मों के साथी मस्ती करते, टोली बनाकर रंग लगाते वो भी क्या दिन थे जब मुस्लिम सिख ईसाई समुदाय के मेरे मित्र सिर्फ होली मनाते थे जहाँ राजनीति नही सिर्फ दिलो का मिलान होता था, मुझे पूरी आशा और विश्वास है कि ये होली भी यादगार बनाने हम सब मित्र फिर से इकट्ठा होंगेआप सभी को होली की ढेर सारी शुभकामनाएं आपका अपना अखिलेश पांडे