हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल को शहीद का दर्जा देने की मांग, धरने पर परिवार
सीकर
देश की राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान शहीद हुए पुलिस हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल का परिवार धरने पर बैठ गया है. परिवार की मांग है कि रतनलाल को 'शहीद' का दर्जा दिया जाए. दिल्ली के भजनपुरा में हुई हिंसा के दौरान रतनलाल की मौत हो गई थी, वो राजस्थान के सीकर के रहने वाले थे. बुधवार को उनके परिवार ने पैतृक गांव जाने वाले रास्ते पर जाम लगा दिया.
सीकर जाने वाली सड़क पर रतनलाल के परिवार ने तीन किलोमीटर का धरना किया. परिवार का कहना है कि जबतक रतनलाल को शहीद का दर्जा नहीं मिलेगा, वो उनका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. पुलिस कॉन्स्टेबल रतनलाल का पैतृक गांव फतेहपुर शेखावाटी के तिहावली में है, जहां पर परिवार के साथ गांव वाले भी धरना दे रहे हैं. (धरने पर बैठा रतनलाल का परिवार, फोटो: निखिल शर्मा, सीकर)
राजस्थान पुलिस के सीनियर अधिकारी इस वक्त धरने वाली जगह पर पहुंच गए हैं और परिवार को समझाने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस अधिकारियों की परिवार से अपील है कि वो धरना स्थल से हट जाएं और रतनलाल का अंतिम संस्कार करें.
भजनपुरा हिंसा में गई थी रतनलाल की जान
बता दें कि नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर दिल्ली की सड़कों हिंसा का माहौल है. दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में सोमवार को हिंसा के दौरान हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल की ड्यूटी लगी थी. इसी दौरान मौजपुर इलाके में हजारों लोग सड़कों पर उतरे और पत्थरबाजी-आगजनी शुरू कर दी. हिंसा को रोकने के लिए रतनलाल ड्यूटी पर थे और इसी दौरान पत्थरबाजी में वो चोटिल हुए और शहीद हो गए.
जिस वक्त रतनलाल दिल्ली में हिंसा को रोकने के लिए ड्यूटी पर थे, तब वो बुखार से तप रहे थे लेकिन इसके बावजूद हो सड़कों पर उतरे और अपना काम किया. रतन लाल अपने पीछे परिवार में पत्नी पूनम, दो बेटी और एक 9 साल का बेटा छोड़ गए हैं.