1577 अंक लुढ़का सेंसेक्स, FPI निकाले 6812 करोड़
मुंबई
कोरोना वायरस के महामारी का रूप लेने की आशंका के बीच गुरुवार को शेयर बाजारों में लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट का सिलसिला जारी रहा। बैंक, आईटी और एनर्जी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 143 अंक और नीचे आ गया। कारोबारियों ने कहा कि फरवरी माह के डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव रहा।
465 अंक तक टूटा था सेंसेक्स
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स दिन में कारोबार के दौरान एक समय 465.69 अंक टूटने के बाद अंत में 143.30 अंक या 0.36 प्रतिशत के नुकसान से 39,745.66 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 45.20 अंक या 0.39 प्रतिशत के नुकसान से 11,633.30 अंक पर आ गया। इस तरह पांच कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 1,577.34 अंक नीचे आ चुका है। वहीं निफ्टी भी 492.60 अंक टूट चुका है। आज केवल निफ्टी फॉर्मा और एफएमसीजी के शेयर तेजी के साथ बंद हुए।
ONGC में सबसे बड़ी गिरावट
सेंसेक्स की कंपनियों में ओएनजीसी में सबसे अधिक गिरावट दर्ज हुई। एचसीएल टेक, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, एसबीआई, इंडसइंड बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर भी नुकसान में रहे। वहीं दूसरी ओर सनफार्मा, टाइटन, एशियन पेंट्स और एक्सिस बैंक के शेयर चढ़ गए। निवेश का सुरक्षित विकल्प मानी जाने वाली संपत्तियों मसलन सोना और अमेरिकी बॉन्ड मजबूत हुए हैं। वहीं दुनियाभर के बाजार नीचे आए हैं।
गोल्ड और बॉन्ड में निवेश कर रहे निवेशक
कोरोना वायरस को लेकर निवेशकों की चिंता बढ़ी है। वे सोना और बॉन्ड जैसे सुरक्षित विकल्पों का रुख कर रहे हैं। चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर, 2019 की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत पर स्थिर रहने का अनुमान लगाया गया है। इससे भी धारणा प्रभावित हुई। सरकार दिसंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़े शुक्रवार को जारी करेगी।