आज 71 साल के हो गए हैं डैनी डेन्जोंगपा
परवीन बाबी और डैनी की दोस्ती, एक अधूरी प्रेम कहानी…'माना अपना इश्क अधूरा, दिल ना इस पर शर्मिंदा है। पूरा होकर खत्म हुआ सब, जो है आधा वो ही जिंदा है…' इरशाद कामिल की लिखी ये पंक्तियां अधूरी प्रेम कहानियों को मुकम्मल बना देती हैं। यह दिलचस्प है कि हम सभी अक्सर उन प्रेम कहानियों की ही बात करते हैं जो सामाजिक तौर पर सफल होते हैं। लेकिन 'आधा इश्क' से गहरा कुछ नहीं होता, क्योंकि यह प्यार का वह रूप में जिसमें 'चाहत' सबसे ज्यादा होती है। प्रेम की ऐसी ही एक दास्तान है डैनी डेन्जोंगपा और परवीन बाबी की।
गंगटोक, सिक्किम में पैदा हुए डैनी डेन्जोंगपा का 25 फरवरी को जन्मदिन है। 1948 में पैदा हुए डैनी, 71 साल के हो गए हैं। हमारे सहयोगी ‘फिल्मफेयर’ मैगजीन को दिए एक पुराने इंटरव्यू में डैनी ने खुद परवीन बाबी से जुड़ी अपनी यादों का जिक्र किया। डैनी ने बताया कि वह और परवीन चार साल तक साथ थे, लेकिन फिद दोनों अपनी-अपनी जिंदगी में आगे बढ़ गए।
फिर दोनों जिंदगी में आगे बढ़ गए
मैगजीन को दिए इंटरव्यू में डैनी कहते हैं, ‘तब हम युवा थे। हम चार वर्षों तक साथ रहें फिर हमारी राहें जुदा हो गईं। हमने साथ में बहुत अच्छा समय बिताया। हम हमेशा दोस्त रहे। बाद में मैं किम को डेट करने लगा और परवीन कबीर बेदी व फिर महेश भट्ट को। हम जुहू इलाके में एक ही कॉलोनी, कालुमल एस्टेट में रहते थे।'
परवीन से परेशान रहने लगी डैनी की गर्लफ्रेंड किम
डैनी कहते हैं कि परवीन बाबी हमेशा उनके हर आती थीं। वह अक्सर डैनी को अपने घर डिनर पर भी बुलाती थीं। लेकिन जब आपकी एक्स लगातार आपके घर आए तो यह किसी को भी अच्छा नहीं लगता। डैनी बताते हैं, 'परवीन का इस तरह बेधड़क घर आने से किम परेशान रहने लगी। कई बार ऐसा हुआ कि मैं किम को लेकर जब अपने घर पहुंचा तो परवीन बेडरूम में टीवी देख रही होती थी।’
'मैंने उससे बात की, लेकिन…'
ऐसा नहीं है कि डैनी ने इस बारे में परवीन बाबी से बात नहीं की थी। वह बताते हैं कि जब उन्होंने किम की चिंता के बारे में परवीन से जिक्र किया तो मशहूर ऐक्ट्रेस से कहा, ‘अब हमारे बीच कुछ नहीं है। हम अच्छे दोस्त हैं। मैं इसमें कुछ बुराई नहीं मानती।’ जब परवीन नहीं समझीं तो डैनी ने इस बारे में महेश भट्ट से भी जिक्र किया था।
डिनर टेबल पर परवीन ने की थी अजीब हरकत
डैनी ने इंटरव्यू में बताया कि एक बार वह डिनर कर रहे थे। तब पहली बार उस टेबल पर उन्हें अहसास हुआ कि परवीन बाबी बीमारी है। उस वाकये का जिक्र करते हुए डैनी कहते हैं, 'हम सभी डिनर कर रहे थे। टेबल पर चांदी के वर्क के कुछ टुकड़े गिरे हुए थे। मैंने उसे हटाने के लिए फूंक मारी। परवीन बुरी तरह डर गई। तब महेश भट्ट ने बताया कि परवीन बीमार रहने लगी है। चिड़चिड़ी हो गई है।'
'उसे चीजों, लोगों से लगने लगा था डर'
बता दें कि परवीन बाबी को पैरान्वायड सिजोफ्रेनिया की बीमारी थी। उन्हें कई चीजों और कई लोगों से डर लगने लगा था। महेश भट्ट ने ही डैनी को बताया कि परवीन उन्हें बहुत याद करती हैं और उन्हें मिलते रहना चाहिए। डॉक्टरों ने भी यही सलाह दी थी। डैनी कहते हैं, ‘हम अच्छे दोस्त थे। मैं हमेशा उसके लिए मौजूद रहता था, जब भी उसे मेरी जरूरत होती।’
'वह मुझे अमिताभ का एजेंट बुलाने लगी'
फिर एक समय ऐसा भी आया, जब परवीन से डैनी से बातचीत पूरी तरह बंद कर दी। वह बताते हैं, 'एक दिन अखबार में अमिताभ बच्चन का इंटरव्यू आया था। उसमें उन्होंने मेरा जिक्र एक अच्छे दोस्त के रूप में किया था। परवीन ने वह इंटरव्यू पढ़ा। उसकी बीमारी ने उसके मन में यह शंका बना दी कि उसे कुछ लोगों से खतरा है, इसमें अमिताभ बच्चन भी थे। मैं शाम को परवीन से मिलने पहुंचा। उसने दरवाजे के की-होल से मुझे देखा और दरवाजा नहीं खोला। वह मुझे अमिताभ जी का एजेंट बुलाने लगी। उसने मुझे डरा दिया। इसके बाद वह मुझे देखते ही चीखने लगती। इस तरह मैं उससे दूर रहने लगा।’
टॉप की ऐक्ट्रेस के अंतिम पलों में गिने-चुने साथी
जब परवीन बाबी का निधन हुआ तो डैनी भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए। किसी भी दोस्त के लिए यह सबसे दखुद पल होता है। यह दुर्भाग्य ही रहा कि जिस एक्ट्रेस के लिए किसी दौर में प्रोड्यूसर, डायरेक्टर्स की भीड़ लगी रहती थी, जीवन के अंतिम पलों में उसके साथ कोई नहीं था। डैनी बताते हैं, 'वहां मैं, महेश, कबीर, जॉनी बख्शी, रंजीत और प्रोड्यूसर हरीश शाह के अलावा बहुत गिने-चुने लोग ही थे।’