November 24, 2024

स्मार्ट सिटी के नए काम पर NGT ने 17 मार्च तक रोक लगायी

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भोपाल
भोपाल स्मार्ट सिटी के मास्टर प्लान और ईआईए रिपोर्ट में ग्रीन बेल्ट को लेकर की गई हेरफेर पर एनजीटी ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। उसने 17 मार्च तक यहां कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दी है. एनजीटी NGT ने ग्रीन एंड ग्रीन लॉयर्स की पिटीशन पर अगली सुनवाई तक ग्रीन बेल्ट में यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. NGT के इस आदेश के बाद भोपाल स्मार्ट सिटी का काम फिलहाल रोक दिया गया है.

NGT ने सिटी कॉर्पोरेशन,नगर निगम और टॉउन एंड कंट्री प्लानिंग को भोपाल के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के ग्रीन बेल्ट में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. केस की अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी.  NGT के सीनियर वकील सचिव वर्मा के मुताबिक ग्रीन एंड ग्रीन लॉयर्स ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सेंट्रल जोनल बैंच भोपाल में पिटीशन दायर की थी.इसमें बताया गया था कि स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन ने नेशनल फॉरेस्ट पॉलिसी के नियमों के तहत ओपन स्पेस और ग्रीन बेल्ट एरिया को डेवलप नहीं किया है. स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन ने टीटी नगर स्टेडियम और दशहरा मैदान को ग्रीन बेल्ट बता दिया है. उसने अपनी रिपोर्ट में इन दोनों जगहों पर पेड़ लगा होना बताया, जो गलत था. स्टेडियम और दशहरा मैदान होने के कारण यहां न तो पेड़ लगे हैं और न ही यहां लगाए जा सकते हैं.

कंस्ट्रक्शन करना एनजीटी के निर्देश की अवहेलना
NGT का कहना है सिर्फ बिल्डर्स को फायदा पहुंचाने के लिए प्रोजेक्ट में इस तरह के प्रावधान रखे गए हैं.आज हुई सुनवाई में भोपाल स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन, नगर निगम और टीएनसीपी को नोटिस जारी किए गए हैं.एनजीटी ने ग्रीन बेल्ट में यथा स्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं.अभी वहां पर कोई कंस्ट्रक्शन नहीं होगा.वर्मा ने बताया कि अभी पूरे प्रोजेक्ट पर संशय है.ग्रीन बेल्ट के बारे में जब तक स्थिति स्पष्ट नहीं होगी, तब तक वहां कंस्ट्रक्शन करना एनजीटी के निर्देश की अवहेलना होगी.

यह है पूरा मामला…?
स्मार्ट सिटी के डेवलपमेंट मास्टर प्लान में टीटी नगर स्टेडियम और दशहरा मैदान को ग्रीन बताया गया है.यह सब स्मार्ट सिटी को हरा-भरा बताने के लिए किया गया.जबकि टीटी नगर स्टेडियम और दशहरा मैदान में कोई हरियाली नहीं है.इन दोनों जगहों का इस्तेमाल अलग-अलग गतिविधियों के लिए हो रहा है.ऐसे में वहां कभी भी प्लांटेशन नहीं हो सकता है.टीएनसीपी के मापदंड के अनुसार दस प्रतिशत एरिया ग्रीन होना चाहिए.लेकिन स्मार्ट सिटी के निर्माण को लेकर जिस तरह से हजारों की संख्या में पेड़ काटे गए, उसके हिसाब से डेवलपमेंट के बाद छह से आठ प्रतिशत एरिया ही ग्रीन रह जाएगा.आरोप है कि 342 एकड़ में स्मार्ट सिटी डेवलप करने से पहले न तो कोई सर्वे किया गया और न ही ग्रीन बेल्ट को लेकर कोई प्लान तैयार किया गया.कागजों में स्टेडियम और दशहरा मैदान को हराभरा बताकर एक तरह से धोख़ाधड़ी की गयी.

 

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