होली के रंग अब खादीग्राम के स्वदेशी हर्बल गुलाल के संग
महिला स्व-सहायता समूह ने फूलों से तैयार किया हर्बल गुलाल
रायपुर, छत्तीसगढ़ के लोग इस बार होली त्यौहार में खादीग्राम के स्वदेशी हर्बल गुलाल के संग मनाएंगे। छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार महिला स्व सहायता समूहों द्वारा फूल-पत्तियों को सुखाकर हर्बल गुलाल का निर्माण किया जा रहा है। हर्बल गुलाल के निर्माण में गुलाब और गेंदे के फूल के साथ-साथ चुकंदर, हल्दी, आम और अमरूद की हरी पत्तियों का उपयोग किया जा रहा है। इस अभिनव पहल का मुख्य उद्देश्य रोजगार के साथ-साथ लोगों को केमिकल युक्त रंगों से बचाकर कर उन्हें स्वस्थ सेहत प्रदान करना है। इन कारणों से ही हर्बल गुलाल और भी लोकप्रिय हो रहे हैं और आज बाजार में उनकी मांग भी काफी बढ़ी है।
उल्लेखनीय है कि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने ग्रामोद्योग एंपोरियम का शुभारंभ किया था। इस एम्पोरियम में छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित सामग्रियों की विक्रय हेतु और बेहतर बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। महिला स्व-सहायता समूह द्वारा निर्मित गोबर के गमले, आचार, पापड़, सुगंधित चावल, साबुन, अगरबत्ती, फाइल, बांस से निर्मित सामग्री, बड़ी, लाई बड़ी, आयुर्वेदिक दवाइयां, फिनाइल, मसाला आदि क्रय कर खादी भंडारों के माध्यम से विक्रय किया जा रहा है। ग्रामोद्योग विभाग द्वारा रायपुर में संचालित छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग भंडार शास्त्री बाजार और कंकाली पारा स्थित छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग भंडार, छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग भंडार सत्यम काम्पलेक्स बिलासपुर और छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग भंडार अग्रसेन चौक जगदलपुर आदि खादी भंडारों में विक्रय किया जा रहा है।