प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षित कुल 73 लाख अभ्यर्थियों में से 40 प्रतिशत महिला अभ्यर्थी हैं
नई दिल्ली : कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस – 2020 के अंतर्गत मनाए जा रहे समारोहों की कड़ी में आज राष्ट्रीय राजधानी में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। मंत्रालय के अधीनस्थ आईटीआई, प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र और जन शिक्षण संस्थान सहित विभिन्न संस्थान और निकाय भी आज विभिन्न स्थानों पर कई तरह के आयोजन कर रहे हैं। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय ने नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में उन विजेताओं का अभिनंदन किया, जो इस तरह के संस्थानों में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता रहे थे। सरकार के विभिन्न कौशल एवं उद्यमिता कार्यक्रमों से लाभान्वित होने वाली अनेक महिलाओं ने अपनी-अपनी ये गाथाएं सुनाईं कि किस तरह से इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए उन्होंने विश्वास प्राप्त किया और अपने जीवन में वित्तीय स्थिरता हासिल की।
कौशल भारत मिशन के विभिन्न कार्यक्रमों एवं पहलों की बदौलत सफलता हासिल करने वाली महिलाओं की सराहना करते हुए डॉ. पांडेय ने इन महिलाओं के ठोस प्रयासों और उपलब्धियों के लिए उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत में महिलाओं का सम्मान करने और जीवन के हर क्षेत्र में उन्हें उचित प्रमुखता देने की लंबी परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि युवा महिला उद्यमियों की प्रेरणादायक गाथाएं अन्य महिलाओं को भी जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगी। उन्होंने कौशल विकास एवं उद्यमिता के लिए एक नया मंत्रालय शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया, जिसके जरिए एक नया परिवेश विकसित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महिलाएं केवल राष्ट्रीय स्तर पर ही सफल नहीं हो रही हैं, बल्कि महिलाओं ने कजान विश्व कौशल प्रतियोगिता में पदक जीत कर भी देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत 73 लाख से भी अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया है जिनमें से 40 प्रतिशत महिलाएं हैं। जन शिक्षण संस्थानों में यह संख्या 90 प्रतिशत से भी अधिक है। डॉ. पांडेय ने कहा कि कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों में महिलाओं की संख्या बढ़ाने की और भी अधिक गुंजाइश है। डॉ. पांडेय ने घोषणा की कि सरकार एक नई महत्वाकांक्षी योजना लाने पर विचार कर रही है जो विश्व स्तरीय कौशल प्रदान करेगी और इसके साथ ही देश में एक कुशल श्रम बल सृजित करेगी।
डॉ. पांडेय ने कहा कि महिलाओं के लिए प्रशिक्षण केवल पारंपरिक क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उद्योग – 4.0 के तहत आवश्यक माने जाने वाले नए जमाने के क्षेत्रों के लिए भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शुरू किए गए विभिन्न कार्यक्रमों जैसे कि स्वच्छ भारत, आयुष्मान भारत, जन धन योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से मुख्यत: महिलाएं ही लाभान्वित हुई हैं। डॉ. पांडेय ने कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप बढ़ने का उल्लेख करते हुए महिलाओं से जागरूकता बढ़ाने और समुचित सावधानियां बरतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अपील की।
इससे पहले कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में सचिव श्री प्रवीण कुमार ने अपने आरंभिक भाषण में कहा कि वैसे तो कुल आबादी में महिलाएं लगभग 50 प्रतिशत हैं, लेकिन देश में कुल श्रम बल का लगभग 27 प्रतिशत ही महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि कुल श्रम बल में महिलाओं का प्रतिशत बढ़ना चाहिए। श्री कुमार ने कहा कि सरकार आईटीआई में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण दे रही है और कुल 33 राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों में से 18 संस्थान विशिष्ट रूप से महिलाओं के लिए ही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं का कौशल बढ़ाने पर काफी ध्यान दिया गया है और इसके अनुकूल नतीजे स्पष्ट रूप से नजर आ रहे हैं। सचिव ने कहा कि सरकार अपना कौशल बढ़ाने के लिए महिलाओं को कई तरह की सुविधाएं देने पर विशेष ध्यान दे रही है जिनमें परिवहन, क्रेच, महिला प्रशिक्षक, कामकाज में लचीलापन और अन्य बुनियादी ढांचागत सुविधाएं शामिल हैं।
बड़ी संख्या में महिला उद्यमियों के साथ-साथ विभिन्न संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं ने भी आज के कार्यक्रम में भाग लिया। मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया जिनमें कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में अपर सचिव सुश्री जूथिका पाटणकर, एनएसडीसी के अध्यक्ष डॉ. मनीष कुमार, सुश्री विनिता अग्रवाल, सुश्री नीलम शमी राव, सुश्री अनुराधा वेमुरी और श्री के.सी. गुप्ता भी शामिल थे।