चन्दौली में गंगा में पलटी नाव, बालिका समेत पांच महिलाएं डूबीं
धीना (चंदौली)
उत्तर प्रदेश के चन्दौली में शनिवार की शाम गंगा नदी में नाव डूबने से हड़कंप मच गया। नाव में सवार लगभग 50 ग्रामीण नदी पार गाजीपुर जिले से खेतों में मजदूरी कर घर लौट रहे थे। नाव में छेद होने पर तेजी से पानी भरता देख कई ग्रामीणों ने तैरकर अपनी जान बचाई। हालांकि एक बालिका समेत पांच महिलाएं डूब गईं। मौके पर आलाधिकारी, कई थाने की पुलिस फोर्स समेत एनडीआरएफ व गोताखोर की टीम पहुंच गई। देर रात तक लापता महिलाओं की तलाश जारी रही।
महुंजी समेत आस पास गांवों के ग्रामीण प्रतिदिन नाव से गंगा उस पार गाजीपुर जिले के तटवर्ती गांव कटरिया, धरमापुर, मलपुरवां व गजाधरपुर गांव के खेतों में मजदूरी करने जाते हैं। रोज की तरह शनिवार की सुबह भी लगभग 50 महिला व पुरुष मजदूरी करने गए थे। इसमें महिलाओं की संख्या अधिक थी। शाम को सभी ग्रामीण नाव में सवार होकर अपने घर लौट रहे थे। महुंजी पहुंचने से पहले ही नाव में छेद होने से पानी भरने लगा। इससे नाव में सवार लोगों में हड़कंप मच गया। कई ग्रामीणों ने तैरकर अपनी जान बचाई।
वहीं शोरगुल सुनकर आस-पास के ग्रामीणों ने छलांग लगाकर कुछ ग्रामीणों को बचाया। हालांकि हादसे में महुंजी गांव की उर्मिला (30) पत्नी वीर बहादुर, मुरलीपुर गांव की फूलवासी (55) पत्नी स्वर्गीय दूधनाथ, कविता (15) पुत्री सजनू व ज्योति (10) पुत्री वीरेंद्र और कुसहीं गांव की ज्योति (14) पुत्री लाल साहब डूब गईं। घटना की जानकारी होने पर गंगा किनारे परिजनों व ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। वहीं डीएम नवनीत सिंह चहल, एसपी हेमंत कुटियाल, एएसपी प्रेमचंद्र, सैयदराजा विधायक सुशील सिंह के अलावा धीना, कंदवा व धानापुर थाने की पुलिस फोर्स, एनडीआरएफ व गोताखोर की टीम पहुंच गई। देर रात तक लापता पांच महिलाओं की खोजबीन जारी रही।
हादसे के बाद फरार हुए नाविक
गंगा नदी में नाव डूबने की घटना के बाद दोनों नाविक फरार हो गए। ग्रामीणों ने बताया कि गाजीपुर जिले के मलपुरवां गांव निवासी मल्लाह सुनील व उसका एक साथी नाव चला रहा था। महुंजी पहुंचने से पहले ही नाव की निचली सतह पर बड़ा-सा छेंद हो गया। तेजी से नाव में पानी भरने लगा। इसी बीच गंगा नदी में छलांग लगाकर दोनों नाविक फरार हो गए।
नाव पर सवार
जिला प्रशासन के सख्ती के बाद भी नावों पर क्षमता से अधिक लोगों को बैठाने पर पूरी तरह रोक नहीं लग सकी है। ग्रामीणों का कहना है कि नाव पर लगभग 50 लोग सवार थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नाविक ने चंद रुपये के लालच में क्षमता से अधिक लोगों को बैठाया था। जर्जर नाव में छेद होने पर हादसा घटित हुआ।